NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जम्मू-कश्मीर अपडेट : श्रीनगर में बड़ा प्रदर्शन, पुलिस ने किया बल प्रयोग, गृह मंत्रालय का इंकार
ख़बरें हैं कश्मीर के लोग कश्मीर के बंटवारे और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर रहे हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि स्थिति बिल्कुल सामान्य है। इसी के तहत जम्मू में धारा 144 हटाई गई है और डोडा व किश्तवाड में कर्फ्यू में ढील दी गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Aug 2019
jammu and kashmir
Image Courtesy: Al Jazeera

जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा ख़त्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर के अवाम की आवाज़ शेष भारत तक कम पहुंच रही है। मुख्य धारा का मीडिया भी इसे जगह नहीं दे रहा है। ख़बरें हैं कश्मीर के लोग कश्मीर के बंटवारे और अनुच्छेद 370 हटाए जाने के ख़िलाफ़ सड़कों पर उतर रहे हैं। हालांकि सरकार का दावा है कि स्थिति बिल्कुल सामान्य है। इसी के तहत जम्मू में धारा 144 हटाई गई है औरडोडा व किश्तवाड में कर्फ्यू में ढील दी गई है।

अंतरराष्ट्रीय समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक आर्टिकल 370 के विरोध में शुक्रवार को श्रीनगर में तकरीबन 10 हजार लोग इकठ्ठा हुए। कुछ प्रदर्शनकारियों ने काले झंडे थामे हुए थे और कुछ ने अपने हाथ में तख्तियां ली हुईं थीं जिन पर 'वी वांट फ्रीडम' और'अनुच्छेद 370 को हटाया जाना मंजूर नहीं' जैसे नारे लिखे हुए थे। इस विरोध को दबाने के लिए पुलिस की तरफ से आंसू गैस के गोले छोड़े गए और पैलेट गन का इस्तेमाल किया गया। आर्टिकल 370 हटाए जाने और राज्य के 500 से अधिक नेताओं और अलगाववादी नेताओं के गिरफ्तारी और नज़रबंदी के बाद से यह राज्य में हुआ सबसे बड़ा विरोध प्रदर्शन था। इस विरोध प्रदर्शन पर एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि श्रीनगर के सौरा इलाके में बहुत सारे लोग इकठ्ठा हुआ। इनका इकठ्ठा होना उस सरकारी आदेश का उल्लंघन था, जिसमें कहा गया था कि चार लोग से अधिक लोग एक साथ इकठ्ठा नहीं होने चाहिए।

 पैलेट गन से घायल लोग श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर मेडिकल साइंस इंस्टिट्यूट में भर्ती है। इस पूरे विरोध प्रदर्शन के चश्मदीद ने बताया कि पुलिस, भीड़ को धकलते हुए श्रीनगर के आइवा पुल पर ले गयी। वहां पर जब पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और पैलेट गन का इस्तेमाल करना शुरू किया तो औरतों और बच्चों ने नीचे पानी में छलांग लगाना शुरू कर दिया।  

एक और चश्मदीद ने बताया कि पुलिस ने हम पर दोनों तरफ से घेरकर हमला किया। अभी तक पैलेट गन से घायल हुए तकरीबन 30लोग अस्पताल में भर्ती हैं। अचरज करने वाली बात यह है कि यह सब प्रधानमंत्री के 370 हटाए जाने के बाद दिए गए उस भाषण के एक दिन बाद हो रहा था, जिसमें वह कह रहे थे कि धीरे धीरे सब सामान्य हो जाएगा। उस वक्त यह हो रहा था जब विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार यह कह रहे थे श्रीनगर के बाहर हालत सामान्य होते जा रहे हैं। धीरे धीरे लोग रोजाना के काम पर जाने लगेंगे। गाड़ियां चलने लगेंगी। अगर हम कानून व्यवस्था बनाये रखने में सफल होते हैं तो सारे प्रतिबंधों में ढील दे दी जाएगी। 

रायटर्स की ही खबर के मुताबिक कश्मीर के अधिकारियों को उम्मीद है कि गुस्सा कम हो जाएगा। शुक्रवार को, उन्होंने निवासियों को मस्जिदों में नमाज़ अदा करने की अनुमति दी। प्रतिबंधों में ढील दी ताकि वे सोमवार को पड़ने वाले ईद की व्यवस्था कर पाएं। जम्मू कश्मीर के एक बड़े अधिकारी बशीर खान ने कहा कि रविवार के दिन तक खाने का जरूरी सामान घाटी में ट्रक से पहुंचा दी जाएगा। अपने सगे-संबंधियों से बात करने के लिए एक दो दिन में तकरीबन 300 पब्लिक टेलीफोन बूथ स्थापित कर दिए जायेंगे। 

खान ने कहा कि घाटी में सभी मेडिकल सेवाएं सामान्य रूप से काम कर रही हैं, हालांकि जब रॉयटर्स ने दो बड़े अस्पतालों में एक छोटी मेडिकल सुविधा का दौरा किया, अधिकारियों ने कहा कि डॉक्टरों और कर्मचारियों को काम तक पहुंचने में कठिनाई हो रही है।  

अलजज़ीरा, न्यूयॉर्क टाइम्स, वाशिंगटन पोस्ट की रिपोर्टों में ये दावा भी किया गया है कि घाटी में 'विदेशी पत्रकारों और संचार सेवाओं पर पाबंदी' जारी है। हालांकि भारतीय मीडिया रिपोर्ट्स में कश्मीर में सामान्य स्थिति का दावा किया जा रहा है और कहा जा रहा है कि स्थिति शांतिपूर्ण है। 

