NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कोरियन सामाजिक कार्यकर्ताओं ने कहा मोदी को सियोल पीस प्राइज़ देना अपमानजनक
2002 में गुजरात के दंगों का हवाला देते हुए 25 संगठनों ने कहा कि मोदी को यह सम्मान नहीं मिलना चाहिए क्योंकि वह भारत में मुस्लिम विरोधी हिंसा में सह-अपराधी हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Oct 2018
south korea

भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सियोल पीस प्राइज़ 2018 मिलने पर 25 कोरियन सामाजिक संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इसकी वजह 2002के गुजरात दंगों को बताया जिनमें हज़ारों मुसलमानों को कत्ल कर दिया गया था। उस समय नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे। भारतीय विदेश मंत्रालय के द्वारा दिये गए बयान के अनुसार  सिओल पीस प्राइज़ कल्चरल फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री को इस अवार्ड के लिए सबसे योग्य उम्मीदवार चुना था। कोरियन हेराल्ड अखबार के हिसाब से मानवाधिकार संगठनों और सिविल अधिकार संगठनों ने इसके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया और कहा कि उन्हें यह अवार्ड नहीं दिया जाना चाहिए क्योंकि भारत में मुस्लिम विरोधी हिंसा में उनका रवैया अपराध में भागीदारी का रहा है। 

बुधवार को सिओल में की गयी एक प्रेस कांफ्रेंस में 26 मानवाधिकार संगठनों, जिसमें सेंटर फॉर रिफ्यूजी राइट्स इन कोरिया और कोरियन हाउस ऑफ़ इंटरनेशनल सॉलिडेरिटी शामिल थे, ने माँग की है कि सिओल पीस प्राइज़ कल्चरल फाउंडेशन को अपने निर्णय से पीछे हटना चाहिए। मानवाधिकार संगठनों ने कहा कि मोदी ने 2002 में गुजरात में मुस्लिम विरोधी दंगों को होने दिया। इन दंगों की वजह से 1,000 लोगों की मौत हुई थी। विरोध प्रदर्शन कर रहे संगठनों का कहना था कि इस अवार्ड को मोदी को दिया जाना उन लोगों के लिए अपमान की बात है जिन्हें यह अवार्ड पहले मिला है। इससे पहले ये अवार्ड जर्मनी की चान्सलर एंजेला मेरकेल, संयुक्त राष्ट्र के महासचिव कोफी अनान और अंतर्राष्ट्रीय सामाजिक संगठन डॉकटरस विदाउट बार्डरस को मिल चुका है।

कोरियन हेराल्ड के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने कहा कि मोदी दक्षिण कोरिया के भूतपूर्व राष्ट्रपति चून डू-ह्वान की तरह हैं जिन्होंने 1980 में अपने कार्यकाल के समय नागरिकों का नरसंहार किया था। चून कोरिया के पूर्व आर्मी चीफ़ रह चुके हैं और 1980 से 1988 के बीच दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति भी रह चुके हैं। उन्हें उनकी सरकार द्वारा किए गए ग्वांग्जू नरसंहार के लिए 1996 में मृत्युदंड दिया गयाI इस नरसंहार में, विरोध कर रहे 600 नागरिकों को मार दिया गया था।  प्रदर्शनकारियों ने कहा कि, "मोदी को 'मोदिनोमिक्स' के लिए अवार्ड देना वैसा ही है जैसा चून डू-ह्वान को 1980 के दौर में किए गए आर्थिक विकास और 1988 में करवाये गए सियोल ओलम्पिक खेलों के लिए शांति पुरस्कार देना।" 1990 में सियोल पीस प्राइज़ की स्थापना हुई, यह हर दो साल में दुनिया में शांति स्थापित करने वालों को दिया जाता है ।

South Korea
seoul peace prize
Narendra modi
2002 Gujrat riots

Related Stories

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति

गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

छात्र संसद: "नई शिक्षा नीति आधुनिक युग में एकलव्य बनाने वाला दस्तावेज़"

भाजपा के लिए सिर्फ़ वोट बैंक है मुसलमान?... संसद भेजने से करती है परहेज़

हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License