पूर्व आईपीएस अधिकारी विभूति नारायण राय ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में दिल्ली पुलिस के रवैये पर नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए इसे काफी दुर्भाग्यपूर्ण बताया और कहा कि पुलिस नफ़रती भाषण देने वालों पर कार्रवाई नहीं…
घटनास्थल को देखकर लग रहा था कि मरने से पहले सभी ने हमलावरों का प्रतिरोध किया था। चारों के शवों पर कपड़े अस्त-व्यस्त हो गए थे। इस वारदात को खुदकुशी का एंगल भी देने की कोशिश की गई है।
मोदी और भाजपा को बड़े पैमाने पर कॉरपोरेट फंडिंग, बड़े बजट के सोशल मीडिया और ग्राउंड नेटवर्क और अंततः हिंदी समाचार चैनल के कट्टर एंकरों और मालिकों का समर्थन हासिल हो चुका है।