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राजनीति
ईवीएम की कथित अदला-बदली को लेकर देश में चिंता, चुनाव आयोग ने कहा- सब ठीक है
उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब की कई जगहों पर स्ट्रांग रूम से ईवीएम को ले जाने की शिकायतें आ रही हैं। इससे नेताओं और आम जनता में संदेह बढ़ रहा है। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
21 May 2019
प्रतीकात्मक तस्वीर
(फोटो साभार: सोशल मीडिया)

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण के मतदान के बाद से अब सबको 23 मई को मतगणना का इंतज़ार है, लेकिन इस बीच ईवीएम को लेकर एक नया विवाद छिड़ गया है। इस बार विवाद ईवीएम से छेड़छाड़ का नहीं बल्कि ईवीएम को ही बदलने को लेकर है।

इसे लेकर उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब की कई जगहों से तरह-तरह की ख़बरें आईं और वीडियो वारयरल हुए। इससे विपक्षी दलों में भी हड़कंप है और आरोप-प्रत्यारोप का दौर तेज़ हो गया है। हालांकि चुनाव आयोग का कहना है कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है, ये आरोप बेबुनियाद हैं। 

पूर्वी उत्तर प्रदेश के कई जिलों में सोमवार देर रात से ही ईवीएम बदलने का आरोप लगाते हुए कांग्रेस और गठबंधन के प्रत्याशियों ने जमकर हंगामा किया। 

गाजीपुर में जिला प्रशासन और पुलिस से नोंकझोक के बाद गठबंधन प्रत्याशी अफजाल अंसारी धरने पर बैठ गए। वहीं मिर्जापुर में कांग्रेस प्रत्याशी ललितेश पति त्रिपाठी ने ईवीएम को लेकर शिकायत की है। मऊ में भी देर रात स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर बवाल हुआ। 

WOAH!

WATCH MGB candidate from Gazipur confronting POLICE on EVM safety.

He alleges that a truck full of EVMs was spotted. He is now sitting on dharna outside the counting centre. His demand is that instead of CISF, BSF must protect EVMs.

Watch this space for more. pic.twitter.com/kpYLbyPc73

— SaahilMurli Menghani (@saahilmenghani) May 20, 2019

एसपी मऊ सुरेंद्र बहादुर ने कहा, 'कुछ लोग सोशल मीडिया पर फैली अफवाह के बाद ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर इकट्ठा हो गए थे। उन्हें हल्का बल प्रयोग कर तितर-बितर किया गया। इलाके की कानून-व्यवस्था बरकरार है।' 

सोमवार देर रात यूपी के चंदौली, गाजीपुर और मिर्जापुर में रिजर्व ईवीएम को स्ट्रांगरूम में रखने को लेकर विरोध के मामले सामने आए। इससे जिला प्रशासन को स्थिति संभालने में मुश्किलें आ रही हैं। 

उत्तर प्रदेश के डुमरियागंज में सपा-बसपा कार्यकर्ताओं ने पिछले मंगलवार को ईवीएम से भरा एक मिनी ट्रक पकड़ा। इनका आरोप है कि इस ट्रक को ईवीएम स्ट्रॉन्ग रूम से बाहर लाया जा रहा था। साथ ही इनका आरोप है कि बीजेपी के लोगों ने इन ईवीएम मशीन के साथ छेड़छाड़ की है।

बिहार से आई ख़बर

बिहार में भी कुछ जगहों पर ईवीएम की 'संदिग्ध आवाजाही' का आरोप लगाया गया है। आरजेडी का आरोप है कि बिहार के सारण और महाराजगंज के स्ट्रांग रूम के इर्द-गिर्द ईवीएम मशीनों से भरी गाड़ी पकड़े जाने की खबर ने लोकतंत्र को शर्मसार कर दिया है। 

अभी-अभी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रोंग रूम के आस-पास मँडरा रही EVM से भरी एक गाड़ी जो शायद अंदर घुसने के फ़िराक़ में थी उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ मे सदर BDO भी थे जिनके पास कोई जबाब नही है। सवाल उठना लाजिमी है? छपरा प्रशासन का कैसा खेल?? pic.twitter.com/K1dZCsZNAG

— Rashtriya Janata Dal (@RJDforIndia) May 20, 2019

आरजेडी के फ़ेसबुक पेज और ट्विटर अकाउंट से भी ये तस्वीरें शेयर हुई हैं. आरजेडी ने कहा है, ‘अभी-अभी बिहार के सारण और महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र स्ट्रोंग रूम के आस-पास मंडरा रही ईवीएम से भरी एक गाड़ी, जो शायद अंदर घुसने के फ़िराक़ में थी, उसे राजद-कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने पकड़ा। साथ में सदर बीडोओ भी थे जिनके पास कोई जवाब नहीं है। सवाल उठना लाज़िमी है? छपरा प्रशासन का कैसा खेल??’

