NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केरल के साथ केंद्र का भेदभावः एसएसए फंड का आवंटन आधा किया?
"केंद्र के राजनीतिक बदले के शिकार हो रहे हैं केरल के बच्चेI"
शिल्पा शाजी
31 Jul 2018
केंद्र ने केरल का शिक्षा बजट कम किया

एक तरह जहाँ केरल में सार्वजनिक शिक्षा प्रणाली ने एक नया मोड़ लिया है, वहीं दूसरी तरफ केंद्र ने राज्य के लिए समग्र शिक्षा अभियान (एसएसए) निधि के आवंटन में काफी कटौती कर दी है। इस साल अप्रैल में इंडिकेटिव बजट में आवंटित 413.43 करोड़ रुपए से कटौती कर 206 करोड़ रुपए कर दिया गया है।

राज्य के वित्त मंत्री डॉ थॉमस आईज़ैक ने एक फेसबुक पोस्ट पर कहा कि "केरल में बच्चे केंद्र के राजनीतिक प्रतिशोध के शिकार हो रहे हैं।" उन्होंने आगे लिखा कि मोदी को बच्चों से भी राजनीतिक ख़तरा है और फंड आवंटन में कटौती कर दी है, वह आधुनिक कंस के रूप में काम करते हैं।

राज्यों के लिए बजट आवंटन राज्यों द्वारा केंद्र की वार्षिक योजनाओं और एमएचआरडी के साथ चर्चा के बाद होता है। राज्य ने 1941.10 रुपए की योजना बनाई है जिसमें मुफ्त पाठ्यपुस्तक, यूनिफॉर्म वितरण, लड़कियों के लिए मार्शल आर्ट प्रशिक्षण, छात्रों के लिए व्यावसायिक प्रशिक्षण, शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण इत्यादि समेत 38 सेक्शन को शामिल करते हुए यह योजना बनाई है।

हालांकि केंद्र ने पिछले वर्ष आवंटित किए गए फंड 28,000 करोड़ रुपए की तुलना में बढ़ाकर 2018-19 वित्तीय वर्ष में 34,000 करोड़ रुपए आवंटित किया है, लेकिन केरल और कर्नाटक दोनों राज्यों में इंडिकेटिव बजट के दौरान आवंटन की तुलना में काफी कटौती की गई है। इंडिकेटिव बजट आवंटन के अनुसार केरल के 413.43 करोड़ रुपए दिया गया था और कर्नाटक 926.37 करोड़ रुपए दिए गए थे। हालांकि केरल को 206.06 करोड़ रुपए मिले अर्थात लगभग 50 प्रतिशत कटौती हुई, वहीं कर्नाटक को 577.84 करोड़ रुपए मिले जिसमें लगभग 38 प्रतिशत कटौती हुई।

इस साल 24 अप्रैल को मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एमएचआरडी) के एक पत्र में - राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जारी किए गए फंड के ब्योरे को प्रस्तुत करते हुए - यह उल्लेख किया गया था कि योजना के कार्यान्वयन के मसौदा ढांचे का इस्तेमाल राज्यों / केंद्र शासित प्रदेशों के लिए वार्षिक योजनाओं की तैयारी के लिए किया जा सकता है। हालांकि जब केंद्र ने धन आवंटित किया तो केरल को इंडिकेटिव बजट राशि का लगभग आधा हिस्सा मिला।

उत्तर प्रदेश, राजस्थान और मध्य प्रदेश जैसे बीजेपी शासित राज्यों और एआईएडीएमके शासित तमिलनाडु में धन आवंटन में इस तरह की कटौती है। उत्तर प्रदेश, राजस्थान, मध्य प्रदेश और तमिलनाडु के लिए क्रमशः 4,773.10 करोड़ रुपए, 2,717.18 करोड़ रुपए, 2,406.60 रुपए और 1,422 करोड़ रुपए निर्धारित किए गए हैं।

centre cut kerala education budget 1.jpg

पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों को छोड़कर प्रत्येक राज्य के कुल व्यय का साठ प्रतिशत केंद्र द्वारा योगदान दिया जाना चाहिए और उधर पहाड़ी राज्यों और पूर्वोत्तर राज्यों के लिए केंद्र एसएसए योजना के लिए व्यय का 90 प्रतिशत खर्च करता है।

