NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
झारखंड चुनाव: मॉब लिंचिंग के पीड़ित डर के साये में, आरोपियों को मिल रहा राजनीतिक संरक्षण
झारखंड जनाधिकार मंच से जुड़े सिराज दत्ता के मुताबिक, ज्यादातर घटनाओं में पाया गया है कि पीड़ितों के खिलाफ भी पुलिस ने मामले दर्ज किए हैं। खासकर गोकशी के मामले।
तारिक अनवर
26 Nov 2019
mob lynching
प्रतीकात्मक तस्वीर

मॉब लिंचिंग के लिए कुख्यात हो चुके झारखंड में किसी भी पार्टी ने लिंचिंग को अपने चुनावी कैंपेन का मुद्दा नहीं बनाया। 18 मार्च 2016 से 22 सितंबर 2019 के बीच झारखंड में लिंचिंग के चलते 22 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है। इसमें गायों की कथित तस्करी और गोकशी के आरोप समेत बच्चा उठाने की अफवाहें कारण रही हैं। चिंता की बात यह है कि कुछ मामलों को छोड़कर ज्यादातर घटनाएं ग्रामीण या छोटे कस्बाई इलाकों में हुई हैं।

विडंबना यह है कि पीड़ित परिवार न तो अपने करीबी और कमाऊ सदस्य के खोने के गम का इज़हार कर पा रहे हैं, न ही इसे दबा पा रहे हैं। क्योंकि उन्हें राजनीतिक मदद नहीं मिल रही है। परिवारों का आरोप है कि आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण दिया जा रहा है। दोषियों को सजा दिलाए जाने के भरोसे के बजाए, राजनीतिक पार्टियां लोगों से वायदा कर रही हैं कि अगर वे सत्ता में आईं तो आरोपियों को छोड़ देंगी।

इस बीच झारखंड के गुमला जिले की डुमरी ब्लॉक में लिंचिंग की घटना हुई। जुरमु गांव में हुई इस घटना पर लोगों का बहुत ज़्यादा ध्यान नहीं गया। करीब 30 लोगों की एक भीड़ ने इस साल 10 अप्रैल को 50 साल के प्रकाश लकरा, पीटर केरकेट्टा, बेलारियस टिरके और जेनेरिअश मिंज की मरे हुए बैल का चमड़ा निकालने के चलते पिटाई कर दी। यह सभी दलित क्रिश्चियन हैं। इनमें प्रकाश लकरा की मौत हो गई, वहीं अन्य तीन बुरे तरीके से घायल हो गए। जेनेरिस मिंज पिटाई के बाद बेहद कमज़ोर हो चुके हैं। वे न तो लंबे वक्त तक खड़े हो सकते हैं, न ही खेतों में लंबा काम कर सकते हैं, क्योंकि उनकी बहुत सारी हड्डियां टूट चुकी हैं। लिंचिंग के वक्त उन्हें पेशाब पीने पर भी मज़बूर किया गया था।
 
प्रकाश लकरा की पत्नी जेरेमिना अब गांव में अकेली रहती हैं। पिता की मौत के बाद उनके बच्चे (बेटा और बेटी) गांव छोड़कर जा चुके हैं। वो डरे हुए थे। मिंज और दो दूसरे लोग, जो बुरी तरह घायल हुए थे, वे अभी भी गांव में रहते हैं। लेकिन अब पहले जैसी बात नहीं है। क्योंकि पूरा गांव अब चिंतित है और लोगों की आवाजाही पर नज़र रखता है। मिंज घटना के चश्मदीद गवाह भी हैं। वो और दूसरे गांव वाले डरे हुए हैं। मिंज का आरोप है कि उन्हें केस वापस लेने के लिए धमकाया भी जा रहा है।

