NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखण्ड : 'हम नक़ाब पहने हुए हैं तो क्या हम आतंकवादी हैं?'
काले रंग और नक़ाब से डर के अलावा मोदी की जमशेदपुर की सभा में एक और दिलचस्प चीज़ देखने को मिली, वह यह कि बीजेपी समर्थक ही राज्य सरकार की आलोचना करते नज़र आए। उन्होंने कहा, "जब भी बात होती है तो रघुबर दास केंद्र की योजनाओं को गिनाना शुरू कर देते हैं। हमने उसके लिए छह महीने पहले ही वोट दे दिया था। अब राज्य की बारी है।"
अमित सिंह
04 Dec 2019
modi rall jharkhand election

'हमें मोदी की रैली में आने से रोका गया। हम हिंदुस्तान के मुसलमान हैं लेकिन क्या हमारी कोई इज़्ज़त नहीं है। हम नक़ाब पहने हुए हैं तो क्या हम आतंकवादी हैं। हमें लाइन से हटा दिया गया। हमें रैली में जाने से रोका गया है। हम तो चाह रहे थे कि मोदी से मिलकर उनसे हाथ मिलाए लेकिन हमारे साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।'

ये कहना था झारखण्ड के जमशेदपुर में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुनावी रैली में हिस्सा लेनी आई मेहरुन्निसा का। मेहरुन्निसा मुस्लिम महिलाओं के एक समूह के साथ बीजेपी की रैली में हिस्सा लेने आईं थी लेकिन काला कपड़ा यानी नक़ाब पहने होने के चलते उन्हें ग्राउंड के अंदर नहीं जाने दिया जा रहा था। हालांकि ऐसा सिर्फ़ मुस्लिम महिलाओं के साथ ही नहीं हो रहा था। काले रंग से डर इस क़दर था कि मोदी की रैली में शामिल होने आए ज्यादातर लोगों को किसी भी तरह का काला कपड़ा ले जाने से रोका गया। रैली कवर करने गए न्यूज़क्लिक की टीम के सदस्य को भी अपना शर्ट चेंज करना पड़ा। आपको मालूम हो कि काला रंग विरोध का प्रतीक माना जाता है। और शासन-प्रशासन किसी विुरोध का ख़तरा मोल लेना नहीं चाहता था। जहां तक सुरक्षा का सवाल था तो सुरक्षा के हवाले से पेन ले जाने तक की मनाही थी।

हालांकि बाद में जब यह मामला ज्यादा बढ़ा तो बीजेपी नेताओं और प्रशासन ने मुस्लिम महिलाओं को अंदर जाने की अनुमति दी। बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चा की नेता फातिमा शहीन ने बताया कि पहले काला कपड़ा पहने किसी भी व्यक्ति को रैली में जाने की अनुमति नहीं थी, इसलिए ऐसा मामला हुआ। ये ज्यादातर महिलाएं मेरे साथ ही आई थी।

फिलहाल जमशेदपुर में हुई इस रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी उम्मीदवार के समर्थन में प्रदेश की पूर्ववर्ती सरकारों पर जमकर निशाना साधा। इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि झारखण्ड में उतनी तेजी से मौसम भी नहीं बदलता था, जितनी तेजी के साथ मुख्यमंत्री बदल जाते थे। उन्होंने इसके लिए कांग्रेस और झारखण्ड मुक्ति मोर्चा को जिम्मेदार ठहराया।

मोदी ने चुनावी रैली में कहा, ‘आजादी के बाद से हिंदुस्तान के हर कोने में जम्मू कश्मीर और 370 की चर्चा चल रही थी। संविधान में 370 को अस्थायी लिखा था, लेकिन एक टोली उसे स्थायी बनाने में जुटी थी, कोई उसे हाथ लगाने को तैयार नहीं था, लेकिन देश की जनता ने मोदी को कठोर निर्णय लेने के लिए भेजा है। मैं राजनीति के हिसाब किताब नहीं करता हूं मैं सिर्फ देशनीति को देखता हूं। इसलिए दशकों से लटका 370 खत्म हो सका।’

उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस ने पहले षड्यंत्र करके राम जन्मभूमि मामले को उलझाया, लटकाया और अपनी राजनीति के लिए उसका उपयोग किया। लेकिन आज इतना बड़ा मामला शांति से निपट गया। हर समाज ने उसका स्वागत किया और भाईचारा मजबूत हुआ। यही तो राम जी की ताकत है।’

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कांग्रेस और उसके सहयोगियों ने अपनी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में झारखण्ड की रेल परियोजनाओं के लिए सिर्फ 2 हजार करोड़ रुपये आवंटित किए थे जबकि भाजपा सरकार पिछले पांच वर्ष में इसका 5 गुना अर्थात 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक झारखण्ड को रेल परियोजनाओं के लिए दिये।

मोदी ने झारखण्ड सरकार के तारीफ के कसीदे पढ़ें लेकिन रैली में आए तमाम बीजेपी समर्थक ही इससे संतुष्ट नजर नहीं आ रहे थे। उनका कहना था कि रघुबर सरकार तमाम मोर्चों पर नाकाम रही है।

रैली में आए बीजेपी समर्थक आरके सिन्हा ने कहा,'हमें केंद्र की सरकार से समस्या नहीं है। रघुबर दास अपने काम के बारे में बताए। कानून व्यवस्था, मॉब लिचिंग, भूख से मौत, किसान, बेरोजगारी, अनुबंधकर्मियों की समस्या को निपटने के लिए उन्होंने क्या किया? जब भी बात होती है तो रघुबर दास केंद्र की योजनाओं को गिनाना शुरू कर देते हैं। हमने उसके लिए छह महीने पहले ही वोट दे दिया था। अब राज्य की बारी है। मेरे ख्याल से यहां लड़ाई इतनी आसान नहीं हैं। रघुबर दास कई मोर्चों पर फेल हुए हैं।'

कुछ ऐसा ही कहना 20 वर्षीय युवा मुकेश कुमार का था। बीजेपी सरकार का काम पूछे जाने पर वो राम मंदिर, अनुच्छेद 370, शौचालय और आयुष्मान भारत जैसे तमाम काम गिनाने लगते हैं लेकिन जब रोजगार को लेकर सवाल पूछा जाता है तो वे कहते हैं, 'हम यह नहीं कह रहे हैं कि सरकार ने सभी मोर्चों पर बेहतर काम किया है। रोजगार एक बड़ी समस्या है। नौकरी नहीं है। अगली सरकार को रोजगार और पढ़ाई के मोर्चे पर काम करना चाहिए। अगर नौकरी नहीं मिलेगी तो हम खाएंगें क्या? मुझे लगता है सरकार को इस दिशा में ज्यादा सोचना चाहिए। रघुबर सरकार इस मोर्चे पर बुरी तरह से फेल रही है।'

इसी तरह रैली में आए श्यामा प्रधान भी रघुबर सरकार की तारीफ के साथ कमियां गिनाते हैं। मजेदार बात यह है कि रैली में रघुबर सरकार के काम के बारे में पूछे जाने पर ज्यादातर एक पैटर्न का रटा रटाया जवाब मिलता है। उसमें अनुच्छेद 370, राम मंदिर, स्वच्छ भारत अभियान, उज्जवला योजना और आयुष्मान भारत जैसी योजनाओं का जिक्र होता है लेकिन जब मुद्दों पर सवाल पूछा गया तो वही कार्यकर्ता कई मोर्चों पर सरकार के असफल होने की बात करने लगते थे। जैसे बीजेपी कार्यकर्ता श्यामा प्रधान बताते हैं,'कानून व्यवस्था की गिरती स्थिति, महिलाओं की सुरक्षा, मॉब लिचिंग, भूख से लगातार हो रही मौत, बढ़ती बेरोजगारी, किसानों की मूलभूत समस्याएं, राज्य के अनुबंधकर्मियों के साथ हो रहा बुरा सलूक चिंता का विषय है। राज्य सरकार इनसे निपट नहीं पाई है।'