centre cut kerala education budget 2.jpg

centre cut kerala education budget 3.jpg

एसएसए को 2018-19 के केंद्रीय बजट में प्री-नर्सरी से कक्षा 12 तक भेदभाव किए बिना स्कूल शिक्षा का समग्र रूप से व्यवहार करने का प्रस्ताव दिया गया है। ये कार्यक्रम जिसे स्कूल शिक्षा क्षेत्र के लिए प्री-स्कूल से 12 वीं कक्षा तक विस्तारित कार्यक्रम के लिए एक व्यापक कार्यक्रम के रूप में लॉन्च किया गया था। इसलिए, स्कूली शिक्षा के समान अवसरों के संदर्भ में स्कूल प्रभावशीलता में सुधार के व्यापक लक्ष्य के साथ तैयार किया गया है और सर्व शिक्षा अभियान (एसएसए), राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (आरएमएसए) और टीचर एजुकेशन(टीई) की तीन योजनाओं को शामिल करता है।

फिर 27 जुलाई को जावड़ेकर ने राज्यसभा में एक तारांकित प्रश्न के उत्तर में एसएसए को स्कूल शिक्षा के लिए एक एकीकृत योजना के रूप में इस्तेमाल किया और 2018-19 से प्रभावी एक केंद्रीय प्रायोजित योजना के रूप में संबोधित किया। अब तक केंद्र ने 1 अप्रैल 2018 से 31 मार्च 2020 तक की अवधि के लिए 75,000 करोड़ रुपए के आवंटन को मंज़ूरी दे दी है जो मौजूदा आवंटन में 20 फीसदी की वृद्धि है।

जैसा कि मंत्री ने संसद को बताया कि इस कार्यक्रम की विशेषताओं में "पुस्तकालयों की क्षमता बढ़ाने के लिए वार्षिक अनुदान 5,000 रूपए से बढ़ाकर 20,00 रूपए करना, स्कूलों के लिए समग्र अनुदान में 14,500-50,000 रूपए से 25,000-1 लाख तक समग्र मंज़ूरी देना और स्कूलों मे नामांकन के आधार पर आवंटन, और खेल की सामग्रियों के लिए वार्षिक अनुदान प्राथमिक स्कूलों के लिए 5000 रुपये, अपर प्रइमरी स्कूलों के लिए 10,000 रुपए और माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्कूलों के लिए 25,000, और विशेष क्षमता वाले बच्चों के लिए आवंटन (सीडब्ल्यूएसएन) 3,000 रूपए से बढ़ाकर 3,500 रूपए प्रति बच्चा प्रति वर्ष जिसमें कक्षा 1 से XII तक सीडब्ल्यूएसएन लड़कियों के लिए प्रति माह 200 रुपए उपलब्ध कराया जाएगा। इससे पहले सीडब्ल्यूएसएन लड़कियों के लिए यह केवल कक्षा IX से XII के लिए था।"

यूनिफॉर्म के लिए फंड आवंटन प्रति बच्चा प्रति वर्ष 400 रूपए से 600 रूपए बढ़ा, पाठ्यपुस्तकों के लिए आवंटन प्रति बच्चा प्रति वर्ष 150/250 से 250/400 बढ़ाया गया, मौजूदा स्कूलों का उन्नयन, कक्षा 6-8 से कक्षा 6-12 तक कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों (केजीबीवी) का उन्नयन, सेवा-में और सेवा-पूर्व शिक्षक प्रशिक्षण के लिए नोडल संस्थान के रूप में शिक्षकों की गुणवत्ता में सुधार के लिए एससीईआरटी के साथ एससीईआरटी और डीईईटी जैसे शिक्षक शिक्षा संस्थानों को मजबूत करना, स्मार्ट क्लासरूम, डिजिटल बोर्ड और डीटीएच चैनल आदि के माध्यम से शिक्षा में डिजिटल प्रौद्योगिकी का बेहतर इस्तेमाल करना। इसे भी इस योजना में शामिल किया गया था।"

