NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
जेएनयूएसयू का आरोप: प्रवेश परीक्षा के पेपर हुए लीक
इसको लेकर छात्र नेताओं ने वीसी को रविवार को मेल भी किया था मगर जवाब नहीं मिला। इसके बाद सोमवार को उनसे मिले भी और अपनी लिखित शिकायत दी, जिसे उनके ऑफ़िस ने रिसीव भी किया। छात्र नेताओं ने दावा किया कि वीसी ने आश्वासन भी दिया है कि इस मामले को नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को भेजा जाएगा क्योंकि इस बार वही यह एग्ज़ाम करवा रहा है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Jun 2019
JNU
फोटो साभार: news18

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) प्रवेश परीक्षा में पेपर लीक की आशंका जताते हुए जेएनयू छात्रसंघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की और इस परीक्षा में धाधंली का आरोप लगाया, और साथ ही इसकी जाँच की मांग की। मीडिया रिपोर्ट का उल्लेख करते हुए जेएनयूएसयू ने कहा कि स्कूल ऑफ़ लैंग्वेज के बीए प्रथम वर्ष का ऐंट्रेंस पेपर 28 मई 2019 को व्हाट्सएप पर शेयर किया जा रहा था।

इसको लेकर छात्र नेताओं ने वीसी को रविवार को मेल भी किया था मगर जवाब नहीं मिला। इसके बाद सोमवार को उनसे मिले भी और अपनी लिखित शिकायत दी, जिसे उनके ऑफ़िस ने रिसीव भी किया। छात्र नेताओं ने दावा किया कि वीसी ने आश्वासन भी दिया है कि इस मामले को नैशनल टेस्टिंग एजेंसी को भेजा जाएगा क्योंकि इस बार वही यह एग्ज़ाम करवा रहा है।
 
परन्तु मिडिया रिपोर्ट के अनुसार नेशनल टेस्टिंग एजेंसी के महानिदेशक विनीत जोशी ने कहा कि उन्हें जेएनयू की तरफ़ से कोई शिकायत नहीं मिली है। उन्होंने प्रश्न पत्र लीक होने की सभी संभावनाओं को ख़ारिज किया।
 
जेएनयू इतहास में पहली बार इस तरह के आरोप 

जब कुलपति और जेएनयू प्रशासन ने ऐंट्रेंस पेपर को ऑनलाइन करने का निर्णय किया था तब भी सभी छात्र संगठनों ने इसका विरोध किया था। जेएनयूएसयू ने कहा कि जेएनयूईई ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा कराने का फ़ैसला जेएनयूवीसी द्वारा लिया गया एकतरफ़ा फ़ैसला था और यह बहुस्तरीय घोटाला है। जेएनयू एडमिन ने परीक्षा से पहले ही शिक्षकों से उत्तर कुंजी देने को कहा था जो कि परीक्षा की सुरक्षा और निष्पक्षता के लिए उचित नहीं है।

छात्रसंघ ने यह भी कहा कि जेएनयू के 50 साल के इतिहास में पहली बार किसी बाहरी निजी विक्रेता, जैसे राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी को जेएनयू ऐंट्रेंस एग्ज़ाम करने का आदेश दिया। आश्चर्य की बात है कि परिणाम का मूल्यांकन जेएनयू संकाय (फ़ैकल्टी) द्वारा सरल ऑफ़लाइन मोड परीक्षा में होता था और मूल्यांकन के विपरीत अधिक जटिलता पैदा करके वहाँ एक अन्य निजी एजेंसी को दिया गया था।

छात्रों का इस नई प्रणाली को लेकर भी विरोध 

जेएनयू के अधिकतर छात्रों का मानना है कि ऐंट्रेंस एग्ज़ाम के लिए बहुवैकल्पिक प्रश्नपत्र यानी एमसीक्यू को लेकर आपत्ति रही है, विशेष रूप से एक विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा के लिए यह तर्कसंगत नहीं है। जेएनयू इससे पहले ऑफ़लाइन प्रवेश प्रणाली का परीक्षण करता रहा है, जो व्यक्तिपरक और उद्देश्य प्रश्नों का उपयुक्त मिश्रण है, एक अकादमिक श्रेष्ठ मॉडल था, जो छात्रों को समझ, लेखन और विश्लेषणात्मक कौशल के विभिन्न मापदंडों पर आंकलन करने के लिए डिज़ाइन किया गया था। 