आपको बता दें कि जमशेदपुर में खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास जमशेदपुर पूर्वी सीट से उम्मीदवार हैं जिन्हें उन्हीं के मंत्रिमंडल के सदस्य रहे सरयू राय भ्रष्टाचार के मुद्दों पर चुनौती दे रहे हैं। जबकि खूंटी से भाजपा ने रघुवर दास मंत्रिमंडल में मंत्री रहे नीलकंठ सिंह मुंडा को एक बार फिर अपना उम्मीदवार बनाया है।

झारखण्ड विधानसभा चुनाव के प्रथम चरण से पहले भी प्रधानमंत्री मोदी ने 25 नवंबर को दो बड़ी चुनावी सभाएं की थी। इस दौरान प्रधानमंत्री ने डाल्टनगंज और गुमला में चुनावी सभाओं को संबोधित किया था। झारखण्ड में पांच चरणों में कुल 81 सीटों के लिए चुनाव हो रहा हैं।

पहले चरण के लिए 13 सीटों पर 30 नवंबर को मतदान हुआ था जबकि दूसरे चरण में सात दिसंबर को, तीसरे चरण के लिए 12 दिसंबर को, चौथे चरण के लिए 16 दिसंबर को और पांचवें एवं अंतिम चरण के लिए 20 दिसंबर को मतदान होगा। मतगणना 23 दिसंबर को की जाएगी।

Modi in Jharkhand
Jharkhand Assembly Elections 2019
BJP
Congress
JMM
AJSU
jdu
CPIM
CPIML Liberation
MCC
Narendra modi
Raghubar Das

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • srilanka
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका: निर्णायक मोड़ पर पहुंचा बर्बादी और तानाशाही से निजात पाने का संघर्ष
    10 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने श्रीलंका में तानाशाह राजपक्षे सरकार के ख़िलाफ़ चल रहे आंदोलन पर बात की श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता डॉ. शिवाप्रगासम और न्यूज़क्लिक के प्रधान…
  • सत्यम् तिवारी
    रुड़की : दंगा पीड़ित मुस्लिम परिवार ने घर के बाहर लिखा 'यह मकान बिकाऊ है', पुलिस-प्रशासन ने मिटाया
    10 May 2022
    गाँव के बाहरी हिस्से में रहने वाले इसी मुस्लिम परिवार के घर हनुमान जयंती पर भड़की हिंसा में आगज़नी हुई थी। परिवार का कहना है कि हिन्दू पक्ष के लोग घर से सामने से निकलते हुए 'जय श्री राम' के नारे लगाते…
  • असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय में एबीवीपी का हंगामा: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत चंदन का घेराव, धमकी
    10 May 2022
    एक निजी वेब पोर्टल पर काशी विश्वनाथ मंदिर को लेकर की गई एक टिप्पणी के विरोध में एबीवीपी ने मंगलवार को प्रोफ़ेसर रविकांत के ख़िलाफ़ मोर्चा खोल दिया। उन्हें विश्वविद्यालय परिसर में घेर लिया और…
  • अजय कुमार
    मज़बूत नेता के राज में डॉलर के मुक़ाबले रुपया अब तक के इतिहास में सबसे कमज़ोर
    10 May 2022
    साल 2013 में डॉलर के मुक़ाबले रूपये गिरकर 68 रूपये प्रति डॉलर हो गया था। भाजपा की तरफ से बयान आया कि डॉलर के मुक़ाबले रुपया तभी मज़बूत होगा जब देश में मज़बूत नेता आएगा।
  • अनीस ज़रगर
    श्रीनगर के बाहरी इलाक़ों में शराब की दुकान खुलने का व्यापक विरोध
    10 May 2022
    राजनीतिक पार्टियों ने इस क़दम को “पर्यटन की आड़ में" और "नुकसान पहुँचाने वाला" क़दम बताया है। इसे बंद करने की मांग की जा रही है क्योंकि दुकान ऐसे इलाक़े में जहाँ पर्यटन की कोई जगह नहीं है बल्कि एक स्कूल…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License