आंदोलन के 38वें दिन किसान आंदोलनकारियों ने आज पहली बार दिल्ली आकर प्रेस कांफ्रेंस की. सरकार के मिथ्या-प्रचार से क्षुब्ध किसान नेताओं ने कहा कि यह सरासर झूठ है कि सरकार ने उनकी 50 फीसद मांगे मान ली हैं। ठीक से 5 फीसद भी नही माना है. पराली अध्यादेश हो या बिजली बिल मसौदा, किसी भी मुद्दे पर अभी कागजी कार्रवाई तक नही हुई. सरकार और मौसम के रवैये के चलते अब तक 50 से अधिक किसानों की मौत हो चुकी है. एक किसान ने आज सुबह ही आत्महत्या कर ली. नाराज़ किसानों ने 6 से 26 जनवरी के बीच अपना आंदोलन तेज करने का ऐलान कर दिया. वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश का विश्लेषण: