NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखण्ड : सवालों भरा बंगलादेशी घुसपैठी का मुद्दा
तो झारखण्ड में असली घुसपैठी कौन?
अनिल अंशुमन
20 Sep 2018
Patthalgadi
Image Courtesy: The Wire

निस्संदेह नार्थ ईस्ट राज्यों के विधान सभा चुनावों में भाजपा को झटपट मिली सफलता में “बंगलादेशी घुसपैठी” का मुद्दा बहुत फायदेमंद रहा I इसीलिए अब वो इसे बंगाल व उससे सटे झारखण्ड जैसे राज्यों में चुनाव पूर्व तैयारी की चुनावी रणनीति के बतौर लागू करने की कवायद में उतर चुकी है I झारखण्ड में तो इस मुद्दे को परवान चढ़ाने के लिए स्वयं राज्य के मुख्यमंत्री से लेकर प्रदेश अध्यक्ष तक मैदान में उतर गए हैं I गत 16 सितम्बर को रांची में हुई प्रदेश भाजपा कार्य समिति की बैठक में सर्व सम्मति से ये फैसला पारित किया गया कि झारखण्ड में भी असम की तरह एनआरसी लागू कर यहाँ के बंगलादेशी घुसपैठियों को बाहर किया जाएगा I इसके लिए संतालपरगना प्रमंडल के पाकुड़ , साहेबगंज , जामताड़ा और गोड्डा जिलों को विशेष रूप से चिन्हित किया गया है  है I कई अवसरों पर मुख्यमंत्री व पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने सार्वजनिक तौर पर कहा है कि “ बंगलादेशी घुसपैठ “ ने यहाँ के आर्थिक और सामजिक संतुलन को बिगाड़ दिया है I कतिपय विपक्षी दलों के राजनितिक संरक्षण के कारण पड़ोसी मुल्क से घुसपैठ कर आनेवालों ने यहाँ की तमाम सरकारी सुविधाएं हासिल कर लीं हैं I भोली भाली आदिवासी व अन्य ग्रामीण लड़कियों को फंसाकर शादी कर ज़मीनें खरीद रहें हैं I साथ ही सरकार की ओर से पुलिस की विशेष शाखा द्वारा सतर्क करने की ख़बरें भी आये दिन छपती रहतीं हैं कि इन इलाकों में जमात-उल-मुजाहिदीन व पीएफआई जैसे काई उग्रवादी संगठनों की गतिविधियाँ बढ़ती जा रहीं हैं I चंद माह पूर्व पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया दो अन्य संगठनों पर सरकार ने प्रतिबन्ध भी लगा चुकी है I हालाँकि पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया पर लगे प्रतिबन्ध को राज्य के हाई कोर्ट ने निरस्त्र कर दिया है I वैसे , राज्य के विपक्षी दल भी इसपर चुप नहीं हैं और उनके नेतागण भी अपने बयानों से सरकार को जवाब देते रहते हैं I पिछले दिसम्बर में सम्पन्न हुए विधान सभा के शीतकालीन सत्र में तो इस मुद्दे पर सत्ता और विपक्ष के नेताओं में काफी कहासुनी हुई I जामताड़ा के कांग्रेस विधयाक को सत्ता पक्ष वालों ने सीधे घुसपैठियों का संरक्षक करार दिया तो नेता प्रतिपक्ष ने भाजपा को ही इस प्रदेश में घुसपैठी कह डाला I

