NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
केंद्र ने कहा- "रफ़ाल दस्तावेज़ रक्षा मंत्रालय से चोरी हुए"
अदालत ने महान्यायवादी से रक्षा मंत्रालय से कथित तौर पर चोरी हुए दस्तावेज़ों पर सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों की जानकारी भी मांगी।
आईएएनएस
06 Mar 2019
आईएएनएस

केंद्र ने बुधवार को अदालत को बताया कि रफ़ाल से संबंधित अति महत्वपूर्ण दस्तावेज़  रक्षा मंत्रालय से चोरी हो गए हैं। केंद्र ने कहा कि ये वही दस्तावेज़ हैं, जो मीडिया में दिखाए गए थे ये भी बताया गया कि 36 रफ़ाल लड़ाकू विमानों की ख़रीद पर सर्वोच्च न्यायालय द्वारा 14 दिसंबर को सरकार को दी गई क्लीन चिट को वापस लेने की मांग करने के लिए याचिकाकर्ताओं ने इन्हीं का हवाला दिया है। भारतीय वार्ताकार दल (आईएनटी) के तीन सदस्यों द्वारा आठ पृष्ठों के नोट में व्यक्त की गई असहमति का ज़िक्र करते हुए महान्यायवादी के.के. वेणुगोपाल ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ़ की पीठ को बताया कि इसकी जांच की जा रही है कि दस्तावेज़ों को पूर्व कर्मचारियों ने चुराया या वर्तमान कर्मचारियों ने।

महान्यायवादी ने आईएनटी के तीन सदस्यों की टिप्पणी के संदर्भ में अंग्रेज़ी दैनिक 'द हिंदू' में प्रकाशित एक लेख का उल्लेख किया और कहा कि इसकी जांच की जा रही है। यह लेख अखबार के पूर्व संपादक एन. राम ने लिखा था।

महान्यायवादी ने रफ़ाल संबंधित याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय की सुनवाई से ठीक पूर्व आठ फ़रवरी को अखबार में एक रपट प्रकाशित करने के लिए आपत्ति दर्ज कराई।

इसपर प्रधान न्यायाधीश गोगोई ने जानना चाहा कि अगर ये दो लेख 'अनधिकृत' दस्तावेज़ों के आधार पर प्रकाशित हुए थे तो सरकार ने आठ फ़रवरी को इस स्टोरी के प्रकाशित होने पर सबसे पहले क्या कार्रवाई की।

अदालत ने महान्यायवादी से रक्षा मंत्रालय से कथित तौर पर चोरी हुए दस्तावेज़ों पर सरकार द्वारा उठाए गए क़दमों की जानकारी भी मांगी।

महान्यायवादी ने पुनर्विचार याचिका और अदालत को गुमराह करने वाले अधिकारियों के ख़िलाफ़ 'झूठी गवाही का मामला' शुरू करने की मांग वाली याचिका को ख़ारिज करने की मांग की। इसपर अदालत ने कहा कि प्रशांत भूषण को अपना पक्ष रखने दीजिए कि आख़िर वह क्या चाहते हैं और फिर अदालत तय करेगी कि इसके किस हिस्से को स्वीकार करना है।
 

Rafale deal
Indian government
India
Indian army
BJP
Supreme Court
Army
Defense Minister
defence ministry

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License