घटना-

जुरमू गांव के रहने वाले अधियास कुजुर नाम के शख़्स का बैल 9 अप्रैल को गुम हो गया। बहुत खोजने पर भी बैल नहीं मिला। 10 अप्रैल को गांव के पास बैल का मृत शरीर मिला। मिंज ने न्यूज़क्लिक को बताया, 'चूंकि बैल मर चुका था, तो हमने उसकी चमड़ी उधेड़ना शुरू कर दी, क्योंकि हम इसका इस्तेमाल ड्रम बनाने में करते हैं। इस बीच पड़ोसी गांव जउरागी से ऊंची जाति के लोगों की एक भीड़ वहां पहुंच गई और हमारी पिटाई शुरू कर दी। वे हम पर गोकशी का आरोप लगा रहे थे। हमने उन्हें कई बार बताया कि वह एक मृत बैल था, लेकिन उन्होंने हमारी बात नहीं सुनी।' मिंज की आंखों के सामने घटना का डर साफ दिख रहा था।

मिंज ने बताया कि हमलावर तलवारों और दूसरे घातक हथियारों से लैस थे। उन्होंने एक बोतल में पेशाब की और पीड़ितों को उसे पीने पर मजबूर किया। मिंज के मुताबिक़,'हम सिर्फ चार थे,हमारे पास कोई विकल्प नहीं था। वो लोग हमें अच्छी तरह जानते थे और हम भी उन्हें पहचानते थे, इसके बावजूद उन्होंने बिलकुल रहम नहीं किया।'

दुख की बात यह है कि पुलिस भी भीड़ का साथ दे रही है। मिंज ने बताया, 'हमें पुलिस स्टेशन ले जाया गया। हमें बचाने की बजाए पुलिस वालों ने भीड़ को हमारी पिटाई के लिए उकसाया। भीड़ को जब महसूस हुआ कि पुलिस भी उनके साथ है, तो वो और हिंसक हो गई। हमसे हिंदुओं के धार्मिक नारे भी लगवाए गए। पिटाई के चलते प्रकाश वहीं गिर गया और घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। प्रकाश की मौत के बाद भीड़ वहां से भाग गई। हम सभी बेहोश हो चुके थे। तब शाम के सात बज रहे थे। हम अगली सुबह तक स्टेशन में ही बेहोश पड़े रहे। हमें सुबह चार बजे डुमरी के एक हॉस्पिटल पहुंचाया गया।'

मिंज ने बताया कि प्रकाश को भी इलाज़ के लिए पहुंचाया गया था, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि हॉस्पिटल लाने से पहले ही प्रकाश की मौत हो चुकी थी। इसके बाद पुलिस ने हमारे स्टेटमेंट दर्ज किए। आरोपियों के खिलाफ एक एफआईआर लिखी गई, लेकिन पीड़ितों पर भी गोकशी का मामला बनाया गया। जबकि गोकशी के आरोप से पीड़ित लगातार इनकार कर रहे हैं।

डर के साये में रहने को मजबूर

मिंज और गांव के दूसरे लोग अभी भी डर के साये में रहने को मजबूर हैं। मिंज की दुनिया बदल चुकी है। उसने बताया कि पहले वह शहर से रात में भी गांव आ जाया करता था। लेकिन अब धमकियों के कारण वह गांव से बाहर जाने में डर महसूस करता है। जेरेमिना लकड़ा ने बताया कि उनके पति की मौत को पुलिस ने छुपाया और उन्हें इसकी जानकारी पोस्टमार्टम के बाद ही दी गई। जेरेमिना का आरोप है कि पुलिस ने उनपर शव को जबरदस्ती जल्दबाजी में दफन करने का दबाव भी बनाया। सामाजिक कार्यकर्ताओं ने बताया कि दोषियों के खिलाफ कदम उठाने के बजाए पुलिस ने पीड़ितों के खिलाफ ही मामला दर्ज कर लिया और लगातार उन्हें प्रताड़ित कर रही है।

झारखंड जनाधिकार मंच (JJM) से जुड़े एक्टिविस्ट सिराज दत्ता ने राज्य में मॉब लिंचिंग की घटनाओं पर बहुत अध्ययन किया है। बतौर दत्ता, ज़्यादातर मामलों में पाया गया कि पीड़ितों के खिलाफ भी गोकशी जैसे मामले दर्ज किए गए। ऐसे में न्याय का रास्ता बहुत कठिन हो जाता है। उन्होंने सवाल उठाया कि ऐसी स्थितियों

में पीड़ित न्याय की मांग करेगा या खुद को निर्दोष साबित करने के लिए मजबूर होगा?

