NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जाकिया जाफरी मामलाः क्रिमिनल रिविजन एप्लिकेशन की आंशिक अनुमति दी गई
अदालत ने कहा कि मैजिस्ट्रेट गलत थें क्योंकि आगे की जांच के आदेश देने की उनके पास कानून के तहत अधिकार नहीं थे।
सबरंग इंडिया
05 Oct 2017
zakia jafri

सुप्रीम कोर्ट की स्पेशल इन्वेस्टिगेटिव टीम की 8 फरवरी 2012 की क्लोजर को स्वीकार करते हुए और आगे की जांच के आदेश को अस्वीकार करते हुए गुजरात हाईकोर्ट की न्यायाधीश सोनिया गोखनी ने क्रिमिनल रिविजन एप्लिकेशन की आंशिक रूप से अनुमति दी है। 26 दिसंबर 2013 की मैजिस्ट्रेट बीजी गणत्र के आदेश को चुनौती देने के लिए ये एप्लिकेशन जाकिया जाफरी द्वारा दी गई थी।

अदालत ने कहा कि मैजिस्ट्रेट गलत थें क्योंकि आगे की जांच के आदेश देने की उनके पास कानून के तहत अधिकार नहीं थे। 8 जून 2006 की जाकिया जाफरी की शिकायत में तथ्य और साक्ष्य प्रस्तुत किए गए कि साल 2002 में गुजरात में हुए दंगे आपराधिक षडयंत्र का हिस्सा था।

हालांकि अदालत ने पूर्व आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट मामले में सुप्रीम कोर्ट के प्रतिकूल टिप्पणी को मानते हुए आपराधिक षडयंत्र पर दलीलों को स्वीकार करने से इनकार कर दिया।

क्रिमिनल रिविजन एप्लिकेशन 205/2014 की आंशिक रूप से अनुमति दी गई। याचिकाकर्ताओं को छूट है कि या तो वे वापस मैजिस्ट्रेट के पास जाएं या हाईकोर्ट (जहां गुलबर्ग मामले की सुनवाई की जा रही है) में जाएं।

जाकिया जाफरी मामले में फैसला पहले स्थगित कर दिया गया था। जाकिया जाफरी ने ने क्रिमिनल रिविजन एप्लिकेशन दायर किया था। उस वक्त एसआईटी के अधिवक्ता रतन कोडेकर ने उन्हें स्पष्टीकरण के लिए उपस्थित होने को कहा था।

इसके बाद फिर पहले दोपहर 1 बजे और दोपहर 2.30 बजे अधिवक्ता मिहिर देसाई (जाकिया जाफरी के वकील) तथा एसआईटी अधिवक्ता वैद्यनाथन को दोबारा उपस्थित होने के लिए कहा गया था। वे सितंबर 8 को उपस्थित हुए। पहले फैसला 21 अगस्त 2017 को देने का आदेश हुआ फिर इसकी तारीख 26 सितंबर की गई।

न्यायाधीश गोखनी ने आज आदेश का सिर्फ ऑप्रेटिव पार्ट ही पढ़ कर सुनाया।
 

Courtesy: सबरंग इंडिया,
Original published date:
05 Oct 2017

बाकी खबरें

  • असद रिज़वी
    CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा
    06 May 2022
    न्यूज़क्लिक ने यूपी सरकार का नोटिस पाने वाले आंदोलनकारियों में से सदफ़ जाफ़र और दीपक मिश्रा उर्फ़ दीपक कबीर से बात की है।
  • नीलाम्बरन ए
    तमिलनाडु: छोटे बागानों के श्रमिकों को न्यूनतम मज़दूरी और कल्याणकारी योजनाओं से वंचित रखा जा रहा है
    06 May 2022
    रबर के गिरते दामों, केंद्र सरकार की श्रम एवं निर्यात नीतियों के चलते छोटे रबर बागानों में श्रमिक सीधे तौर पर प्रभावित हो रहे हैं।
  • दमयन्ती धर
    गुजरात: मेहसाणा कोर्ट ने विधायक जिग्नेश मेवानी और 11 अन्य लोगों को 2017 में ग़ैर-क़ानूनी सभा करने का दोषी ठहराया
    06 May 2022
    इस मामले में वह रैली शामिल है, जिसे ऊना में सरवैया परिवार के दलितों की सरेआम पिटाई की घटना के एक साल पूरा होने के मौक़े पर 2017 में बुलायी गयी थी।
  • लाल बहादुर सिंह
    यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती
    06 May 2022
    नज़रिया: ऐसा लगता है इस दौर की रणनीति के अनुरूप काम का नया बंटवारा है- नॉन-स्टेट एक्टर्स अपने नफ़रती अभियान में लगे रहेंगे, दूसरी ओर प्रशासन उन्हें एक सीमा से आगे नहीं जाने देगा ताकि योगी जी के '…
  • भाषा
    दिल्ली: केंद्र प्रशासनिक सेवा विवाद : न्यायालय ने मामला पांच सदस्यीय पीठ को सौंपा
    06 May 2022
    केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच इस बात को लेकर विवाद है कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रशासनिक सेवाएं किसके नियंत्रण में रहेंगी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License