NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
जन आन्दोलन के दबाव में राजस्थान सरकार ने स्कूलों के निजीकरण का निर्णय किया स्थगित
"ये हमारे आन्दोलन की जीत है, पर हमारा आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पीपीपी मॉडल की नीति को समाप्त नहीं किया जाता I”
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
10 Feb 2018
पीपीपी

राजस्थान सरकार को भारी जन विरोध के चलते 300 स्कूलों को पीपीपी मॉडल के अंतर्गत लाने के अपने निर्णय को स्थगित करना पड़ा I शिक्षक और छात्र संगठनों के आलावा सामाजिक कार्यकर्त्ता भी इसे आन्दोलन की जीत की तरह देख रहे हैं I दरअसल पिछले साल सितम्बर में  राजस्थान सरकार ने यह निर्णय लिया था कि वो 300 स्कूलों को पीपीपी यानी पब्लिक-प्राइवेट-पार्टनरशिप के अन्तर्गत निजी कंपनियों को सौंप देगी I इस प्रस्ताव के अंतर्गत सरकार हर स्कूल को सिर्फ 75 लाख की राशि में निजी हाथों को सौंप देगी, साथ ही हर साल उन्हें सरकार 16 लाख रुपये देगी I यानी हर स्कूल के लिए सरकार निजी कंपनियों को 1.20 करोड़ रुपये देगी I

लेकिन राज्यभर में लगातार हो रहे ज़ोरदार प्रदर्शनों के चलते राजस्थान सरकार ने इसे फिलहाल ठन्डे बसते में डालने का निर्णय लिया गया है Iराजस्थान सरकार का कहना है कि विभिन्न जन संगठनों से प्राप्त ज्ञापन और सुझावों की समीक्षा करने के बाद ये निर्णय लिया गया कि सरकारी स्कूलों को पीपीपी मॉडल पर देने की नीति स्थगित कर दिया जाये I इसपर आगे का निर्णय लेने के लिए तीन मंत्रियों की समिति बनाई जा रही है जो इस मॉडल पर विचार करेगी और आगे का निर्णय इसी के बाद लिया जायेगा I

पीपीपी

इसके बाद इस पीपीपी मॉडल के खिलाफ़ आन्दोलन से जुड़े जन संगठनों SFI, AISF, राजस्थान शिक्षक संघ (प्रगतिशील), समता ज्ञान विज्ञान संघ और AIKS आदि ने अपने प्रेस नोट में कहा “ये जन संघर्ष की जीत है”  और उनकी माँग है कि “सरकार 3 सद्सीय कमिटी को भंग करे और पीपीपी मॉडल के फैसले वो वापस लें I”

पीपीपी

इस मुद्दे पर न्यूज़क्लिक से बात करते हुए राजस्थान शिक्षा संघ(शेखावत) के महासचिव महावीर सिहाग  ने कहा “ये न सिर्फ हमारी जीत है, बल्की उन आम लोगों की जीत है जिन्होंने लगातार आन्दोलन जारी रखा I इससे पहले भी राजस्थान में सरकारी नीतियों के खिलाफ काफी आन्दोलन हुए हैं पर ऐसा पहली बार हुआ है कि सरकार अपने कदम से पीछे हटी हो I”

वहीँ SFI (स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया ) के राज्य सचिव मंडल सदस्य पवन बेनीवाल का कहना था “हम सभी लोगों के साथ इस पर निर्णय पर बैठक करेंगे और फिर गाँव-गाँव जाकर लोगों को सरकार के निर्णय के इस बारे में सूचना देंगे I ये हमारे आन्दोलन की जीत है, पर हमारा आन्दोलन तब तक जारी रहेगा जब तक पीपीपी मॉडल की नीति को समाप्त नहीं किया जाता I” उन्होंने आगे कहा कि, “हम इस मुद्दे को आने वाले राजस्थान के चुनावों में भी मुद्दा बनाकर पेश करेंगे I”

पीपीपी

गौरलतब है कि कुछ ही दिनों पहले एक स्थानीय अख़बार ने इस मुद्दे पर एक रिपोर्ट में खुलासा किया था कि सरकार जिन 300 स्कूलों को पीपीपी के अंतर्गत ला रही है वो करोड़ों की ज़मीन पर स्थित हैं I रिपोर्ट के अनुसार इनमें से ज़्यादातर स्कूल हाइवे के पास हैं और इनकी ज़मीन 2 से 5 बीघा तक है I अखबार ने ये दावा किया है कि जिन स्कूलों की संपत्ति निजी हाथों में सौंपी जा रही है वो अच्छी-खासी स्थिति में हैं I उदाहरण के तौर पर बताया गया है कि अलवर के 17 स्कूल जो पीपीपी के अंतरगत आने वाले थे उनकी ज़मीन की कीमत 100 करोड़ है I इससे पहले जन संगठन भी कह चुके हैं कि ये पीपीपी मॉडल का निर्णय कुछ निजी कंपनियों को फायदा पहुँचाने का ही तरीका है I

जन संगठनों का कहना था कि आम लोगों की करोड़ों की संपत्ति जिसका मकसद आम जन तक शिक्षा पहुँचाना है, उसे इस तरह निजी हाथों में देना गुनाह है I उनका कहना है कि इससे लाखों गरीब बच्चे स्कूली शिक्षा से दूर हो सकते हैं क्योंकि निजी हाथों में शिक्षा महँगी हो जाएगी I साथ ही बताया जा रहा है कि इससे 15,000 मिड डे मील और बाकि करमचारियों और हज़ारों शिक्षकों की नौकरी खतरे में आ सकती है I यही वजह थी कि जनवरी से राजस्थान के विभिन्न ज़िलों में आम जनता सरकार के इस निर्णय के खिलाफ आन्दोलन कर रहे थे I

शिक्षा का निजीकरण
पीपीपी
SFI
राजस्थान
राजस्थान सरकार
शिक्षा का बाजारीकरण

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

एलएसआर के छात्रों द्वारा भाजपा प्रवक्ता का बहिष्कार लोकतंत्र की जीत है

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License