NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कांति गांगुली: चुनावों से पहले रैदिघी में दिग्गज वाम नेता के समर्थन में हुजूम उमड़ा
“प्राकृतिक आपदाओं के दौरान अथवा लॉकडाउन के दौर में भी ये कांति गांगुली ही थे, जिन्होंने रैदिघी के निवासियों को सबसे पहले भोजन, दवाइयों और दैनिक जरूरतों के साथ उन्हें मदद पहुंचाने का काम किया था।”
संदीप चक्रवर्ती
05 Apr 2021
कांति गांगुली: चुनावों से पहले रैदिघी में दिग्गज वाम नेता के समर्थन में हुजूम उमड़ा
चित्र साभार: द वाल 

राईदिघी: सीपीआई(एम) नेता कांति गांगुली राइदिघी के सुंदरबन क्षेत्र की बस्तियों में एक जाना-पहचाना नाम है। विकलांगों के अधिकारों के लिए राष्ट्रीय मंच (एनपीआरडी) के अध्यक्ष की सभाओं में भारी भीड़ उमड़ने के पीछे उनके द्वारा सुंदरबन के लोगों के लिए बेहतर संपर्क सुविधा और पहले से बेहतर सड़कों के निर्माण कार्य को श्रेय जाता है। गांगुली को आईला और अम्फान जैसे चक्रवाती तूफानों के बाद के दौर में बड़े पैमाने पर राहत कार्यों में उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए भी जाना जाता है। 

सीपीआई(एम) नेता इस बार के पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनावों में भाजपा के शांतनु बापुली और टीएमसी के डॉ आलोक जलदाता के खिलाफ चुनावी मैदान में हैं। उनके निर्वाचन क्षेत्र में मतदान 6 अप्रैल को होने जा रहा है।

रैदिघी में सीपीआई(एम) नेता कांति गांगुली 

जब न्यूज़क्लिक के इस संवावदाता की मुलाक़ात गांगुली से हुई, तो उस दौरान वे रैदिघीके खारी इलाके में चुनाव प्रचार कर रहे थे। न्यूज़क्लिक से अपनी बातचीत में उन्होंने बताया “टीएमसी और भाजपा द्वारा भले ही यहाँ पर लोगों को सांप्रदायिक आधार पर ध्रुवीकरण करने के लिए आक्रामक रणनीति का इस्तेमाल किया जा रहा है, लेकिन इस बार हमारी जीत होनी तय है।” सर पर लाल टोपी पहने इस वयोवृद्ध नेता को चिलचिलाती धूप में खारी गाँव के इलाके की गलियों में प्रचार अभियान चलाते देखा जा सकता है।

गांगुली के साथ प्रचार अभियान में शामिल वरिष्ठ नेता मोहम्मद इस्रफिल और मोहम्मद साबिर का कहना था कि यहाँ पर भाजपा उम्मीदवार बापुली की प्रतिष्ठा उनके पिता सत्य बापुली से काफी भिन्न है, जो इस क्षेत्र के जाने-माने कांग्रेसी नेता हुआ करते थे। उनका कहना था “इस बात में कोई संदेह नहीं है कि यहाँ लोगों के लिए सीपीआई(एम) ही सबसे बेहतर विकल्प है। इसकी लोकप्रियता का अंदाजा आप इन लाल झण्डों और चारों ओर दीवारों पर लिखे नारों से लगा सकते हैं, लेकिन भाजपा और टीएमसी का आतंक कुछ इस प्रकार का है कि कुछ मोहल्लों में हमारे झंडों को लगाने की अनुमति नहीं है। लेकिन इस सबके बावजूद गांगुली जिस किसी भी जगह जाते हैं, वहाँ पर जिस प्रकार की भीड़ को वह इकट्ठा कर पाने में वे सफल हो जाते हैं, उससे उनकी लोकप्रियता का अंदाजा स्पष्ट तौर पर लगाया जा सकता है।” 

उनके मुताबिक रैदिघीमें होने वाली लड़ाई सीपीआई(एम) और उसके उम्मीदवारों को पास के जॉयनगर, डायमंड हार्बर और मथुरापुर के विधानसभा क्षेत्रों में मदद पहुंचा रही है।

