NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड: बहुमत तो जुटा लिया रघुबर सरकार ने लेकिन पूरी कैबिनेट कभी नही बनाई
झारखंड के सवाल: पढ़िए झारखंड से जुड़े जरूरी सवाल पर हमारी एक्सक्लूसिव रिपोर्ट पूरे विधान सभा चुनाव के दौरान। बहुमत होने के बावजूद रघुबर दास ने क्यू नहीं रखा बारहवां मंत्री?
शाहनवाज़ अख़्तर
21 Oct 2019
raghubar das
Image courtesy: facebook

रांची: चुनाव आते ही तमाम राजनीतिक दल वादों का पिटारा खोल देते हैं और संविधान की दुहाई देने लगते हैं। लेकिन चुनाव परिणाम के तुरंत बाद सारे काम अपने तरीके करना शुरू कर देते है। झारखंड में सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी ने ठीक ऐसा ही पिछले पाँच सालों के दौरान किया है।

2014 के विधान सभा चुनाव में बीजेपी को 36 सीटों पर जीत मिली थी। जो बहुमत से 5 सीटें कम थी। फिर जोत-तोड़ का खेल शुरू हुआ और झारखंड विकास मोर्चा के 6 विधायकों ने पाला बदल कर बीजेपी का दामन थाम लिया।

अब पार्टी पूरी बहुमत में आ गयी। पर उससे न झारखंड के लोगों का न भला हुआ, ना संविधान सम्मत कुछ हुआ। 81 सीटों वाली झारखंड विधान सभा में 12 मंत्री कैबिनेट में हो सकते हैं। अब पाँच साल पूरे हो गए रघुबर सरकार के, लेकिन बारहवां मंत्री झारखंड कैबिनेट को नहीं मिला।

इस पर सीपीआईएमएल के नेता और पूर्व विधायक विनोद सिंह ने ईन्यूज़रूम को बताया, “संवैधानिक प्रक्रियाओं का सम्मान अन्य दलों की तरह बीजेपी के क्लचर में नहीं है। झारखंड की रघुबर सरकार ठीक नरेंद्र मोदी की सरकार की तरह वन मेन आर्मी है। यहाँ रघुबर दास बिना किसी कैबिनेट मंत्री के सलाह मशविरा के चलते हैं। इसलिए वो बारहवाँ मंत्री बनाने की जरूरत ही महसूस नहीं किए होंगे।”

ऐसा नहीं है इसके दावेदार नहीं थे। कई प्रबल दावेदारों तो दूसरी बार चुनाव जीत कर आए, गिरिडीह के एमएलए निर्भय शाहबादी भी उनमे से एक थे। पर न उन्हें और न ही किसी और को कैबिनेट मंत्री बनाया गया।

ये तो भला मानिए झारखंड के आज के विपक्ष का, नहीं तो जब बीजेपी विपक्ष में थी तो, मात्र 2 महीने के देरी में सरयू राय कई संवैधानिक संस्थाओं को पत्र लिख देते थे।

वहीं, झामुमो के केन्द्रीय सदस्य सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा, “रिप्रेजेंटेटिव ऑफ पीपल एक्ट कहता है कि 15 प्रतिशत मंत्री हो सकते हैं विधान सभा या लोक सभा के सीटों के संख्या अनुसार, पर रघुबर दास की भाजपा सरकार जो अपने आपको डबल इंजन की सरकार बोलती आई उसने ये जरूरत नहीं समझा। बारहवां मंत्री नहीं बनाना झारखंड के लोगों के साथ भी धोखा है, जिनको एक और मंत्री मिलने से कुछ लाभ होता।”

सोनू आगे कहते हैं, “असल में मुख्यमंत्री (रघुबर दास) ने इस मामले में विशुद्ध राजनीति की और लंबे समय तक अपने पार्टी के एमएलए और दूसरे दल से आए कुछ लोगों को लालच दिये रखा के आज नहीं तो कल उन्हे मंत्री बनाएँगे और इसी में 5 साल काट दिये।”

मंत्री सरयू राय, जिन्होने पिछली कई सारी सरकारों में इस तरह के मुद्दों को उठाया उनसे जब ईन्यूज़रूम ने बात की तो उनका कहना था, “मैंने तो इस बार भी राज्यपाल को लिखा के झारखंड के लोगों को बारहवां मंत्री मिलना चाहिए और सरकार को इसे जल्द से जल्द बनाना चाहिए।”

आगे सरयू राय मुस्कुरा कर कहते हैं, अब तो झारखंड को बारहवां मंत्री अगली सरकार में ही मिलेगा।

(साभार: enewsroom.in)

Jharkhand
Raghubar Das
BJP
Raghubar Government

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License