चुनाव आयोग की सफाई

इन सभी आरोपों पर चुनाव आयोग ने मंगलवार को बयान जारी किया है। चुनाव आयोग ने इन सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है और कहा है कि जहां भी समस्या थी, वहीं सभी मामलों को सुलझा लिया गया है। 

चुनाव आयोग ने गाजीपुर में लगे आरोपों पर कहा कि यहां ईवीएम स्ट्रांग रूम पर उम्मीदवारों द्वारा निगरानी रखने से संबंधित मुद्दा था, जिसे चुनाव आयोग के निर्देशों के मुताबिक सुलझा लिया गया है। वहीं, चंदौली पर कहा है कि कुछ लोगों ने आरोप लगाया था। ईवीएम उचित सुरक्षा में हैं और प्रोटोकॉल के तहत रखा हुआ है।

1/n Pl note the followg factual reports from concerned Returning Officers in context of varied clips being circulated on media platforms on EVM strong room issues. Clarification issued by RO?wrt mishandling of EVMs in Chandauli, UP. All extant guidelines issued by ECI followed. pic.twitter.com/wNOS3WmtvL

— Sheyphali Sharan (@SpokespersonECI) May 21, 2019

आयोग ने डुमरियागंज के मामले पर कहा है कि ईवीएम सुरक्षित हैं। आरोप बेबुनियाद हैं। उन्हें डीएम और एसपी ने समझा दिया। मामला सुलझ गया है। वहीं झांसी के बारे में कहा कि ईवीएम राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों की उपस्थिति में उचित सुरक्षा और प्रोटोकॉल के तहत हैं। कोई समस्या नहीं।

इसके साथ ही साथ ही चुनाव आयोग ने कहा, 'ईवीएम और वीवीपैट को उम्मीदवारों के सामने ठीक से सील किया गया और उनकी वीडियोग्राफी भी हुई। सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहां पर केंद्रीय सुरक्षाबल के जवान तैनात हैं। उम्मीदवारों को स्ट्रांगरूम की एक बार निगरानी रखने की अनुमति दी गई है और उनके एक प्रतिनिधि को हर वक्त वहां रहने की मंजूरी है। आरोप बेबुनियाद हैं।'

राबड़ी देवी ने उठाए सवाल

यूपी-बिहार समेत देशभर में ईवीएम और वीवीपैट की आवजाही पर आरजेडी की नेता व लालू यादव की पत्नी राबड़ी देवी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर चुनाव आयोग पर बड़ा सवाल उठाया है।

देशभर के स्ट्रोंग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है। ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है।

ये कहाँ से आ रही है,कहाँ जा रही है? कब,क्यों,कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है?चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए।

— Rabri Devi (@RabriDeviRJD) May 21, 2019

राबड़ी देवी ने ट्वीट किया, 'देशभर के स्ट्रॉन्ग रूम्स के आसपास ईवीएम की बरामदगी हो रही है। ट्रकों और निजी वाहनों में ईवीएम पकड़ी जा रही है। ये कहां से आ रही है, कहां जा रही है? कब, क्यों, कौन और किसलिए इन्हें ले जा रहा है? क्या यह पूर्व निर्धारित प्रक्रिया का हिस्सा है? चुनाव आयोग को अतिशीघ्र स्पष्ट करना चाहिए।'

मनीष सिसोदिया ने किया ट्वीट 

दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी ने भी ईवीएम पर सवाल उठाना शुरू कर दिया है। इस कड़ी में दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने ट्वीट किया है- देशभर में मतगणना केंद्रों के आसपास इवीएम खुली गाड़ियों में पकड़ी जा रही हैं। जनता पकड़ रही है...।'

झाँसी...मेरठ...ग़ाज़ीपुर..चंदौली...सारन..हर जगह मतगणना केंद्रों पर मशीने बदली जा रही है..लेकिन चुनाव आयोग और तथाकथित-मीडिया मोदी के सामने नतमस्तक,आँखों पर पट्टी बांधे घुटनों के बल बैठा है..
जनता ने मोदी के ख़िलाफ़ वोट दिया है उसे मीडिया और चुनाव आयोग मिलकर बदल रहे हैं.. https://t.co/dFWnwwNJoe

— Manish Sisodia (@msisodia) May 21, 2019

एक अन्य ट्वीट में मनीष सिसोदिया ने लिखा है- झांसी...मेरठ...ग़ाज़ीपुर..चंदौली...सारन..हर जगह मतगणना केंद्रों पर मशीनें बदली जा रही है..लेकिन चुनाव आयोग और तथाकथित-मीडिया मोदी के सामने नतमस्तक,आंखों पर पट्टी बांधे घुटनों के बल बैठा है..। जनता ने मोदी के खिलाफ वोट दिया है उसे मीडिया और चुनाव आयोग मिलकर बदल रहे हैं...।'  