लेकिन कुलपति ऑनलाइन मोड के माध्यम से एमसीक्यू प्रारूप के पक्षधर रहे हैं। इसको लेकर विरोध कर रहे छात्रों का कहना है कि वो अकादमिक रूप से फेरबदल किया जा सके। साथ ही एमसीक्यू प्रारूप के लिए यह आसान है कि साफ़ सुथरी और निष्पक्ष परीक्षा प्रक्रिया के साथ टेम्पर किया जा सके। इसका फ़ायदा वो अपने लोगों के लिए कर रहे हैं कि कौन चयनित होगा और कौन नहीं। इस पर उनका नियंत्रण है।
 
कुलपति पर इससे पहले भी पक्षपातपूर्ण तरीक़े से शिक्षकों की भर्ती और एक विशेष प्रकार के विचारधारा के लोगों को नियुक्त करने और संकाय चयन समितियों के साथ छेड़छाड़ करने का आरोप लगाया जा चुका है।

यह गंभीर मामला है क्योंकि जेएनयू देश के सबसे प्रतिष्ठित विश्वविद्यालयों में से एक है। यहाँ पूरे देश से छात्र एडमिशन लेना चाहते हैं और इसके लिए वो ऐंट्रेंस एग्ज़ाम देते हैं और अगर ऐसे में इस पूरी प्रक्रिया पर सवाल उठ रहे हैं, तो ईमानदारी और मेहनत से पढ़ाई करने वाले छात्रों को बड़ा धक्का लगता है। अगर ऐसा होता है तो यह छात्रों के जीवन को बर्बाद करने और ऑनलाइन प्रवेश परीक्षा के अपने संदिग्ध मॉडल के माध्यम से छात्रों के जीवन को बर्बाद करने वाला हो सकता है।
 
जेएनयू छात्र संघ ने जो पेपर लीक के आरोप लगाए हैं वो कितने सही हैं, इसका पता तो उसकी जाँच के बाद ही चलेगा लेकिन इस घटनाक्रम ने एक बात को उजागर किया है कि जेएनयू प्रशासन ने विश्वसनीय तंत्र से समझौता किया और जिस नए तंत्र को लागू किया उसे पुरानी प्रक्रिया से बेहतर बताने के कोई तर्क मौजूद नहीं हैं।
इस पूरे मामले पर अभी तक जेएनयू प्रशासन या कुलपति की तरफ़ से कोई आधिकारिक जवाब नहीं आया है, इससे छात्रों का संदेह और गहरा हो रहा है।

JNU
JNUSU
JNU student
question paper
exam papers
paper leak
jnu paper leak
entrance exam
Delhi
central university

Related Stories

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

जेएनयू: अर्जित वेतन के लिए कर्मचारियों की हड़ताल जारी, आंदोलन का साथ देने पर छात्रसंघ की पूर्व अध्यक्ष की एंट्री बैन!

बीएचयू: लाइब्रेरी के लिए छात्राओं का संघर्ष तेज़, ‘कर्फ्यू टाइमिंग’ हटाने की मांग

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

बीएचयू: 21 घंटे खुलेगी साइबर लाइब्रेरी, छात्र आंदोलन की बड़ी लेकिन अधूरी जीत

45 केंद्रीय विश्वविद्यालयों में दाखिले के लिए होगी प्रवेश परीक्षा, 12वीं में प्राप्त अंकों के आधार पर प्रवेश खत्म

शिक्षाविदों का कहना है कि यूजीसी का मसौदा ढांचा अनुसंधान के लिए विनाशकारी साबित होगा

जेएनयू में छात्रा से छेड़छाड़ के मामले में एक व्यक्ति गिरफ़्तार, GSCASH बहाली की मांग


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License