NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जेएनयू फिर हुआ लाल, छात्र संघ के चारों पदों पर वाम मोर्चे की जीत
हंगामे और विवाद के बाद सेंट्रल पैनल के लिए गिने गए कुल 5170 वोटों में सभी चार पदों- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, महासचिव और संयुक्त सचिव- पर वाम मोर्चा के उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
16 Sep 2018
JNUSU elections 2018

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) एक बार फिर लाल हो गया है। छात्र संघ चुनाव में मुख्य पैनल के सभी चार पदों वाम मोर्चे की जीत हुई है। अध्यक्ष पद पर वाम मोर्चे के उम्मीदवार एन. साई बालाजी, उपाध्यक्ष पद पर सारिका चौधरी,महासचिव पद पर एजाज अहमद राथेर और संयुक्त सचिव पद पर अमुथा जयदीप ने जीत हासिल की।

तमाम कोशिशों के बावजूद आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी के हाथ कुछ नहीं आया है।

जेएनयू छात्र संघ के लिए 14 सितंबर को वोट डाले गए थे। इस दौरान करीब 68 प्रतिशत मतदान हुआ था। इसके बाद शुरू हुई।

मतगणना के दौरान काफी हंगामा और विवाद हुआ। आरोप है कि एबीवीपी ने मतगणना के दौरान खलल डालने की कोशिश की और मारपीट भी की। जिसके बाद मतगणना को रोक दिया गया। शनिवार को दिन भर इसी को लेकर ऊहापोह और हंगामा रहा। वाम मोर्चे के मुताबिक अपनी हार सामने देखकर एबीवीपी ने इस तरह की गुंडागर्दी की जिससे चुनाव परिणाम अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिए जाएं, क्योंकि एबीवीपी कोई काउंसर पद भी नहीं जीत पाई।

हंगामे और विवाद के बाद गिने गए कुल 5170 वोटों में सभी चारों पदों पर वाम मोर्चा के उम्मीदवार चुने गए।

आपको बता दें कि वाम समर्थित ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन (आइसा), स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), डेमोक्रैटिक स्टूडेंट्स फेडरेशन (डीएसएफ) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) ने 'लेफ्ट यूनिटी'गठबंधन के तहत एक साथ चुनाव लड़ा था। इसके बरअक्स राष्ट्रीय स्वयंसेवक के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), कांग्रेस के छात्र संगठन भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और बिरसा-आंबेडकर-फूले स्‍टूडेंट एसोसिएशन(बापसा) के उम्मीदवार सामने थे। निर्दलीयों ने भी इस चुनाव में अपनी किस्मत आज़माई।

अंतिम परिणाम कुछ इस प्रकार रहे:

■ सेंट्रल पैनल

गिने गए वोट-5170

कुल वोट- 5170

■ अध्यक्ष

●एन. साईं बालाजी (वाम मोर्चा)- 2161

●ललित पाण्डेय (एबीवीपी)- 982

●थल्लापल्ली प्रवीण (बापसा)- 675

●विकास यादव (एनएसयूआई)-402

● जयंत कुमार 'जिज्ञासु' (छात्र राजद)- 540

◆नोटा- 128

 

■ उपाध्यक्ष

●सारिका चौधरी (वाम मोर्चा)- 2692

●गीताश्री बरुआ (एबीवीपी)- 1012

●पूर्णचंद्रा नाईक (बापसा)- 644

●लिजी के बाबू (एनएसयूआई)- 457

◆नोटा- 288

 

■ महासचिव

●एजाज़ अहमद राथेर(वाम मोर्चा)-2423

●गणेश गुर्जर (एबीवीपी)- 1123

●विश्वभर नाथ प्रजापति (बापसा)-837

●मो. मोफिजुल आलम(एनएसयूआई)-328

◆नोटा- 388

 

■ संयुक्त सचिव

●अमुथा जयदीप(वाम मोर्चा)- 2047

●वेंकट चौबे (एबीवीपी)- 1247

●कनकलता यादव(बापसा)- 689

●नुरेंग रीना (एनएसयूआई)- 772

◆नोटा- 344

JNUSU
JNUSU 2018
Left unity
students' politics

Related Stories

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

जेएनयू छात्र झड़प : एबीवीपी के अज्ञात सदस्यों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज

जेएनयू में फिर हिंसा: एबीवीपी पर नॉनवेज के नाम पर छात्रों और मेस कर्मचारियों पर हमले का आरोप

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

जेएनयू हिंसा के दो साल : नाराज़ पीड़ितों को अब भी है न्याय का इंतज़ार 

एबीवीपी सदस्यों के कथित हमले के ख़िलाफ़ जेएनयू छात्रों ने निकाली विरोध रैली

बंगाल चुनावः तृणमूल नेताओं को भगवा पहनाकर चुनावी बिसात बैठा रही भाजपा!


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License