NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कासगंज दंगे : मृत बताया जाने वाला शख्स, जिंदा पाया गया, फेक न्यूज़ द्वारा फैलाया जा रहा था ज़हर
राहुल ने मीडिया को बताया कि ये कहानी “एक और हिन्दू का कत्ल हुआ” ये कह कर फैलाई जा रही थी I ये देखकर राहुल ने पुलिस अधिकारियों को कॉल कर अपने ज़िन्दा होने की जानकारी दी I
ऋतांश आज़ाद
30 Jan 2018
fake news
image courtesy: siyasat.com

उत्तर प्रदेश के कासगंज में सांप्रदायिक तनाव अब भी बरक़रार है और इसी बीच दंगों में मृत घोषित कर दिये गये एक व्यक्ति के ज़िन्दा होने की खबर आ रही है I 26 जनवरी को हुए सांप्रदायिक दंगे के बाद सोशल मीडिया पर ये खबर फैलाई जा रही थी कि चन्दन गुप्ता के साथ राहुल उपाध्याय नाम के एक शख्स की भी दंगों में हत्या कर दी गयी है I सोशल मीडिया पर फैल रही इस खबर को स्थानीय अख़बारों ने भी छापना शुरू कर दिया I इसके बाद राहुल उपाध्याय जो कि नोएडा में रहते और काम करते हैं के पास लगातार उनका हाल-चाल पूछने के लिए फ़ोन कॉल आने लगे I जब लोगों ने उन्हें सोशल मीडिया के स्क्रीनशॉट्स दिखाए तो उन्हें समझ आया कि उनकी मौत की कहानी इलाके में दंगों की आग को और भड़काने के लिए इस्तेमाल की जा रही है I

राहुल ने मीडिया को बताया कि ये कहानी “एक और हिन्दू का कत्ल हुआ” ये कह कर फैलाई जा रही थी I ये देखकर राहुल ने पुलिस अधिकारियों को कॉल कर अपने ज़िन्दा होने की जानकारी दी I कासजंग पुलिस ने झूठ फैलाने के आरोप में 4 लोगों को गिरफ्तार किया है I राहुल का कहना है कि उनके ज़िन्दा होने की ख़बर मिलने के बाद अलीगढ़ के IG संजीव गुप्ता ने उन्हें ज़्यादा-से-ज़्यादा मीडिया वालों से बात करने को कहा जिसके बाद ही यह खबर मुख्यधारा की मीडिया में आने लगी I

पिछले कुछ समय से सोशल मीडिया पर इस तरह के झूठे प्रचार आम हो गए हैं I दक्षिणपंथी संगठनों और उन्हें वैचारिक समर्थन देने वाले लोगों ने इसे एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है I कुछ ही दिन पहले दक्षिणपंथी राजनीति की समर्थक और लेखक मधु किश्वर ने करणी सेना के लोगों द्वारा गुरुग्राम में स्कूल बस पर हमले के बाद लिखा “जिन पाँच लोगों को करणी सेना के नाम पर गुरुग्राम की स्कूल बस पर हमले के सम्बन्ध में पकड़ा गया है, उनके नाम हैं सद्दाम, आमिर, फिरोज़, नफीस और अशरफ, अगर यह खबर सच्ची है तो यह खबर अपने आप में बहुत कुछ कह रही है I और कुछ बोलने की ज़रुरत नहीं है”

madhu

ये जल्द ही ज़ाहिर हो गया है कि ये ख़बर बिलकुल झूठी थी और इसे सिर्फ मुसलमानों के प्रति लोगों को भड़काने के लिए फैलाया जा रहा था I इसे “श्रंखनाद” नामक अकाउंट से शेयर किया गया था जो राहुल उपाध्याय की झूठी खबर फैलाने और इससे पहले भी कई झूठे प्रचार करने के लिए जाना जाता रहा है I

