NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
किधर जाना है किसानों के साथ या अयोध्या : तय करो किस ओर हो तुम?
जब देशभर में ‘दिल्ली चलो’ का नारा गूंज रहा है, देश के किसान अपना हक़ मांगने राजधानी आ रहे हैं, कथित हिन्दुत्ववादी ‘अयोध्या चलो’ का नारा दे रहे हैं।
मुकुल सरल
23 Nov 2018
DILLI CHALO

क्या अयोध्या को एक बार फिर कुरुक्षेत्र बनाने की कोशिश की जा रही है? क्या अयोध्या में एक बार फिर सन् 1992 दोहराने की तैयारी की जा रही है? हालांकि अब वहां गिराने को कुछ बाक़ी नहीं है... बस एक हिन्दू-मुस्लिम एकता है जो वहां न सन् 92 में टूटी थी और न अब टूटेगी। अयोध्या को जानने वाले ये बात दावे के साथ कह सकते हैं।

हालांकि देश ने इसका बड़ा खामियाज़ा भुगता था और इन पच्चीस बरस में जो कुछ एकता, भाईचारा दोबारा से बहाल हुआ है, अब दोबारा उसी को मिसमार (ध्वस्त) करने की कोशिश है। ये कोशिश लगातार जारी थी, 2014 से ये और तेज़ हो गई और अब इसे चरम पर पहुंचाने का प्रयास है, क्योंकि पांच राज्यों में चुनाव जारी हैं और 2019 का आम चुनाव नज़दीक है और जानने वाले जानते हैं कि सत्तारूढ़ दल की राजनीतिक तौर पर हालत पतली है।

तभी तो जब देशभर में ‘दिल्ली चलो’ का नारा है, देश के किसान अपना हक़ मांगने राजधानी आ रहे हैं, कथित हिन्दुत्ववादी ‘अयोध्या चलो’ का नारा दे रहे हैं।

“किसान दिल्ली आ रहे हैं

संघी अयोध्या जा रहे हैं

तय करो किस ओर हो तुम...”

आज यही सवाल पूछा जा रहा है, पूछा भी जाना चाहिए। ‘जनज्वार’ व कुछ अन्य लोगों ने किसान आंदोलन के हक़ में सोशल मीडिया पर इस तरह के नारे जारी किए हैं। ये नारे या सवाल अपने आप में खुलासा भी हैं ऐसी ताकतों का जो देश का ध्यान उसके बुनियादी मसलों से हटाना चाहती हैं। रोज़ी-रोटी, शिक्षा, स्वास्थ्य यही तो हमारे बुनियादी मसलें हैं, मूलभूत ज़रूरतें हैं, लेकिन इन्हें छोड़कर मंदिर पर बात की जा रही है। 2014 के बीजेपी या मोदी जी के चुनावी घोषणापत्र में मंदिर का मुद्दा आखिरी पन्ने पर था, पहले पन्ने पर अच्छे दिनों का वादा था। लेकिन आज अचानक मंदिर पहले पन्ने पर आ गया है।

बीजेपी नेताओं से लेकर आरएसएस तक सुप्रीम कोर्ट को भी धता बताकर कानून लाने की बातें कर रहे हैं। दावे किए जाए रहे हैं, चुनौतियां दी जा रही हैं। और पूरे माहौल को हिन्दू-मुस्लिम बनाने की कोशिश की जा रही है।

आज देश में किसान, मज़दूर, नौजवान, शिक्षक, कर्मचारी सबकी हालत बहुत खराब है। आत्महत्याओं की दर बढ़ती जा रही है। किसान फांसी लगा रहे हैं। अभी राजस्थान में चार नौजवान बेरोज़गारी से तंग आकर ट्रेन के आगे कूद पड़े, जिनमें से तीन की मौत हो गई।

लगातार आंदोलन रहे हैं। सभी प्रदेशों खासकर यूपी, मध्य प्रदेश राजस्थान, महाराष्ट्र सभी जगह किसान-कर्मचारी अपनी राजधानियों में बार-बार दस्तक दे रहे हैं। किसान कई बार दिल्ली आकर मायूस लौट गए हैं और एक बार फिर अपना मुक्ति मार्च लेकर 29 और 30 नवंबर को दिल्ली आ रहे हैं। ऐसे में कथित हिन्दुत्ववादी देश के नौजवानों को अयोध्या ले जाना चाहते हैं। क्यों?

