NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कांचीपुरम यामहा कारख़ाना से दो लोगों को निकाले जाने पर श्रमिक कर रहे विरोध
कंपनी प्रबंधन ने अब तक विरोध करने वाले इन श्रमिकों से मुलाक़ात नहीं किया है और साथ ही इन्हें स्वच्छता सुविधा देने से भी इंकार कर दिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
26 Sep 2018
yamaha workers

तमिलनाडु के कांचीपुरम कारख़ाना में इंडिया यामाहा मोटर प्राइवेट लिमिटेड (आईवाईएम) के श्रमिक अपने दो साथियों को ग़ैरक़ानूनी तरीक़े से हटाए जाने के कारण पिछले चार दिनों से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। इन श्रमिकों की मांग है कि निकाले गए दोनों श्रमिकों को कंपनी जल्द बहाल करे।

श्रमिकों को ताक़त देने के लिए कांचीपुरम कारख़ाना में श्रमिकों के मुद्दों को उठाने के लिए हाल ही में एक संघ का गठन किया गया है। कंपनी का प्रबंधन इससे कथित तौर पर नाख़ुश है। विरोध करने वाले श्रमिकों ने कथित तौर पर है कि ऐसा दो श्रमिकों - राजामानिकंदन और प्रकाश को निकाले जाने के चलते किया गया है। राजामानिकंदन संघ के कोषाध्यक्ष के रूप में कार्य करते है और प्रकाश संघ के एक सचिव के रूप में कार्य करते है। ये संघ सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियंस (सीआईटीयू) से संबद्ध है।

औद्योगिक विवाद अधिनियम के अनुसार 20 सितंबर की शाम में राज्य के श्रमिकों की कल्याण नीतियों पर चर्चा करने के लिए तमिलनाडु श्रम कल्याण बोर्ड के अधिकारियों की मौजूदगी में एक बैठक की गई। हालांकि, यामाहा प्रबंधन इस बैठक में शामिल नहीं हुआ। बैठक के बाद राजामानिकंदन और प्रकाश को हटा दिया गया। अब तक प्रबंधन इन श्रमिकों को निकाले जाने के कारणों के बारे में कोई पत्र जारी नहीं किया है।

सीआईटीयू के मुथुकुमार ने न्यूज़़क्लिक से कहा, "अचानक दो श्रमिकों को नौकरी से निकाल दिया गया है। जब वे 23 सितंबर की सुबह अपनी ड्यूटी के लिए आए तो वे हाज़री लगाने वाले सिस्टम में अपनी हाज़री नहीं लगा पा रहे थें जिसके बाद उन्हें पता चला कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है। नौकरी से निकाले जाने के संबंध में उन्हें कोई पत्र नहीं मिला है।"

मुथुकुमार ने कहा, "चूंकि दो लोगों को काम से निकाल दिया गया था, इसलिए दूसरे श्रमिक इकट्ठा हुए और विरोध करना शुरू कर दिया। उस समय लगभग 600 कर्मचारी अंदर थें, और उन्होंने कारखाने के अंदर इसका विरोध करना शुरू कर दिया। इसके अलावा, सुबह की शिफ्ट में काम पर आने वालों में लगभग 100 श्रमिकों ने कारखाने के बाहर विरोध करना शुरू कर दिया है।"

कंपनी प्रबंधन ने अभी तक इन श्रमिकों से मुलाक़ात नहीं किया है। इसके अलावा, कंपनी ने विरोध करने वाले श्रमिकों को स्वच्छता सुविधा देने से इंकार कर दिया है।

सीआईटीयू के कन्नन सुंदराराजन ने कहा, "कंपनी ने प्रकाश के घर कुछ गुंडों को भेजा है, और इन ग़ुंडों ने प्रकाश की मां और भाई को धमकी दिया है। विरोध करने वाले अन्य श्रमिकों के परिवारों को भी धमकी दी जा रही है। स्पष्ट है कि प्रबंधन सभी संभावित तरीकों से श्रमिकों के इस संघर्ष को बाधित करने की पूरी कोशिश कर रहा है।"

उधर श्रमिक संघ ने प्रबंधन स्टाफ मुकेश कुमार और रॉबर्ट केनेडी के ख़िलाफ़ शिकायत दर्ज कराया है।

कन्नन ने कहा, "बेशक, हमारा विरोध श्रमिकों के अधिकारों के लिए भी है जिसे एकजुट करना है, जबकि प्रबंधन इस संघ को बाधित करने की कोशिश कर रहा है जो श्रमिकों के अधिकारों के लिए बेहतर मज़दूरी की मांग को बल दे रहा है।"

yamaha workers
royal enfield
strike
workers protest

Related Stories

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

महानगरों में बढ़ती ईंधन की क़ीमतों के ख़िलाफ़ ऑटो और कैब चालक दूसरे दिन भी हड़ताल पर

मध्य प्रदेश : आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पहले पुलिस ने किया यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

दिल्ली: सीटू के नेतृत्व वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने आप सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनाया

अधिकारों की लड़ाई लड़ रही स्कीम वर्कर्स

दिल्ली: डीबीसी कर्मचारियों ने की बेहतर कार्य स्थिति और वेतन की मांग, काली पट्टी लगाकर कर रहे काम

हरियाणा: यूनियन का कहना है- नाकाफी है खट्टर की ‘सौगात’, जारी रहेगी आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की हड़ताल


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License