NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
मज़दूर-किसान
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
झारखंड में कोयला मज़दूरों की अभूतपूर्व हड़ताल, सभी कोलियारियों में काम ठप
सचमुच में इस बार की कोयला मजदूरों हड़ताल कई मायनों में थोड़ा अलग तो दीखती ही है। विशेषकर झारखंड प्रदेश की सभी कोलियारियों के सभी मजदूरों का पूरी सक्रियता से हड़ताल में शामिल होना कोई रूटीन घटना नहीं है।
अनिल अंशुमन
24 Sep 2019
protest

मोदी सरकार द्वारा देश के कोयला क्षेत्र में 100 प्रतिशत एफडीआई के बहाने निजीकरण किए जाने के खिलाफ आज, मंगलवार को देश के सभी कोलियरियों में शत प्रतिशत हड़ताल रही।

कोल माइंस वर्कर्स यूनियन के कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष बैजनाथ मिस्त्री के अनुसार यह पहली बार हुआ कि सुबह 6 बजे से ही सारे मजदूर बिना किसी दबाव के स्वतः स्फूर्त ढंग से हड़ताल पर रहे। सीसीएल के रामगढ़ – हजारीबाग ज़िला स्थित अरगडा , कुजू , चैनपुर , बरका – सयाल और कथारा – बेरमों समेत सभी जोन की कोलियारियों में एक भी मजदूर काम पर नहीं गया जिससे यहाँ कोयला हड़ताल में  अभूतपूर्व ढंग से बंदी रही।

कुछ देर के लिए स्थानीय पुलिस और कुछ बड़े आला अधिकारी हड़ताल तुड़वाने के लिए पहुंचे भी लेकिन कोई मज़दूर उनकी बातों में नहीं आया। इतना ही नहीं हड़ताल की पूर्व संध्या पर उसकी तैयारी में भी आम मजदूर सक्रिय रहे। पूरी मजदूर कोलनियों के अलावा कोलियरी के बाज़ार और आसपास के गांवों में भी प्रचार के लिए गए। इस बार की एक खासियत और रही कि हड़ताल का पर्चा छपाने व प्रचार गाड़ी निकालने इत्यादि कार्यों के लिए मजदूरों ने खुद से आकार चन्दा दिया, जो दिखलाता है सारे मजदूर सरकार के फैसले से कितना परेशान हैं।

IMG-20190924-WA0027.jpg

धनबाद स्थित बीसीसीएल की सभी कोलियारियों में भी हड़ताल अभूतपूर्व रही। मुगमा क्षेत्र में हड़ताल का नेतृत्व कर रहे कोयला मजदूर नेता कृष्णा सिंह को इस बार अपने साथियों के साथ हर मजदूर के पास जाकर हड़ताल में शामिल होने का अनुरोध नहीं करना पड़ा। उन्होंने बताया कि जिन मजदूरों ने चंद महीने पहले ही जिस मोदी जी को खुलकर अपना वोट दिया था, उन्हीं मोदी जी द्वारा कोयला क्षेत्र के निजीकरण किए जाने के फैसले से सभी ठगे हुए महसूस कर रहें हैं। हड़ताल में सारे मजदूरों की इतनी सक्रिय भागीदारी दर्शाती है कि वे अब चुप बैठने वाले नहीं हैं। निजी कंपनियों से छीनकर जिस कोयला उद्योग का राष्ट्रीयकारण किया गया था, अब फिर से उसे निजी कंपनियों के हवाले करने का तमाशा चुप रहकर किसी कीमत पर नहीं देखेंगे।

बीसीसीएल 12 नंबर खदान और ईसीएल क्षेत्र कोलियरी के मजदूरों में सक्रिय रहनेवाले भाकपा माले नेता नगेन्द्र प्रसाद ने भी बताया कि इस बार जैसी कोयला हड़ताल कभी सफल नहीं रही। सामान्य मजदूरों में भी इस बार की हड़ताल को लेकर ऐसी सक्रियता आम तौर पर हाल के दिनों में कभी नहीं रही।

IMG-20190924-WA0026.jpg

हड़ताल में शामिल चैनपुर – आरा कोलियरी के मजदूर महादेव मांझी ने आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि वोट लेते समय तो देशहित और राष्ट्र की सुरक्षा का हवाला दिया गया था, आज जब देश का सार्वजनिक कोयला क्षेत्र निजी कंपनियों के हवाले किया जा रहा है तो क्या यह भी देश हित और राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ही है?

IMG-20190924-WA0007 (1).jpg

हड़ताल का आह्वान करने वाली सभी प्रतिनिधि राष्ट्रीय कोयला क्षेत्र की ट्रेड यूनियनों के संयुक्त मोर्चे के नेताओं का कहना है कि ये तो महज लड़ाई की शुरुआत है। मोदी सरकार ने कोयला क्षेत्र के निजकरण का फैसला वापस नहीं लेगी तो हम इससे भी बड़ी लड़ाई में जाएंगे।  
सचमुच में इस बार की कोयला मजदूरों हड़ताल कई मायनों में थोड़ा अलग तो दीखती ही है। विशेषकर झारखंड प्रदेश की सभी कोलियारियों के सभी मजदूरों का पूरी सक्रियता से हड़ताल में शामिल होना कोई रूटीन घटना नहीं है।

अन्यथा अबतक की हड़तालों में मजदूरों का एक बड़ा ऐसा ज़रूर होता था जो किसी न किसी बहाने से अपनी ड्यूटी को नहीं छोड़ता था। लेकिन इस बार ऐसा कहीं नहीं देखने को मिला है तो इसका साफ संकेत है कि सारे कोयला मज़दूर मोदी सरकार के निजीकरण के खिलाफ हैं और अपनी रोजी–रोटी छिनने व मजदूर अधिकारों को छीने जाने के खिलाफ पूरी लड़ाई का मन बना रहे हैं।

Coal workers
Coalition politics
Unprecedented strike of coal workers in Jharkhand
modi sarkar
FDI
privatization
private companies

Related Stories

बैंक यूनियनों का ‘निजीकरण’ के ख़िलाफ़ दो दिन की हड़ताल का ऐलान

दिल्ली: बैंक कर्मचारियों के 'बैंक बचाओ, देश बचाओ' अभियान को ट्रेड यूनियनों, किसान संगठन का मिला समर्थन  

निजीकरण की आंच में झुलस रहे सरकारी कर्मचारियों के लिए भी सबक़ है यह किसान आंदोलन

मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानून को निरस्त करने संबंधी विधेयक को मंज़ूरी दी

बाघमारा कोल साइडिंग में छंटनी का विरोध कर रहे मज़दूरों पर प्रबंधन ने कराया लाठीचार्ज

युवाओं ने दिल्ली सरकार पर बोला हल्ला, पूछा- 'कहां है हमारा रोज़गार?'

किसान आंदोलन को सम्पूर्ण क्रांति आंदोलन की स्पिरिट से प्रेरणा, परन्तु उसके नकारात्मक अनुभवों से सीख लेनी होगी

देशभर में किसान मज़दूर मना रहे ‘काला दिवस’, जगह जगह फूंके जा रहे हैं मोदी सरकार के पुतले

विशेष: जब भगत सिंह ने किया किसानों को संगठित करने का प्रयास

यूपी: जल निगम कर्मियों का धरना प्रदर्शन, पांच महीने से नहीं मिली तनख़्वाह और पेंशन


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License