         कहा गया है कि बात निकलेगी तो दूर तलक जायेगी IIII विधान सभा में नेता प्रतिपक्ष द्वारा मुख्यमंत्री व उनके लोगों को घुसपैठी कहा जाना , कोई यूं ही कही गयी बात नहीं थी I घुसपैठी का मुद्दा भाजपा के लिए अन्य राज्यों में चाहे जो रंग दिखाए मगर झारखण्ड में यह उसके गले की फंस भी बन सकता है I क्योंकि यह कड़वी सच्चाई है कि भाजपा जनाधार की बहुसंख्य आबादी प्रदेश के आदिवासी बाहुल्य इलाकों में बाहर से आकर बसी हुई है I जो आदिवासी समाज की नज़रों में ‘ दिकू ‘ और बाहरी कहलाती है और आदिवासी इन्हें अपने यहाँ घुसपैठी मानते हैं I जिसका नज़ारा हाल के महीनों में जब प्रदेश के खूंटी जिले के विभिन्न गांवों के आदिवासी समुदाय के लोग पत्थलगड़ी के पत्थरों पर लिखकर अपने इलाकों में हर बाहरी के प्रवेश को घुसपैठी करार देकर , ये हिदायत दे रहे थे कि – यहाँ बाहरी लोगों का प्रवेश निषेध है... तो इसके विरोध में सबसे अधिक तीखी प्रतिक्रिया भाजपा के समर्थक जनाधार से ही हुई I पत्थलगड़ी के पत्थरों पर आदिवासी समाज के एक हिस्से ने साफ़ लिख दिया कि – उनके देस ( इलाके ) में गैर आदिवासी , दिकू , ब्राह्म , हिन्दू विदेशी इत्यादि के रहने का लीज एग्रीमेंट 1969 में ही समाप्त हो गया और अब यहाँ बाहर से आकर रहने वाले सभी बाहरी और घुसपैठी हैं I इस पर रघुवर सरकार ने कोई ठोस और तर्कपूर्ण जवाब देने की बजाय आक्रोशित होकर न सिर्फ पत्थलगड़ी को राष्ट्रविरोधी करार दे दिया और पुरे इलाकों में पुलिस दौड़ा दिया बल्कि कईयों पर संगीन मुकदमें कर उन्हें जेल भेज दिया I सरकार ने यह भी ऐलान कर दिया कि आदिवासियों का ये कृत्य,  राष्ट्र विरोधी और राष्ट्रीय एकता व सौहार्द को नुक्सान पहुँचानेवाला है जिसे बर्दाश्त नही किया जाएगा I बावजूद इसके आदिवासी इलाकों में पत्थलगड़ी निरंतर जारी है I

ऐसे यह सवाल उठाना स्वाभाविक ही है कि जिन तर्कों – तथ्यों का हवाला देकर भाजपा शासन झारखण्ड में बसे मुसलामानों को बंगलादेशी घुसपैठी और उन्हें गंभीर ख़तरा बताकर यहाँ एनआरसी सख्ती से लागू करने की दलील दे रही है I तो यहाँ के आदिवासी समुदाय के लोग “ पत्थलगड़ी “ के जरिये वही तर्क व तथ्य प्रस्तुत कर भाजपा और उसके समर्थक जनाधार को बाहरी और घुसपैठी करार देकर अपने लिए ख़तरा बता रहें हैं तब ये राष्ट्विरोधी कैसे हुए ? आदिवासी समाज का भी आरोप है कि दिकु लोग उनकी भोली भाली महिलाओं को फंसाकर यहाँ की ज़मीनें पर कब्ज़ा कर बस रहें हैं I ऐसे में इतना तो तय है कि आनेवाले समय में जैसे – जैसे भारतीय जनता पार्टी और उनकी सरकार ‘ घुसपैठी ‘ के मुद्दे से अपनी राजनीति चमकायेगी , वैसे – वैसे वैसे यही सवाल उन्हें भी घेरेगा I इस प्रदेश में वर्षों से रह रहे एक समुदाय विशेष लोगों से इस देश का मूलवासी होनेका प्रमाण-पात्र मांगा जाएगा तो वही प्रमाणपत्र जब आदिवासी इनसे मांगगे , तो इसका क्या जवाब होगा ?

Jharkhand
pathalgadi
jharkhand tribals

Related Stories

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड : हेमंत सोरेन शासन में भी पुलिस अत्याचार बदस्तूर जारी, डोमचांच में ढिबरा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या 

झारखंड रोपवे दुर्घटना: वायुसेना के हेलिकॉप्टरों ने 10 और लोगों को सुरक्षित निकाला


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License