चूंकि यह पूरे देश में शिक्षा प्रणाली के उत्थान के उद्देश्य से केंद्र सरकार की यह योजना है तो क्यों कुछ राज्यों की मांग को नज़रअंदाज़ किया जा रहा है? डॉ इ्स्साक ने इसे राजनीतिक बदला के तौर पर बताया है और कहा: "बीजेपी के केरल राजनीतिक प्रतिबद्धता के प्रति बदला लेने के दृष्टिकोण से अब बच्चे भी पीड़ित हैं।"

kerala government
Samagra Shiksha Abhiyan
SSA
SSA Funds
Center vs Kerala
Center vs Karnataka
Primary education
Dr Thomas Issac
Sarva Shiksha Abhiyan

Related Stories

दिल्ली : बिजली क्षेत्र के कर्मचारियों ने ‘पुलिस नृशंसता’ के खिलाफ 9 अगस्त को प्रदर्शन का आह्वान किया

न्यायालय ने बकरीद पर केरल सरकार की ‘छूट की अनुमति को अनुचित’ करार दिया

केरल में पूर्ण ग़रीबी उन्मूलन की प्रस्तावित योजना लागू होना तय

केरल सरकार ने दहेज निषेध नियमावली में किया बदलाव, ज़िले में तैनात किए ‘दहेज निषेध अधिकारी’

यूपी: रोज़गार के सरकारी दावों से इतर प्राथमिक शिक्षक भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का प्रदर्शन

केरल : काइटेक्स विवाद क्या है?

निजी स्कूलों की तुलना में सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या काफी कम : रिपोर्ट

ईएमएस स्मृति 2021 और केरल में वाम विकल्प का मूल्यांकन

केंद्र फूड किट मुहैया कराए, प्रवासी संकट कम करने के लिए पीडीएस को सार्वभौमिक बनाए

ईडी के विरूद्ध प्राथमिकी के आधार पर जबरिया कार्रवाई नहीं की जाएगी: केरल सरकार ने अदालत से कहा


बाकी खबरें

  • ऋचा चिंतन
    WHO की कोविड-19 मृत्यु दर पर भारत की आपत्तियां, कितनी तार्किक हैं? 
    25 Apr 2022
    भारत ने डब्ल्यूएचओ के द्वारा अधिक मौतों का अनुमान लगाने पर आपत्ति जताई है, जिसके चलते इसके प्रकाशन में विलंब हो रहा है।
  • एजाज़ अशरफ़
    निचले तबकों को समर्थन देने वाली वामपंथी एकजुटता ही भारत के मुस्लिमों की मदद कर सकती है
    25 Apr 2022
    जहांगीरपुरी में वृंदा करात के साहस भरे रवैये ने हिंदुत्ववादी विध्वंसक दस्ते की कार्रवाई को रोका था। मुस्लिम और दूसरे अल्पसंख्यकों को अब तय करना चाहिए कि उन्हें किसके साथ खड़ा होना होगा।
  • लाल बहादुर सिंह
    वीर कुंवर सिंह के विजयोत्सव को विभाजनकारी एजेंडा का मंच बनाना शहीदों का अपमान
    25 Apr 2022
    ब्रिटिश साम्राज्यवाद के विरुद्ध हिन्दू-मुस्लिम जनता की एकता की बुनियाद पर लड़ी गयी आज़ादी के लड़ाई से विकसित भारतीय राष्ट्रवाद को पाकिस्तान विरोधी राष्ट्रवाद (जो सहजता से मुस्लिम विरोध में translate कर…
  • आज का कार्टून
    काश! शिक्षा और स्वास्थ्य में भी हमारा कोई नंबर होता...
    25 Apr 2022
    SIPRI की एक रिपोर्ट के मुताबिक मोदी सरकार ने साल 2022 में हथियारों पर जमकर खर्च किया है।
  • वसीम अकरम त्यागी
    शाहीन बाग़ की पुकार : तेरी नफ़रत, मेरा प्यार
    25 Apr 2022
    अधिकांश मुस्लिम आबादी वाली इस बस्ती में हिंदू दुकानदार भी हैं, उनके मकान भी हैं, धार्मिक स्थल भी हैं। समाज में बढ़ रही नफ़रत क्या इस इलाक़े तक भी पहुंची है, यह जानने के लिये हमने दुकानदारों,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License