बीबीसी संवाददाता ज़ुबैर अहमद ने शुक्रवार को करगिल का दौरा किया और पाया कि वहां का माहौल तनावपूर्ण है। ज़ुबैर अहमद बताते हैं कि लद्दाख का करगिल एक मुस्लिम बहुल इलाक़ा है। लोग करगिल को जम्मू-कश्मीर से अलग कर लद्दाख से जोड़ देने से ख़ुश नहीं हैं। लोग इसलिए भी नाराज़ हैं क्योंकि लद्दाख को विधानसभा नहीं दी गई है। उनका कहना है कि वो वोटिंग नहीं कर पाएंगे। करगिल में बीते एक-दो दिनों में पुलिस और आम लोगों के बीच मुठभेड़ भी हुई है। पुलिस के ऊपर पथराव भी किया गया है। गुस्से में आकर लोगों ने दुकान बंद कर रखी है। लोगों की मांग है कि पहले की स्थिति बहाल कर दी जाए।

कश्मीर में केवल छिटपुट प्रदर्शन हुए : गृह मंत्रालय

उधर, ‘पीटीआई-भाषा’ से जारी ख़बर के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने के खिलाफ पिछले कुछ दिनों में कश्मीर घाटी में छिटपुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं हुए।

मंत्रालय के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘‘श्रीनगर/बारामूला में छिटपुट प्रदर्शन हुए और इनमें से किसी प्रदर्शन में 20 से अधिक लोग शामिल नहीं रहे।’’

प्रवक्ता ने कश्मीर में करीब 10,000 लोगों के प्रदर्शन की मीडिया में आयी खबर को ‘‘गढ़ा हुआ तथा गलत’’ बताते हुए खारिज कर दिया।

जम्मू में धारा 144 हटाई गई, डोडा और किश्तवाड में कर्फ्यू में ढील

पीटीआई के मुताबिक जम्मू-कश्मीर के पांच जिलों से सीआरपीसी की धारा-144 के तहत लागू निषेधाज्ञा हटा दी गई है और किश्तवाड़ एवं डोडा जिलों में कर्फ्यू में ढील दी गई है।

अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि राज्य का विशेष दर्जा वापस लेने के बाद बुरी तरह से प्रभावित हुआ जनजीवन अब सामान्य हो रहा है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि जम्मू क्षेत्र के पांच जिलों में स्कूल और कॉलेज खोल दिए गए हैं। सरकारी कार्यालयों में भी उपस्थिति बढ़ी है।

उन्होंने कहा,‘‘ जम्मू, कठुआ, सांबा, उधमपुर और रियासी जिलों में सभी तरह के प्रतिबंध हटा लिए गए हैं। आज (शनिवार) सभी शैक्षणिक संस्थान दोबारा खोल दिए गए।’’

जम्मू की जिला मजिस्ट्रेट सुषमा चौहान की ओर से जारी आदेश के अनुसार, सभी स्कूल, कॉलेज और शिक्षण संस्थान 10 अगस्त से सामान्य कामकाज शुरू कर सकते हैं।

अधिकारी ने बताया कि हालात सामान्य हो रहे हैं और पांच अगस्त को निषेधाज्ञा लागू करने के बाद से अब तक क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना नहीं हुई। इन जिलों में सभी बाजार और दुकानें खुली हैं एवं यातायात सामान्य है। इलाके में जुमे की नमाज शांतिपूर्ण तरीके से पढ़ी गई। हालांकि, पुंछ, राजौरी और रामबन जिलों में प्रतिबंध जारी रहेंगे।

अधिकारी ने बताया कि पांच अगस्त को प्रशासन ने जम्मू क्षेत्र के दस जिलों में सीआरपीसी की धारा-144 के तहत निषेधाज्ञा लागू की थी।

किश्तवाड़ के जिला विकास आयुक्त अंग्रेज सिंह राणा ने बताया कि शहर के विभिन्न इलाकों में चरणबद्ध तरीके से एक घंटे के लिए कर्फ्यू में ढील दी गई।

राणा ने ‘पीटीआई-भाषा’ को बताया, ‘‘पूरे जिले में शुक्रवार की नमाज शांतिपूर्ण ढंग से अदा की गई। उन्होंने बताया कि कर्फ्यू में पहली बार शाम 4 से 5 बजे तक वासर, संगरभट्टा और गिरिनगर के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में ढील दी गई और फिर शाम 6 बजे से 7 बजे तक पोचल-बी, हट्टा, सरकूट और भगवान मोहल्ला इलाकों में ढील दी गई।’’

उन्होंने बताया कि स्थिति शांतिपूर्ण रही और शनिवार को शहर और इसके आसपास के अन्य हिस्सों में कर्फ्यू में ढील दी जाएगी।

अधिकारियों ने बताया कि भद्रवाह और पड़ोसी डोडा जिले में भी कर्फ्यू में ढील दी जा रही है। रामबन, पुंछ और राजौरी जिलों में भी स्थिति सामान्य है।

Jammu and Kashmir
Article 370
Article 35A
Abrogation of Article 370
Indian constitution
Kashmir conflict
Narendra modi
BJP
Congress
Amit Shah
Hari Singh
Jawaharlal Nehru
Kashmir militancy

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License