रैदिघी के अधिकांश गाँवों में लहराते लाल झंडों और कांति गांगुली को ‘कांति दा’ के तौर पर संबोधित करते चुनावी दीवाल लेखन देखे जा सकते हैं। खारी इलाके की अस्मा बीबी पूछती हैं “उन्हें वोट न दिया जाए, इसकी कोई एक भी वजह आप सोच सकते हैं?” उनका आगे कहना था “यहाँ तक कि अगर हमें कोलकाता या किसी भी अन्य शहर में कोई समस्या आन खड़ी होती है, जब हम वहां अपने काम के सिलसिले में गए होते हैं, तो हम कांति गांगुली को सूचित कर देते हैं, तो वे लोगों की मदद के लिए 100% से भी अधिक काम करते हैं।”

यहाँ तक कि प्राकृतिक आपदाओं या लॉकडाउन के दौरान भी यह कांति गांगुली ही थे जिन्होंने सबसे पहले रैदिघी के निवासियों की भोजन, दवाइयों और दैनिक जरूरतों के साथ मदद की थी। राज्य के वाम मोर्चे की सरकार में गांगुली सुंदरबन के विकास मामलों के प्रभारी मंत्री थे और उन्हें 2009 में खेल एवं युवा कल्याण विभाग सौंपा गया था। 2001 और 2006 के राज्य विधानसभा चुनावों में गांगुली मथुरापुर से निर्वाचित हुए थे।

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

Kanti Ganguly: Sea of Supporters Backs Veteran Left Leader in Raidighi Ahead of Polls

Kanti Ganguly
CPI-M
West Bengal
TMC
BJP
Raidighi
Sunderbans
West Bengal Elections

Related Stories

राज्यपाल की जगह ममता होंगी राज्य संचालित विश्वविद्यालयों की कुलाधिपति, पश्चिम बंगाल कैबिनेट ने पारित किया प्रस्ताव

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !


बाकी खबरें

  • रवि शंकर दुबे
    ‘’मुसलमानों के लिए 1857 और 1947 से भी मुश्किल आज के हालात’’
    05 Apr 2022
    ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के महासचिव रहमानी ने आज के दौर को 1857 और 1947 के दौर से ज़्यादा घातक बताया है।
  • भाषा
    ईडी ने शिवसेना सांसद संजय राउत से संबंधित संपत्ति कुर्क की
    05 Apr 2022
    यह कुर्की मुंबई में एक 'चॉल' के पुनर्विकास से संबंधित 1,034 करोड़ रुपये के कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन की जांच से संबंधित है। 
  • सोनया एंजेलिका डिएन
    क्या वैश्वीकरण अपने चरम को पार कर चुका है?
    05 Apr 2022
    पहले कोरोना वायरस ने एक-दूसरे पर हमारी आर्थिक निर्भरता में मौजूद खामियों को उधेड़कर सामने रखा। अब यूक्रेन में जारी युद्ध ने वस्तु बाज़ार को छिन्न-भिन्न कर दिया है। यह भूमंडलीकरण/वैश्वीकरण के खात्मे…
  • भाषा
    श्रीलंका के नए वित्त मंत्री ने नियुक्ति के एक दिन बाद इस्तीफ़ा दिया
    05 Apr 2022
    श्रीलंका के नए वित्त मंत्री अली साबरी ने मंगलवार को इस्तीफा दे दिया। एक दिन पहले राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे ने अपने भाई बेसिल राजपक्षे को बर्खास्त करने के बाद उन्हें नियुक्त किया था।
  • भाषा
    हरियाणा के मुख्यमंत्री ने चंडीगढ़ मामले पर विधानसभा में पेश किया प्रस्ताव
    05 Apr 2022
    हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र के दौरान मनोहर लाल द्वारा पेश प्रस्ताव के अनुसार, ‘‘यह सदन पंजाब विधानसभा में एक अप्रैल 2022 को पारित प्रस्ताव पर चिंता व्यक्त करता है, जिसमें सिफारिश की गई है कि…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License