26 जनवरी के बाद सत्ताधारी खेमे ने किसानों को बदनाम करने का जबर्दस्त अभियान छेड़ा. टीवी चैनलों के जरिये लाल किला कांड का झूठ खूब फैलाया गया. पर चैनलों के फुटेज से ही दीप सिद्धू का प्रपंच सामने आ गया. अब किसान धरनास्थलों के इर्द-गिर्द किसी दुश्मन देश की सरहद जैसी संरचना खड़ी की गयी है-चित्रों में देखी 'इजरायल-फिलिस्तीन बार्डर' जैसी! फिर भी किसान शांत-भाव से अपनी आवाज़ उठा रहे है. उन्होंने अक्तूबर तक जमे रहने की तैयारी कर ली है. सरकार क्या ज़िद छोड़ेगी या यूपी के अगले चुनाव तक यह सब चलता रहेगा. AajKiBaat में वरिष्ठ पत्रकार Urmilesh का विश्लेषण.