NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जम्मू-कश्मीर स्थानीय निकाय चुनाव: लोकतंत्र सिर्फ वोट तक न सिमट जाए
तकरीबन 244 वार्डों में केवल एक प्रत्याशी ने चुनाव लड़ाI जिसमें से कश्मीर घाटी के 70 से अधिक वार्डों में भाजपा ने जीत हासिल की और 30 से अधिक वार्डों में कांग्रेस नेI बिना किसी लड़ाई के मिली ऐसी जीत कश्मीर में भारतीय लोकतंत्र की करारी हार दर्शाता हैI
अजय कुमार
18 Oct 2018
J&K civic body polls
Image Courtesy: Outlook

तेरह साल के बाद हुए जम्मू कश्मीर के चुनाव में तकरीबन 35.1 फीसदी लोग वोट डालने के लिए निकलेI लेकिन इस आँकड़े में भी सबसे अधिक संख्या उन लोगों की है जिनका संबंध जम्मू से है जहाँ कि हिन्दू बहुलवादी जनता अपनी अस्मितावादी चरित्र की वजह से शेष भारत से जुड़ाव महसूस करती आई हैI लेकिन उन जिलों की स्थिति बहुत खराब है जिनका संबंध कश्मीर से हैI अनंतनाग में पहले, दूसरे और तीसरे चरण में  क्रमशः 7.3 फीसदी,1.1 फीसदी और 3.2 फीसदी वोट पड़ेI बडगाम में पहले ही चरण में चुनाव सम्पन्न हो गया और मात्र 17 फीसदी लोगों ने चुनाव में हिस्सा लियाI कश्मीर की राजधानी श्रीनगर की स्थिति और भी खराब रहीI चार चरण के चुनाव में केवल 6.2 फीसदी, 2.3 फीसदी, 1.8 फीसदी और 4 फीसदी लोगों ने भागीदारी कीI गंदेरबल जिले में चौथे चरण में चुनाव हुए और वोटिंग प्रतिशत केवल 11.3 फीसदी रहाI तकरीबन 244 वार्डों में केवल एक प्रत्याशी ने चुनाव लड़ाI जिसमें से कश्मीर घाटी के 70 से अधिक वार्डों में भाजपा ने जीत हासिल की और 30 से अधिक वार्डों में कांग्रेस नेI बिना किसी लड़ाई के मिली ऐसी जीत कश्मीर में भारतीय लोकतंत्र की करारी हार दर्शाती हैI 

JKJPG.jpg

साभार: द हिन्दू

सुरक्षा कारणों की वजह से भारत के कई राज्यों से छोटे इस राज्य में नगर पंचायत के चुनाव के लिए चार चरण की प्रक्रिया रखी गयीI 17 लाख लोगों के बीच 79 नगरपालिका और 1,145 वार्ड के लिए तकरीबन 3,372 प्रत्याशियों ने नामांकन कियाI इन चार चरणों में कश्मीर घाटी में केवल 8.3 फीसदी लोग चुनाव में वोट डालने बाहर निकलेI जबकि 2014 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन 66 फीसदी लोगों ने हिस्सेदारी की थीI कश्मीरी जनता द्वारा चुनावी प्रक्रिया से पूरी तरह खुद को काट लेने की कोशिश साल 2014 के बाद भारत सरकार द्वारा किये गए व्यवहार के प्रति नाखुशी ज़ाहिर करने की भी कोशिश हो सकती हैI बुरहान वानी की हत्या से लेकर कश्मीरी जनता पर पैलेट गन चलाने तक और अनुच्छेद 370 से लेकर अनुच्छेद 35(A) पर की गयी बातें आदि सब भारत सरकार को कठघरे में खड़ा करती हैंI केंद्र में भाजपा की सरकार आने के बाद से कश्मीर के हालात बद से बद्दतर होते चले गये हैंI