मुआवज़ा छोड़िए, मिलने तक नहीं गया कोई

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने संसद के शीत कालीन सत्र के दौरान कहा था कि केंद्र ने सभी राज्यों को मॉब लिंचिंग की घटनाओं से निपटने के लिए सख़्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। लेकिन, विशेषज्ञों की मानें तो राजनीतिक संरक्षण के चलते मॉब लिंचिंग की घटनाओं में इज़ाफा ही हुआ है।

पिछले साल केंद्रीय मंत्री जयंत सिन्हा ने अलीमुद्दीन अंसारी की हत्या में दोषी ठहराए गए आठ लोगों के बेल पर छूटने पर उनका फूल मालाओं से स्वागत किया था। रामगढ़ के रहने वाले अलीमुद्दीन की जून, 2017 में गोरक्षकों ने हत्या कर दी थी। हजारीबाग सांसद जयंत सिन्हा के इस कदम पर उनकी खूब आलोचना हुई थी।

झारखंड- एक असफल राज्य?

जुरमु लिंचिग के बाद सारायकेल-खारसावन के रहने वाले 24 साल के तबरेज अंसारी को हिंदू कट्टरपंथियों की एक भीड़ ने मोटरसाइकिल चुराने के आरोप में बेहद बुरी तरह पीटा और जय श्रीराम के नारे लगाने पर मजबूर किया। लेकिन लिंचिंग के ज़्यादातर मामलों की तरह यहां भी पीड़ित को न्याय नहीं मिला। झारखंड पुलिस ने चार्जशीट में दावा किया कि अंसारी की मौत चोटों से नहीं बल्कि कार्डिएक अरेस्ट (ह्रद्याघात) से हुई है। अंसारी के परिवार का आरोप है कि गंभीर चोटों के बावजूद तबरेज को पुलिस ने बिना किसी चिकित्सकीय परामर्श के प्राथमिक उपचार देकर जेल भेज दिया।

दो दिन बाद जब तबरेज ने सिरदर्द समेत भयंकर दर्द की शिकायत की, तब उसे जेल से सदर अस्पताल भेज दिया गया। लेकिन यहां भी डॉक्टरों ने उसका ठीक से इलाज नहीं किया और उसे जिंदा रहते हुए ही मृत घोषित कर दिया। जब तक उसे दूसरे डॉक्टर के पास ले जाया जाता, बहुत देर हो चुकी थी और चोटों से उसकी मौत हो गई। तबरेज पुणे में काम करता था और अपनी मौत से दो महीने पहले ही शादी के लिए वापस लौटा था। तबरेज की शादी 26 अप्रैल,2019 को हुई थी।  
 
पूरे देश में इस मामले में पुलिस के किरदार की बहुत आलोचना हुई। आठ दिन बाद ही झारखंड पुलिस ने लिंचिग के 11 आरोपियों के खिलाफ मर्डर चार्ज हटा दिया था। 18 सितंबर को दोबारा उन पर यह चार्ज लगाया गया। तबरेज अंसारी की पिटाई पूरे देश ने टीवी पर देखी थी। कैसे उन्हें एक खंभे से बांधकर रात भर रॉड से पीटा गया और जय श्री राम के नारे लगाने पर मजबूर किया गया।

देश की आत्मा हिला देने वाले इस केस के तीन महीने बाद बीजेपी सत्तारूढ़, इस राज्य में 22 सितंबर को एक और घटना सामने आई। खुंती जिले में एक दिव्यांग आदिवासी समेत तीन लोगों को गोकशी के शक पर भीड़ ने बुरी तरह पीटा। तीनों गंभीर तौर पर घायल हुए थे। यह घटना इस अफवाह के बाद हुई थी कि तीन आदिवासी, कालांतुस बारला, फिलिप होरो और फागु काच्छप ने एक गाय को मार दिया है। जल्दी ही तीनों को स्थानीय अस्पताल पहुंचाया गया, जहां से उन्हें रांची में राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (RIMS) पहुंचाया गया। बारला की रास्ते में ही मौत हो गई। जबकि कच्छप और होरो का RIMS में इलाज़ चल रहा है।