fake news

इस तरह के झूठे प्रचार की वजह से पिछले साल मई में 4 लोगों पर भीड़ द्वारा बच्चे चोरी करने के झूठे इलज़ाम में झारखंड के विभिन्न क्षेत्रों में हमले हुए, इसमें एक व्यक्ति की मौत तक हो गयी I इसी तरह पिछले साल बंगाल में सांप्रदायिक तनाव के दौरान लगतार काफी फ़र्ज़ी फोटो और विडियो सोशल मीडिया पर फैलाये गए I इनमें एक फोटो में दिखाया गया था कि कुछ मुस्लिम लोग बंगाल के बदूरिया में एक हिन्दू महिला का रेप करने का प्रयास कर रहे हैं, असल में ये एक भोजपुरी फिल्म की फोटो थी I इस झूठी ख़बर को बीजेपी के बड़े नेता कैलाश विजयवर्गीय तक ने साझा किया I

इस तरह की झूठी खबरों का प्रचार लगातार किया जा रहा है और इससे सांप्रदायिक उन्माद फैलाने की कोशिशें आम हो गयी हैं I मुख्यधारा के कुछ मीडिया चैनल पहले ही कासगंज दंगे को इस तरह पेश कर रही है कि ये दंगा तिरंगे की खिलाफत कर रहे मुसलमानों द्वारा शुरू किया गया, जबकि सच बिल्कुल उलट है I हाल में आयी रिपोर्टों के मुताबिक मुस्लिम पक्ष के लोग कासगंज के अब्दुल हमीद चौराहे पर खुद तिरंगा फहरा रहे थे जब ABVP और VHP के लोगों ने मोटरसाइकिलों पर वहाँ आकर भगवा झंडे लहराए, भाडकाऊ नारे दिए और वहीं से रैली निकालने की ज़िद्द की, जिसके बाद विवाद शुरू हुआ I सवाल यह है कि कासगंज में आज जब पहले ही हालात इतने ख़राब हैं तो इस तरह की झूठी खबरें क्या आग में घी का काम नहीं करेगी? इस तरह की सियासत से किसको फायदा हो रहा है?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी
    23 May 2022
    "युवाओं तथा मध्य आयु वर्ग के लोगों में हृदय संबंधी समस्याएं बढ़ रही हैं जो चिंताजनक है। हर चौथा व्यक्ति हृदय संबंधी रोग से पीड़ित होगा।"
  • आज का कार्टून
    “मित्रों! बच्चों से मेरा बचपन का नाता है, क्योंकि बचपन में मैं भी बच्चा था”
    23 May 2022
    अपने विदेशी यात्राओं या कहें कि विदेशी फ़ोटो-शूट दौरों के दौरान प्रधानमंत्री जी नेताओं के साथ, किसी ना किसी बच्चे को भी पकड़ लेते हैं।
  • students
    रवि शंकर दुबे
    बच्चों को कौन बता रहा है दलित और सवर्ण में अंतर?
    23 May 2022
    उत्तराखंड में एक बार फिर सवर्ण छात्रों द्वारा दलित महिला के हाथ से बने भोजन का बहिष्कार किया गया।
  • media
    कुश अंबेडकरवादी
    ज़ोरों से हांफ रहा है भारतीय मीडिया। वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में पहुंचा 150वें नंबर पर
    23 May 2022
    भारतीय मीडिया का स्तर लगातार नीचे गिर रहा है, वर्ल्ड प्रेस फ्रीडम इंडेक्स में 150वें नंबर पर पहुंच गया है।
  • सत्येन्द्र सार्थक
    श्रम क़ानूनों और सरकारी योजनाओं से बेहद दूर हैं निर्माण मज़दूर
    23 May 2022
    निर्माण मज़दूर राजेश्वर अपना अनुभव बताते हुए कहते हैं “दिल्ली के राजू पार्क कॉलोनी में मैंने 6-7 महीने तक काम किया था। मालिक ने पूरे पैसे नहीं दिए और धमकी देकर बोला ‘जो करना है कर ले पैसे नहीं दूँगा…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License