भाजपा और कांग्रेस जैसी उत्तर भारत की पार्टियाँ भारत के राष्ट्रवाद और अखंडता की खाना-पूर्ति के लिए चुनाव भले लड़ लें लेकिन उन्हें ज़मीनी हकीकत से कोसों ऊपर तैरती बेमानी जीत के सिवाय कुछ भी नहीं मिलने वालाI

चुनाव का यह बहिष्कार इस तरफ इशारा करता है कि भारत और कश्मीर के बीच भरोसे की दीवार पूरी तरह से दरक चुकी हैI इस भरोसे को कैसे बनाया जाए इसका जवाब किसी को नहीं पता हैI लेकिन इसकी शुरुआत इस तरह से सोचने से हो सकती है कि आखिरकार क्यों भारत में रहने वाले कश्मीरी युवा भी भारत से कटकर आतंक का रास्ता अखित्यार कर रहे हैंI जिस जगह की 90 फीसदी से अधिक की जनसंख्या किसी सरकार को पूरी तरह से बहिष्कृत कर रही हो, वहां चुनाव करवाने से ज़्यादा ज़रूरी है या यह सोचना कि अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से पढ़ा कोई पीएचडी स्कॉलर भारतीय सरकार के खिलाफ क्यों हथियार उठा लेता हैI इसका साफ इशारा है कि अगर भारत ने कश्मीरियों में अपनत्व पैदा करने की बजाए सेना और चुनावों के द्वारा ज़बरन रिश्ता बनाने की कोशिश की तो कश्मीर का दर्द लाइलाज बिमारी में बदल जाएगाI जिसकी चपेट में कश्मीर नस्ल-दर-नस्ल बर्बाद होता चला जायेगाI

Jammu & Kashmir
J&K civic polls
Kashmir
BJP
PDP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • जितेन्द्र कुमार
    मुद्दा: बिखरती हुई सामाजिक न्याय की राजनीति
    11 Apr 2022
    कई टिप्पणीकारों के अनुसार राजनीति का यह ऐसा दौर है जिसमें राष्ट्रवाद, आर्थिकी और देश-समाज की बदहाली पर राज करेगा। लेकिन विभिन्न तरह की टिप्पणियों के बीच इतना तो तय है कि वर्तमान दौर की राजनीति ने…
  • एम.ओबैद
    नक्शे का पेचः भागलपुर कैंसर अस्पताल का सपना अब भी अधूरा, दूर जाने को मजबूर 13 ज़िलों के लोग
    11 Apr 2022
    बिहार के भागलपुर समेत पूर्वी बिहार और कोसी-सीमांचल के 13 ज़िलों के लोग आज भी कैंसर के इलाज के लिए मुज़फ़्फ़रपुर और प्रदेश की राजधानी पटना या देश की राजधानी दिल्ली समेत अन्य बड़े शहरों का चक्कर काट…
  • रवि शंकर दुबे
    दुर्भाग्य! रामनवमी और रमज़ान भी सियासत की ज़द में आ गए
    11 Apr 2022
    रामनवमी और रमज़ान जैसे पर्व को बदनाम करने के लिए अराजक तत्व अपनी पूरी ताक़त झोंक रहे हैं, सियासत के शह में पल रहे कुछ लोग गंगा-जमुनी तहज़ीब को पूरी तरह से ध्वस्त करने में लगे हैं।
  • सुबोध वर्मा
    अमृत काल: बेरोज़गारी और कम भत्ते से परेशान जनता
    11 Apr 2022
    सीएमआईए के मुताबिक़, श्रम भागीदारी में तेज़ गिरावट आई है, बेरोज़गारी दर भी 7 फ़ीसदी या इससे ज़्यादा ही बनी हुई है। साथ ही 2020-21 में औसत वार्षिक आय भी एक लाख सत्तर हजार रुपये के बेहद निचले स्तर पर…
  • JNU
    न्यूज़क्लिक टीम
    JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !
    11 Apr 2022
    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में दो साल बाद फिर हिंसा देखने को मिली जब कथित तौर पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से संबद्ध छात्रों ने राम नवमी के अवसर कैम्पस में मांसाहार परोसे जाने का विरोध किया. जब…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License