NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
जेएनयूएसयू चुनाव परिणाम जारी करने पर लगी रोक हटी, छात्रों ने कहा-जेएनयू की जीत 
दिल्ली हाईकोर्ट ने नतीजे घोषित करने के लिए हरी झंडी दे दी है। हाईकोर्ट ने चुनाव नतीजों पर लगाई गई रोक को हटाने के साथ ही दायर बाक़ी याचिकाओं को भी रद्द कर दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Sep 2019
JNU

दिल्ली उच्च न्यायालय ने जेएनयू चुनाव समिति को छह सितंबर को हुए छात्र संघ चुनाव के परिणामों की घोषणा करने की मंगलवार को अनुमति दे दी।

न्यायमूर्ति संजीव सचदेवा ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय प्रशासन को भी लिंगदोह समिति की सिफारिशों के अनुसार चुनाव परिणाम अधिसूचित करने की अनुमति दे दी।

इसके बाद उम्मीद है कि अंतिम नतीजे आज आ जाएंगे। दिल्ली हाईकोर्ट ने चुनाव नतीजों पर लगाई गई रोक को हटने के साथ ही दायर बाक़ी याचिकाओं को भी रद्द कर दिया है।

कोर्ट ने दो छात्रों की दो याचिकाओं का निपटारा करते हुए यह आदेश दिया।  छात्रों ने आरोप लगाया था कि जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ में काउंसलर के चुनाव के लिए उनके पर्चे को अवैध तरीके से खारिज कर दिया गया।

छात्रसंघ की नयी होने वाली अध्यक्ष आइशे घोष ने कोर्ट के निर्णय को जेएनयू की जीत कहा। ख़ासतौर पर उन्होंने इलेक्शन कमेटी का शुक्रिया कहा। उन्होंने कहा कि प्रशासन के दबाव के  बाद भी इलेक्शन कमेटी के सदस्यों ने निष्पक्ष चुनाव प्रकिया को पूरा किया। इसके लिए हमें उनका धन्यवाद देना चाहिए। पिछले 15-20 दिनों में उन्हें प्रशासन द्वार जितना प्रताड़ित किया गया है, उसके बाद कोई भी हार मान जाए लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी।  

जेएनयूएसयू वोटिंग के तुरंत बाद ही नतीजे आ जाते थे, लेकिन इसबार दिल्ली हाईकोर्ट ने नतीजे घोषित करने पर रोक लगा दी थी। इस चुनाव के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा गया था कि इस बार लिंगदोह कमेटी की शिफारिशों का पालन नहीं किया गया है। जिसके बाद कोर्ट ने  विश्वविद्यालय को 17 सितंबर तक चुनाव परिणाम अधिसूचित करने से रोक दिया था और जेएनयू प्रशासन इलेक्शन कमेटी से जवाब दाखिल करने के लिए कहा था। इसके लिए 17 सिंतबर तक समय दिया गया था। 17 सिंतबर को इलेक्शन कमेटी कोर्ट में अपना पक्ष रखा, जिसके बाद कोर्ट ने परिणाम जारी करने की अनुमति दे दी।

JNU
JNU Election
Delhi High court
Delayed JNU election result
JNUSU
JNUSU elections

Related Stories

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

शिक्षाविदों का कहना है कि यूजीसी का मसौदा ढांचा अनुसंधान के लिए विनाशकारी साबित होगा

जेएनयू में छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में एक व्यक्ति गिरफ़्तार, GSCASH बहाली की मांग

दिल्ली : याचिका का दावा- स्कूलों से अनुपस्थित हैं 40,000 शिक्षक, कोविड संबंधी ज़िम्मेदारियों में किया गया नियुक्त

प्रत्यक्ष कक्षाओं की बहाली को लेकर छात्र संगठनों का रोष प्रदर्शन, जेएनयू, डीयू और जामिया करेंगे  बैठक में जल्द निर्णय

दिल्ली विश्वविद्यालय के शिक्षकों ने वेतन नहीं मिलने के विरोध में की हड़ताल

दिल्ली : विश्वविद्यालयों को खोलने की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे छात्रों को पुलिस ने हिरासत में  लिया


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License