NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कमलनाथ जी! जनादेश बदलाव का था या बीजेपी की नकल का?
माकपा ने गौ-हत्या और गौ-मांस तस्करी के नाम पर एनएसए लगाने को दलितों और अल्पसंख्यको पर मनमाने अत्याचार के औजार पर धार देने की हरकत करार दिया है और इस तुगलकी आदेश को फ़ौरन बदले जाने की मांग की है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
06 Feb 2019
फाइल फोटो
Image Courtesy: Naidunia

कथित गौ-हत्या और गौ-मांस तस्करी के संदेह में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) लगाए जाने की मध्य प्रदेश सरकार की घोषणा पर क्षोभ व्यक्त करते हुए मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने इसे दलितों और अल्पसंख्यको पर मनमाने अत्याचार के औजार पर धार देने की हरकत करार दिया है और इस तुगलकी आदेश को फ़ौरन बदले जाने की मांग की है।

भोपाल में जारी माकपा की राज्य समिति बैठक ने मुख्यमंत्री से पूछा है कि 2018 का जनादेश बदलाव का था या निरंतरता का? क्या उन्हें जानकारी है कि पिछली 15 वर्षों में इस कथित गौ और गौ-मांस तस्करी के नाम पर जितने भी मुकदमें थोपे गये  उनमे से एक में भी सजा नहीं हुयी है। इसका मतलब है कि वे सबके सब फर्जी थे और साम्प्रदायिक दुर्भावना के चलते लगाये गये थे। जरूरत इन पीड़ितों को मुआवजा देने की है, दलित अल्पसंख्यकों के इस तरह के उत्पीड़न को रोकने की है। मगर सरकार पीड़ितों की तादाद बढ़ाने और पुलिस को प्रताड़ित करने का एक और हथियार थमाने की जुगाड़ कर रही है।

माकपा की राय में “भूखे-कुपोषित मृत्यु प्रदेश में जनता के पैसे से गौ-शालायें बनाने जैसे कमाई और भ्रष्टाचार के नये जरिये खड़े करने की फिजूलखर्ची के बजाय सरकार को युद्ध स्तर पर उन आवारा मवेशियों से किसानों को बचाने के उपाय ढूँढने चाहिए जिन्होंने एक तिहाई से अधिक फसल चौपट कर रखी है और पिछले दो वर्षों में सौ से अधिक लोगों की जान तक ले ली है।” माकपा के मुताबिक पशु मेलों और मवेशियों की खरीद फरोख्त पर लगी रोक हटाई जानी चाहिये। पशुपालन को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष मदद के साथ साथ दूध की खरीदी के लिये लाभकारी दाम निर्धारित किये जाने चाहिये।

पोलित ब्यूरो सदस्या, पूर्व सांसद सुभाषिणी अली की मौजूदगी में चल रही इस बैठक की अध्यक्षता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री संध्या शैली कर रही हैं।

माकपा मध्य प्रदेश राज्य समिति की इस दो दिनी बैठक में राज्य सचिव जसविंदर सिंह द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट तथा प्रदेश की ज्वलंत समस्याओं पर विचार कर आगामी दिनों में आंदोलनात्मक कार्यवाहियों की योजना बनाई जा रही है।

आपको बता दें कि मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में गौहत्या के आरोप में तीन लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगाया गया है। राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद इस तरह की यह पहली कार्रवाई है। पुलिस के मुताबिक खंडवा के खरखाली गांव के पास उसे गौ तस्करों के होने की खबर मिली थी। पुलिस जैसे ही खरखाली पहुंची तो सभी आरोपी वहां से भाग खड़े हुए। पुलिस के मुताबिक भागते हुए दो आरोपियों को शुक्रवार को ही गिरफ्तार कर लिया था, तीसरे आरोपी को सोमवार की सुबह गिरफ्तार किया गया। इस मामले में खंडवा के परदेशीपुरा से गिरफ्तार दो आरोपी नदीम उर्फ राजू और शकील दोनों ही सगे भाई हैं। तीसरा आरोपी आज़म खरखाली गांव का ही रहने वाला है।

इसके अलावा आज बुधवार को मध्यप्रदेश के गुना जिले में पुलिस द्वारा पकड़े गए गौवंश से भरे ट्रक पर बुधवार को असामाजिक तत्वों ने पथराव कर दिया और तोड़फोड़ करने की कोशिश की। इन लोगों को कथित तौर पर हिंदूवादी संगठनों से संबंधित बताया जा रहा है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, "म्याना थाने की ऊमरी चौकी क्षेत्र में पुलिस दल ने राजस्थान की ओर से आ रहे एक ट्रक को बुधवार सुबह पकड़ा, जिसमें 51 गौवंश थे। बाद में इस ट्रक को गुना जिला मुख्यालय स्थित गौशाला ले जाया गया।" 

म्याना थाने के प्रभारी राकेश गुप्ता ने बुधवार को आईएएनएस को बताया , "गौवंश से भरे ट्रक को जब गौशाला ले जाया गया तो वहां कुछ असामाजिक तत्व जमा हो गए। इन लोगों ने ट्रक पर पथराव कर दिया, जिससे वाहन के कांच टूट गए। साथ ही इन लोगों ने ट्रक में तोड़-फोड़ की कोशिश भी की। बाद में हालांकि सभी उत्पातियों को खदेड़ दिया गया।"

स्थानीय लोगों का कहना है कि, ट्रक में तोड़फोड़ करने वाले कथित तौर पर हिंदूवादी संगठनों से संबंधित थे। वे अपने को गौभक्त भी बता रहे थे।

Madhya Pradesh
kamalnath
Congress
BJP
Cow Vigilante
cow terrorism
Holy Cow

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोदी सरकार के 8 साल: सत्ता के अच्छे दिन, लोगोें के बुरे दिन!
    29 May 2022
    देश के सत्ताधारी अपने शासन के आठ सालो को 'गौरवशाली 8 साल' बताकर उत्सव कर रहे हैं. पर आम लोग हर मोर्चे पर बेहाल हैं. हर हलके में तबाही का आलम है. #HafteKiBaat के नये एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार…
  • Kejriwal
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: MCD के बाद क्या ख़त्म हो सकती है दिल्ली विधानसभा?
    29 May 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस बार भी सप्ताह की महत्वपूर्ण ख़बरों को लेकर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन…
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष:  …गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
    29 May 2022
    गोडसे जी के साथ न्याय नहीं हुआ। हम पूछते हैं, अब भी नहीं तो कब। गोडसे जी के अच्छे दिन कब आएंगे! गोडसे जी का नंबर कब आएगा!
  • Raja Ram Mohan Roy
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या राजा राममोहन राय की सीख आज के ध्रुवीकरण की काट है ?
    29 May 2022
    इस साल राजा राममोहन रॉय की 250वी वर्षगांठ है। राजा राम मोहन राय ने ही देश में अंतर धर्म सौहार्द और शान्ति की नींव रखी थी जिसे आज बर्बाद किया जा रहा है। क्या अब वक्त आ गया है उनकी दी हुई सीख को अमल…
  • अरविंद दास
    ओटीटी से जगी थी आशा, लेकिन यह छोटे फिल्मकारों की उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा: गिरीश कसारावल्ली
    29 May 2022
    प्रख्यात निर्देशक का कहना है कि फिल्मी अवसंरचना, जिसमें प्राथमिक तौर पर थिएटर और वितरण तंत्र शामिल है, वह मुख्यधारा से हटकर बनने वाली समानांतर फिल्मों या गैर फिल्मों की जरूरतों के लिए मुफ़ीद नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License