कांग्रेस ने भी उठाए सवाल

कांग्रेस ने मंगलवार को कहा कि देश के कई हिस्सों में स्ट्रांगरूम से ईवीएम स्थानांतरित किए जाने की शिकायतों पर चुनाव आयोग को तत्काल प्रभावी कदम उठाना चाहिए। पार्टी के नेता राजीव शुक्ला ने यह भी कहा कि यह सुनिश्चित करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष हो।

उन्होंने कहा, 'जगह जगह से ईवीएम स्थानांतरित किए जाने की शिकायतें आ रही हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा और पंजाब ... कई जगहों पर स्ट्रांग रूम से ईवीएम को ले जाने की शिकायतें आ रही हैं। लोगों का संदेह बढ़ रहा है।'

शुक्ला ने कहा, 'चुनाव आयोग को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि चुनाव निष्पक्ष हों। आयोग को तत्काल प्रभावी कदम उठाना चाहिए।'

दूसरी ओर एग्जिट पोल के बाद से कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में निराशा है। जिसको देखते हुए पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने ऑडियो जारी किया है। प्रियंका गांधी ने कहा, 'प्यारे कार्यकर्ता, बहनों और भाइयों, अफवाहों और एग्ज़िट पोल से हिम्मत मत हारिए। ये आपका हौसला तोड़ने के लिए फैलाया जा रहा है। इस बीच आपकी सावधानी और भी महत्वपूर्ण बनती है। स्ट्रांग रूम और काउंटिंग सेंटर में डटे रहिए और चौकन्ने रहिए। हमें पूरी उम्मीद है कि हमारी मेहनत और आपकी मेहनत फल लाएगी।'

महबूबा समेत बहुत सारे लोगों ने जाहिर की आशंका 

इस बीच जम्मू-कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम को लेकर आशंका जताई है। उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ एक और बालाकोट जैसा है। यही नहीं वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी सवाल खड़े करते हुए कहा कि ईवीएम में छेड़छाड़ की नहीं बल्कि अदला-बदली की आशंका है। 

सुप्रीम कोर्ट में याचिका खारिज

वीवीपैट के ईवीएम से 100 फीसदी मिलान की मांग वाली याचिका को ही सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। यही नहीं शीर्ष अदालत ने याचियों को फटकार लगाते हुए कहा कि ऐसी अर्जियों को बार-बार नहीं सुना जा सकता। इससे पहले 50 फीसदी मिलान की मांग को भी खारिज कर दिया गया था। इस बीच विपक्ष मंगलवार को ही ईवीएम को लेकर बैठक करने वाला है। विपक्षी दलों ने साथ मिलकर चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने का भी फैसला लिया है। 

सवालों के घेरे में व्यवस्था?

चुनाव आयोग द्वारा पिछले साल दिसंबर में एक आदेश जारी किया गया था कि सभी ईवीएम, चाहे वो वोटिंग के लिए इस्तेमाल हों या रिजर्व ईवीएम हो, उन्हें सशस्त्र बलों की निगरानी में ही एक जगह से दूसरी जगह ले जाया जा सकता है। इस आदेश में यह भी कहा गया है कि रिजर्व  ईवीएम को भी उसी वक्त वापस करना है जिस वक्त मतदान में प्रयुक्त ईवीएम को वापस किया जाता है। 

अभी सोशल मीडिया पर जितने भी वीडियो वायरल हो रहे हैं, उनमें फिलहाल ईवीएम की ट्रकों के साथ सुरक्षा बल के जवान दिखाई नहीं दे रहे हैं। 

आपको बता दें कि पिछले दिनों भी ईवीएम को लेकर काफी हंगामा हुआ था। आरोप लगा था कि कि देश में करीब 20 लाख ईवीएम लापता हैं। ‘द हिंदू’ ग्रुप की इंग्लिश न्यूज मैग्जीन ‘फ्रंटलाइन’ में छपी वेंकटेश रामकृष्णन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इस बाबत बॉम्बे हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दाखिल की गई है। इसमें ये खुलासा हुआ कि ये वोटिंग मशीन फैक्ट्री में तो बनीं, मगर चुनाव आयोग तक नहीं पहुंचीं। 

हालांकि चुनाव आयोग लगातार ईवीएम को लेकर उठ रहे सवालों का जवाब दे रहा है लेकिन जिस तरह से जनता और विपक्ष के नेता इसे लेकर सवाल उठा रहे हैं उससे देश की चुनावी लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जनता का विश्वास डगमगा रहा है। 

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

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