48 साल के मुबारक अंसारी मॉब लिचिंग के 22 वें शिकार हैं। जबकि भीड़ द्वारा बुरे तरीके से पीटे जाने पर गंभीर चोटों के बावजूद भी 26 साल के अख्तर अंसारी बच गए। उनका झारखंड के बोकारो में इलाज चल रहा है। मुबारक और अख़्तर पर गोविंदपुर कॉलोनी में एक ट्रक से बैटरी चुराने का आरोप था। दोनों पास के ही एक गांव के रहने वाले थे। 5 नवंबर को गोविंदपुर में ट्रक मालिक ने उन्हें उस वक्त पकड़ा, जब वे कथित तौर पर बैटरी ले जा रहे थे। इसके बाद मालिक ने आसपास के लोगों को इकट्ठा किया। मुबारक को एक खंभे से बांध दिया गया और दोनों की बुरी तरीके से पिटाई की गई। 

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

Jharkhand Polls: Mob Lynching Victims Live in Fear, Political Patronage to Accused?  

mob lynching
mob violence
Mob Lynching in Jharkhand
Jharkhand
Jharkhand government
BJP government
Mob Lynchings Under Modi Government
Lynching Victims
Justice for Lynching Victims

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

झारखंड: भाजपा काल में हुए भवन निर्माण घोटालों की ‘न्यायिक जांच’ कराएगी हेमंत सोरेन सरकार

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : हेमंत सरकार को गिराने की कोशिशों के ख़िलाफ़ वाम दलों ने BJP को दी चेतावनी

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं


बाकी खबरें

  • ambedkar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जनतंत्र पर हिन्दुत्व का बुल्डोजर और अंबेडकर की भविष्यवाणी
    13 Apr 2022
    देश में संसद है, संविधान है, न्यायालय और मीडिया है। लेकिन लोगों पर सत्ता का बुल्डोजर बेधड़क चल रहा है। हिन्दुत्व की राजनीति और सत्ता ने राष्ट्र और संविधान के समक्ष अभूतपूर्व संकट पैदा कर दिया है।…
  • THAKRE
    रवि शंकर दुबे
    अब राज ठाकरे के जरिये ‘लाउडस्पीकर’ की राजनीति
    13 Apr 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना के नेता राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर ईद से पहले लाउडस्पीकर नहीं हटे तो तेज़ आवाज़ में हनुमान चालीसा बजाएंगे।
  • inflation
    अजय कुमार
    महंगाई 17 महीने के सबसे ऊंचे स्तर पर, लगातार तीसरे महीने पार हुई RBI की ऊपरी सीमा
    13 Apr 2022
    सरकारी आंकड़े बता रहे हैं कि खुदरा महंगाई दर पिछले 17 महीने के सबसे उच्च स्तर पर पहुंच चुकी है। पिछले तीन महीने से महंगाई की दर लगातार 6 फीसदी से ऊपर रही है। मार्च महीने में बढ़कर 6.95 प्रतिशत पर…
  • akhilesh
    न्यूज़क्लिक टीम
    आज़म खान-शिवपाल का साथ छोड़ना! क्या उबर पाएंगे अखिलेश यादव?
    13 Apr 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के आज के एपिसोड में अभिसार शर्मा बात करेंगे अखिलेश यादव के सामने आने वाली गंभीर राजनीतिक चुनौती एवं भाजपा कर्नाटक के मंत्री, के एस ईश्वरप्पा की जिनपर एक कांट्रेक्टर की…
  • स्मार्ट सिटी मिशनः प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित 34 शहरों में बिहार के एक भी शहर नहीं
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    स्मार्ट सिटी मिशनः प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित 34 शहरों में बिहार के एक भी शहर नहीं
    13 Apr 2022
    पिछले दो साल के दौरान प्रोजेक्ट कैटेगरी में चयनित हुए 34 शहरों में राज्य की राजधानी पटना के साथ-साथ राज्य के अन्य तीन शहर भागलपुर, मुज़फ़्फ़रपुर और बिहारशरीफ़ का नाम नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License