NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
शिक्षा
भारत
राजनीति
झारखंड : अबकी बार कुलपति ‘आतंकवादी’ करार!, नागरिक समाज में रोष 
भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा झारखंड के जन सरोकारों से जुड़े जाने-माने अर्थशास्त्री और इन दिनों विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर रमेश शरण को अपमानित व लांक्षित किए जाने की घटना ने झारखंड के शिक्षा जगत को हतप्रभ कर दिया है।
अनिल अंशुमन
30 Aug 2019
ramesh sharan

27 अगस्त की दोपहर रांची कॉलेज कैंपस में भाजपा के छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कतिपय हुड़दंगी भीड़ द्वारा वरिष्ठ शिक्षाविद प्रोफेसर रमेश शरण को अपमानित व लांछित किए जाने की घटना ने झारखंड के शिक्षा जगत को हतप्रभ कर दिया है। किसी विश्वविद्यालय के कुलपति को कैंपस में उसके सामने  राष्ट्रविरोधी कहकर मुर्दाबाद और नक्सल समर्थक वीसी गो बैक जैसे नारे लगाकर अपमानित किया गया। ऐसा पहले कभी नहीं हुआ ।     

प्रोफेसर रमेश शरण शिक्षाविद होने के साथ साथ झारखंड के जन सरोकारों से जुड़े जाने-माने अर्थशास्त्री और इन दिनों विनोबा भावे विश्वविद्यालय के कुलपति हैं। इसके पूर्व कई वर्षों तक रांची विश्वविद्यालय पीजी इकोनोमिक्स के विभागाध्यक्ष भी रहें हैं। 27 अगस्त को प्रो. शरण इसी विभाग के विमेन्स स्टडी सेंटर में व्याख्यान देने आए थे। कार्यक्रम की समाप्ती के बाद एबीवीपी नेता हुड़दंगी भीड़ लेकर विभाग के गेट के बाहर आपत्तीजनक नारे लगाने लगे। उनकी उग्रता देख इकोनॉमिक्स विभाग के प्रोफेसरों ने गेट पर ताला लगा दिया तो वे वहीं धरना देते हुए चार घंटे तक गेट जाम कर सबको बंधक बनाए रखे। खबर पाकर रांची के वीसी पहुँचकर समझाते हुए वहाँ से हटने को कहा लेकिन सभी अड़े रहे और प्रो. शरण की गाड़ी के नंबर व नेम प्लेट पर कालिख पोतकर बोनत पर ‘ आतंकवादी वीसी गो बैक‘ जैसे नारे लिख दिये। अंत में पुलिस हस्तक्षेप के बाद विभाग में बंद प्रो. शरण को बाहर निकाला गया। 

रमेश शरण विरोध 1.PNG
बक़ौल विद्यार्थी परिषद नेता यह घटना महज एक चेतावनी मात्र है। जबतक ये कुलपति पद पर रहेंगे तबतक हर जगह परिषद के लोग इनका ऐसे ही विरोध करेंगे। क्योंकि गत 5 अगस्त को हजारीबाग में जब इनके विश्वविद्यालय का दीक्षांत समारोह चल रहा था और उसी दिन केंद्र सरकार ने कश्मीर से धारा 370 को समाप्त करने की घोषणा की तो उसके विरोध में इन्होंने पूरा कार्यक्र्म तत्काल स्थगित कर दिया था। साथ ही दीक्षांत समारोह के ड्रेसकोड का उल्लंघन कर अपना विरोध प्रदर्शित करने के लिए छात्रों को काला गाउन पहनाकर कुलाधिपति ( राज्यपाल ) से डिग्रियाँ दिलवायीं। जो सीधा राष्ट्रविरोधी कृत्य है और इसलिए देशहीत में ऐसे देशद्रोही को कुलपति नहीं रहना चाहिए। 
 