अयोध्या में राम मंदिर के नाम पर एक बार फिर बड़ा जमावड़ा हो रहा है। 25 नवंबर को धर्म संसद, रैली इत्यादि करने की घोषणा की जा रही है। कर्ताधर्ता वही पुराने हैं। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के अनुषांगिक संगठन विश्व हिन्दू परिषद, बजरंग दल, बीजेपी और इनके अलावा इन्हीं की सहोदर शिवसेना। सभी के कार्यकर्ता अयोध्या पहुंच रहे हैं। माहौल को गर्माया जा रहा है, तनाव पैदा किया जा रहा है। इस सबके बाद भी अयोध्या अपनी तबीयत तो बदलने नहीं जा रही है, यह तय है। अयोध्या का मिजाज़ या इतिहास तो ये है कि पूरे देश में दंगे हुए लेकिन अयोध्या में नहीं हुए। तमाम विवाद के बाद भी राम जन्मभूमि और बाबरी मस्जिद के पक्षकार एक ही रिक्शा में बैठकर कोर्ट-कचहरी चले जाते थे। लेकिन फिर भी इस तरह के भीड़-भड़क्के और तनाव से आम जनजीवन ज़रूर अस्त-व्यस्त हो जाता है। जिस तरह की भड़काऊ बातें की जा रही हैं उससे ज़रूर अयोध्या वासी डरे हुए हैं और किसी अनहोनी के डर से राशन-पानी का इंतज़ाम कर रहे हैं।

हालांकि अब भी वहां के आम लोगों के साथ व्यापार मंडल तक ने इस तरह की सभी अतिवादी गतिविधियां का खुले तौर पर विरोध किया है।

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक संयुक्त व्यापार मंडल, फैजाबाद ने गुरुवार को कहा कि वह रविवार, 25 नवंबर को विश्व हिन्दू परिषद (विहिप) की होने वाली धर्मसभा का विरोध करेगी और मुंबई से यहां आ रहे शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को काला झंडा दिखाएगी।

व्यापार मंडल के अध्यक्ष जनार्दन पाण्डेय ने कहा है कि “वे फैजाबाद एवं अयोध्या के शांतिपूर्ण वातावरण को बिगाड़ना चाहते हैं। यही वजह है कि दोनों शहरों के लोगों को आशंका सता रही है कि आने वाले दिनों में स्थितियां सामान्य नहीं रहेंगी। इसलिए, हिंदू और मुस्लिम, दोनों परिवारों ने जरूरी राशन जमा करना शुरू कर दिया है।”

ख़बरों के मुताबिक अयोध्या की विवादित जमीन पर जहां विश्व हिंदू परिषद (विहिप) धर्मसभा का ऐलान कर चुकी है, वहीं अब रामलला के मंदिर के लिए विश्व वेदांत संस्थान ने एक से छह दिसंबर तक अश्वमेध महायज्ञ करने जा रही है।

विहिप ने अयोध्या के अलावा राम मंदिर निर्माण की मांग को लेकर दिल्ली के रामलीला मैदान में 9 दिसंबर को 'शंख नाद' कार्यक्रम करने का भी ऐलान किया है।

यही वजह है कि शिवसेना भी इस मुद्दे में अपनी जगह और अपना उत्थान तलाश रही है। शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे भी अयोध्या पहुंच रहे हैं। हालांकि उनकी रैली को राज्य सरकार ने अनुमति नहीं दी है। उद्धव शनिवार को अयोध्‍या के लिए रवाना होंगे और आरती इत्यादि कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 25 नवंबर को साधु-संतों से मुलाकात और प्रेस कॉन्फ्रेंस करेंगे। ठाकरे का कहना है कि 25 नवंबर को अयोध्या की यात्रा के दौरान वह जवाब मांगेगे कि कितने और चुनाव तक लोगों को “रामलला हम आएंगे मंदिर वहीं बनाएंगे” नारे से मूर्ख बनाया जाएगा।

