NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जम्मू-कश्मीर पर सरकार का फ़ैसला अलोकतांत्रिक : गांधी पीस फाउंडेशन
गांधी पीस फाउंडेशन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने पर सरकार की आलोचना की। इस बयान पर फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत,गांधी स्मारक निधि के रामचंद्र राही, द सेंटर फोर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज के आशीष नंदी और रजा फाउंडेशन के अशोक वाजपेयी आदि ने हस्ताक्षर किये हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
17 Aug 2019
प्रतीकात्मक तस्वीर
प्रतीकात्मक तस्वीर। साभार : वेबदुनिया

गांधी पीस फाउंडेशन ने जम्मू कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त करने और उसे केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने को लेकर शुक्रवार को केंद्र सरकार की आलोचना की एवं उस पर घाटी के लोगों का ‘मुंह बंद करने’ के लिए बल प्रयोग करने का आरोप लगाया।

फाउंडेशन ने एक बयान में कहा कि इस ‘अलोकतांत्रिक’’ निर्णय के चलते एक राज्य ‘मिट’ गया।

उसने कहा कि जम्मू कश्मीर कुछ शर्तों के साथ भारत से जुड़ा था और अनुच्छेद370 उसी का नतीजा था।

सरकार ने कहा है कि अनुच्छेद के अधिकतर प्रावधानों को निरस्त करने से आतंकवाद पर अंकुश लगेगा और विकास की बयार बहेगी। अनुच्छेद370से जम्मू कश्मीर में अलगाववाद,आतंकवाद और भ्रष्टाचार को हवा मिली।

 

भाजपा के इस दावे पर कि तीन परिवारों समेत महज चंद लोगों का ही इस क्षेत्र में भ्रष्टाचार एवं अन्य समस्याओं के पीछे हाथ है,फाउंडेशन ने कहा कि यदि सच में ऐसा था तो सरकार को उनके विरूद्ध कार्रवाई करनी चाहिए थी। लेकिन पूरी घाटी को ‘जेल’ में तब्दील कर दिया गया।

फाउंडेशन ने कहा कि कश्मीर के लोगों के साथ खड़े होने की जरूरत है और सरकार को उन्हें अपना पक्ष अभिव्यक्त करने देना चाहिए।

इस बयान पर फाउंडेशन के अध्यक्ष कुमार प्रशांत, गांधी स्मारक निधि के रामचंद्र राही, द सेंटर फोर स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज के आशीष नंदी और रजा फाउंडेशन के अशोक वाजपेयी आदि ने हस्ताक्षर किये हैं।

आपको बता दें कि इसके अलावा इंडियन राइटर्स फ़ोरम की ओर से 200 से ज़्यादा सामाजिक कार्यकर्ताओं, लेखकों, कवियों ने एक बयान जारी कियागया है, जिसमें कहा गया है कि जम्मू-कश्मीर को लेकर सरकार का फ़ैसला लोकतंत्र का मज़ाक़ बनाना है!

इसे पढ़ें : 200 से ज़्यादा लेखकों, सामाजिक कार्यकर्ताओं ने 370 हटाने के ख़िलाफ़ जारी किया बयान

इस बयान में देश के सभी नागरिकों से अपील की गई है कि वो आगे आयें और कश्मीर की अवाम के साथ एकजुट हो कर खड़े हों।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

 

Jammu and Kashmir
Article 370
Article 35A
social workers
Religious discrimination
Religious fundamentalism
Gandhi Peace Foundation

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?

कैसे जम्मू-कश्मीर का परिसीमन जम्मू क्षेत्र के लिए फ़ायदे का सौदा है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार : गेहूं की धीमी सरकारी ख़रीद से किसान परेशान, कम क़ीमत में बिचौलियों को बेचने पर मजबूर
    30 Apr 2022
    मुज़फ़्फ़रपुर में सरकारी केंद्रों पर गेहूं ख़रीद शुरू हुए दस दिन होने को हैं लेकिन अब तक सिर्फ़ चार किसानों से ही उपज की ख़रीद हुई है। ऐसे में बिचौलिये किसानों की मजबूरी का फ़ायदा उठा रहे है।
  • श्रुति एमडी
    तमिलनाडु: ग्राम सभाओं को अब साल में 6 बार करनी होंगी बैठकें, कार्यकर्ताओं ने की जागरूकता की मांग 
    30 Apr 2022
    प्रदेश के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 अप्रैल 2022 को विधानसभा में घोषणा की कि ग्रामसभाओं की बैठक गणतंत्र दिवस, श्रम दिवस, स्वतंत्रता दिवस और गांधी जयंती के अलावा, विश्व जल दिवस और स्थानीय शासन…
  • समीना खान
    लखनऊ: महंगाई और बेरोज़गारी से ईद का रंग फीका, बाज़ार में भीड़ लेकिन ख़रीदारी कम
    30 Apr 2022
    बेरोज़गारी से लोगों की आर्थिक स्थिति काफी कमज़ोर हुई है। ऐसे में ज़्यादातर लोग चाहते हैं कि ईद के मौक़े से कम से कम वे अपने बच्चों को कम कीमत का ही सही नया कपड़ा दिला सकें और खाने पीने की चीज़ ख़रीद…
  • अजय कुमार
    पाम ऑयल पर प्रतिबंध की वजह से महंगाई का बवंडर आने वाला है
    30 Apr 2022
    पाम ऑयल की क़ीमतें आसमान छू रही हैं। मार्च 2021 में ब्रांडेड पाम ऑयल की क़ीमत 14 हजार इंडोनेशियन रुपये प्रति लीटर पाम ऑयल से क़ीमतें बढ़कर मार्च 2022 में 22 हजार रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गईं।
  • रौनक छाबड़ा
    LIC के कर्मचारी 4 मई को एलआईसी-आईपीओ के ख़िलाफ़ करेंगे विरोध प्रदर्शन, बंद रखेंगे 2 घंटे काम
    30 Apr 2022
    कर्मचारियों के संगठन ने एलआईसी के मूल्य को कम करने पर भी चिंता ज़ाहिर की। उनके मुताबिक़ यह एलआईसी के पॉलिसी धारकों और देश के नागरिकों के भरोसे का गंभीर उल्लंघन है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License