विद्यार्थी परिषद के हुड़दंगियों के इस करतूत से पूरे राज्य की शैक्षिक जगत के साथ लोकतान्त्रिक नागरिक समाज के लोग हतप्रभ और काफी क्षुब्ध हैं । मीडिया से जारी बयान में रांची विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति के के नाग ने इस घटना को अशोभनीय बताते हुए कहा कि दुर्व्यवहार करने वाले छात्र नताओं के भी वे गुरु रहें हैं। रांची विश्वविद्यालय पीजी शिक्षक संघ के अध्यक्ष ने कहा है कि एक कुलपति के साथ इस तरह की घटना निंदनीय है और इससे विश्वविद्यालय की छवि धूमिल हो रही है।

झारखंड विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के महासचिव के अनुसार इस घटना की जितनी भी निंदा की जाय कम है। किसी भी छात्र संगठन को एक कुलपति को आतंकवादी नहीं कहना बताता है कि स्थिति कितनी चिंताजनक है। आइसा व एआईएसएफ समेत कई अन्य छात्र संगठनों ने इसे राष्ट्रवाद के नाम पर गुंडागर्दी कहते हुए विरोध किया ह। एआईपीएफ और सामाजिक नागरिक संगठनों, वामपंथी दलों समेत पूरे विपक्ष ने भी इसकी तीखी भर्त्स्ना करते हुए सवाल उठाया है कि क्या अब शैक्षिक संस्थान भी भाजपा और विद्यार्थी परिषद के इशारे पर चलेंगे। 

रमेश शरण विरोध 3.jpg
सबसे हैरतअंगेज़ है इस कुकृत्य को सही ठहराते हुए विद्यार्थी परिषद के बचाव में राज्य के शहरी विकास मंत्री का दिया गया बयान। जिसमें उन्होंने रांची में बैठे-बैठे देख लिया कि धारा 370 हटाये जाने से विवि दीक्षांत समारोह के दौरान कुलपति मर्माहत दीखे। मंत्री जी ने कहा कि उन्हें सार्वजनिक रूप से ऐसा शो नहीं करना चाहिये था। चूंकि एबीवीपी के छात्र राष्ट्रवादी विचारधारा के हैं और ऐसे में देश के खिलाफ होनेवालों का तो विरोध होगा ही, कुलपति भी इसी के शिकार हो रहें हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूरे मामले को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए मंत्री के इस बयान की निंदा की है। 
 
5 अगस्त को विनोबा भावे विश्वविद्यालय दीक्षांत समारोह के स्थगित किए जाने पर राज्यपाल महोदया के सामने ही विद्यार्थी परिषद नेताओं ने प्रो. शरण को देशद्रोही कहते हुए अराजकता मचाई थी। जिसके विरोध में विद्यार्थी परिषद को छोड़ बाकी सभी छात्र संगठनों ने एबीभीपी अराजकता के खिलाफ विश्वविद्यालय में विरोध प्रदर्शन किय। सब ने एकस्वर से परिषद पर आरोप लगाया कि चूंकि उनकी पार्टी की सरकार है तो कुलपति के समानान्तर अपना सिक्का चलाना चाहते हैं। यदि कुलपति में कोई दोष है तो सिर्फ कुलाधिपति संज्ञान लेंगे और कारवाई करेंगे। किसी दूसरे को वैधानिक पद पर रह रहे व्यक्ति को अपमानित करने का हक़ नहीं है। प्रदर्शकारी छात्र संगठनों ने चेतावनी देते हुए कहा कि विद्यार्थी परिषद के लोग 8 अगस्त से ही उनके गुरु के अपमान का सिलसिला जारी किए हुए हैं। यदि सरकार ने इस पर संज्ञान नहीं लिया तो सारे छात्र स्वयं कारवाई करने के को बाध्य हो जाएंगे। 