उद्धव के कार्यक्रम को लेकर इस बीच शिवसेना कार्यकर्ता लगातार अयोध्या पहुंच रहे हैं।“हर हिंदू की यही पुकार-पहले मंदिर फिर सरकार” यह नारा शिवसेना सुप्रीमो ने अपने अयोध्या दौरे के पहले दिया है।

यूपी की योगी सरकार पूरे हालात पर नज़र रखने का दावा कर रही है। बिल्कुल उसी तरह जैसे सन् 92 में कल्याण सिंह सरकार ने दावा किया था। और सुप्रीम कोर्ट तक में शपथ पत्र दाखिल किया था कि यथास्थिति बनाए रखी जाएगी यानी बाबरी मस्जिद को नुकसान नहीं पहुंचने दिया जाएगा। और फिर क्या हुआ, सबको मालूम है, तमाम पुलिस-पीएसी और सुरक्षा बलों की मौजूदगी में बाबरी मस्जिद गिरा दी गई।

इसी तरह योगी सरकार के कानून-व्यवस्था पूरी तरह लागू रहेगी के दावे का एक उदाहरण आप इस तरह देख सकते हैं कि अयोध्या और फैजाबाद में धारा 144 लागू होने के बावजूद गुरुवार को विहिप को रोड शो करने से नहीं रोका जा सका। इस रोड शो का नेतृत्व बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने किया। वे रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे का नारा लगा रहे थे। विहिप का रोड शो फैजाबाद के मुस्लिम बहुल इलाकों से होकर भी गुजरा।

इसी बीच अपने विवादास्पद बयानों को लेकर चर्चा में रहने वाले बलिया जिले के बैरिया से बीजेपी विधायक सुरेंद्र सिंह ने कहा है कि जरूरत पड़ने पर 1992 का इतिहास दोहराया जाएगा।

यानी पूरी तैयारी है कि आने वाली 6 दिसंबर तक माहौल को बुरी तरह गर्मा दिया जाए। सात दिसंबर को राजस्थान में वोट पड़ने ही हैं और राजस्थान बीजेपी के लिए सबसे कमज़ोर कड़ी है। यानी वहां सरकार बदलने की पूरी संभावना जताई जा रही है। मध्य प्रदेश भी कमज़ोर है और वहां 28 नवंबर को मतदान होना है और 2019 तो है ही असली जंग। और ये सब कवायद उसी के लिए है।

(ये लेखक के निजी विचार हैं।)

DILLI CHALO
Kisan Long March
kisan andolan
kisan mukti yatra
farmers protest
BJP-RSS
VHP
Hindutva
Shiv sena
UDHAV THAKRE
Ayodhya Case
Ram Mandir

Related Stories

डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा

ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

मनोज मुंतशिर ने फिर उगला मुसलमानों के ख़िलाफ़ ज़हर, ट्विटर पर पोस्ट किया 'भाषण'

राम मंदिर के बाद, मथुरा-काशी पहुँचा राष्ट्रवादी सिलेबस 

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है


बाकी खबरें

  • भाषा
    भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार किया 
    06 May 2022
    बग्गा ने कुछ समय पहले 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद से वह आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश के कई राज्यों में धीरे-धीरे पैर पसार रहा कोरोना
    06 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,545 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख 94 हज़ार 938 हो गयी है।
  • भाषा
    मेवानी की सज़ा पर कांग्रेस ने पूछा, क्या गुजरात में दलितों के मुद्दे उठाना अपराध है?
    06 May 2022
    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मेवानी की दोषसिद्धि और तीन महीने कैद की सज़ा की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या गुजरात और भारत में दलितों के मुद्दों को उठाना, उनके अधिकारों के लिए लड़ना,…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ
    06 May 2022
    रूस की नए बाज़ारों की खोज से भारत और चीन को सबसे अधिक लाभ होगा। 
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया
    05 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमले, गर्भपात अधिकार को छीनने की तैयारी पर न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से बातचीत की। साथ ही, किस…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License