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भारत
राजनीति
जनता का शायर : अदम गोंडवी
“धरती की सतह पर” खड़े होकर “समय से मुठभेड़” करने वाले शायर अदम गोंडवी को आज याद करना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि आज अदम की ही तरह पुरज़ोर आवाज़ में हुक्मरान से एक बार फिर ये सवाल पूछने की ज़रूरत है I
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
19 Dec 2018

अदम गोंडवी : 22 अक्टूबर, 1947-18 दिसंबर, 2011 “धरती की सतह पर” खड़े होकर “समय से मुठभेड़” करने वाले शायर अदम गोंडवी को आज याद करना बेहद ज़रूरी है। क्योंकि आज अदम की ही तरह पुरज़ोर आवाज़ में हुक्मरान से एक बार फिर ये सवाल पूछने की ज़रूरत है, “सौ में सत्तर आदमी फ़िलहाल जब नाशाद है दिल पे रख के हाथ कहिए देश क्या आज़ाद है”

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License