सनद हो कि प्रो. शरण झारखंड राज्य गठन के आंदोलन के प्रबल समर्थक रहे हैं। राज्य के किसानों व आदिवासियों के आर्थिक सवालों पर सामाजिक तौर निरंतर सक्रिय रहने के कारण कई बार सरकारों की जन विरोधी आर्थिक नीतियों व कार्यक्रमों की खुली आलोचना भी करते रहें हैं। जन मुद्दों पर सक्रिय कई सामाजिक जन संगठनों के कार्यक्रमों में हमेशा शामिल होते रहें हैं। इसी कारण 2017 में जब सरकार ने इन्हें विनोबा भावे का वीसी नियुक्त किया तो इन्हें आतंकवादी और अर्बन नक्सल समर्थक की डिग्री देनेवालों ने उस समय भी नक्सली समर्थक बताते हुए इनका विरोध किया था। चर्चा है कि 5 अगस्त से पहले एबीवीपी  के लोगों ने प्रो. शरण से 1 लाख रुपये का चन्दा मांगा था और इसकी खबर सोशल मीडिया में वायरल करने से वे काफी भन्नाए हुए थे। 

विरोध - फोटो - प्रभात खबर.jpg
2014 से अपनी पार्टी के सत्ता में आने के बाद से ही अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के नेता सत्ता सहयोग से अन्य प्रदेशों की भांति झारखंड के भी सभी विश्वविद्यालयों में हर स्तर पर दबदबा कायम करने में लगे हैं । राष्ट्रवाद, देशभक्ति का डांडा इनका अचूक फंडा बना हुआ है । इसके जरिये असहमति रखनेवाले कई प्राध्यापकों के साथ उन्मादी घटनाएँ कर चुके हैं । 2016 में गिरीडीह के प्राचार्य और डा. अली इमाम के वामपंथ समर्थक व देशविरोधी होने का आरोप लगाया और वीसी के सामने ही अपमानित करते हुए ‘भारत माता कि जय बोलने' को कहा था। 2018 में पुनः उसी कॉलेज के जन संस्कृति मंच से जुड़े वरिष्ठ हिन्दी साहित्यकार प्रो. बलभद्र पर जानलेवा हमला किया गया। जिसके खिलाफ वहाँ कई दिनों तक नागरिक भी प्रतिवाद हुआ था। 

 फिलहाल प्रो. रमेश शरण को अपमानित व लांछित लिए जाने के प्रकरण से शैक्षिक जगत व लोकतान्त्रिक नागरिक समाज में काफी क्षोभ है । बावजूद इसके प्रदेश भाजपा नेताओं का खेमा खुलकर अपने हुड़दंगी कारिंदों की स्तुति कर रहा है। चर्चा है कि कहीं आने वाले विधान सभा चुनाव की बौद्धिक गोलबंदी की आक्रामक तैयारी तो नहीं है !  

Jharkhand
BJP
All India Student Council
Ramesh Sharan
Nationalism
Hindutva
RSS

Related Stories

कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा

अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !

कर्नाटक: स्कूली किताबों में जोड़ा गया हेडगेवार का भाषण, भाजपा पर लगा शिक्षा के भगवाकरण का आरोप

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी

दिल्ली : पांच महीने से वेतन व पेंशन न मिलने से आर्थिक तंगी से जूझ रहे शिक्षकों ने किया प्रदर्शन

इफ़्तार को मुद्दा बनाने वाले बीएचयू को क्यों बनाना चाहते हैं सांप्रदायिकता की फैक्ट्री?

उत्तराखंड : ज़रूरी सुविधाओं के अभाव में बंद होते सरकारी स्कूल, RTE क़ानून की आड़ में निजी स्कूलों का बढ़ता कारोबार 

NEP भारत में सार्वजनिक शिक्षा को नष्ट करने के लिए भाजपा का बुलडोजर: वृंदा करात

ऑस्ट्रेलिया-इंडिया इंस्टीट्यूट (AII) के 13 अध्येताओं ने मोदी सरकार पर हस्तक्षेप का इल्ज़ाम लगाते हुए इस्तीफा दिया


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License