NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
घटना-दुर्घटना
समाज
भारत
राजनीति
कोयंबटूर में 'अछूत दीवार' ने छीनीं 17 लोगों की जिंदगी
तमिलनाडु के मेत्तुपालायम में अरुणथाथियार समुदाय को अलग करने के लिए बनाई गई पत्थरों की बेहद बड़ी दीवार सोमवार सुबह भारी बारिश के चलते गिर गई।
नीलाबंरन ए
04 Dec 2019
untouchability

कोयंबटूर के मेत्तुपालायम में एक कपड़ा व्यवसायी के घर की बेहद बड़ी दीवार गिरने से 17 लोगों की मौत हो गई। सोमवार की सुबह हुई इस घटना के शिकार लोगों में 11 महिलाएं और तीन बच्चे भी शामिल हैं। कपड़ा व्यवसायी प्रभावशाली ऊंची जाति से ताल्लुक रखता है। घटना में चार घर पूरी तरह ज़मींदोज हो गए।
यह 20 फीट ऊंची, 80 फीट लंबी और दो फीट चौड़ी दीवार कपड़ा व्यवसायी के दो एकड़ में फैले घर को दलित बस्ती से अलग करने के लिए बनाई गई थी। दीवार गिरने की वजह भारी बारिश बताई जा रही है। भारी मलबे के चलते राहत कार्य में कई घंटे लग गए।

पीटीआई के मुताबिक़, मंगलवार को कपड़ा शोरूम और संबंधित घर के मालिक शिवासुब्रमण्यम को 'लापरवाही द्वारा मृत्यु कारित करने' (डेथ बॉय नेगलीजेंस) के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के अनुसार,"उनपर आईपीसी की धारा 304 A के तहत मुक़दमा दर्ज किया गया है। शिवासुब्रमण्यम की गिरफ्तारी कोयंबटूर से 45 किलोमीटर दूर स्थित मेत्तुपलायम से हुई है, जहां वह अपना शोरूम चलाता है।"

स्थानीय निवासियों द्वारा किए गए विरोध प्रदर्शन का पुलिस ने बर्बर दमन किया। पुलिसिया कार्रवाई में तमिल पुलिगल काची के नेता नागाई थिरुवल्लुवन के साथ बदतमीज़ी की गई। उन्हें गिरफ्तार भी किया गया। कई राजनीतिक पार्टियों और दलित संगठनों ने सालों तक दीवार को न हटाए जाने और घटना के बाद पुलिस कार्रवाई की निंदा की है।
 
दीवार हटाने की मांग नहीं मानी गई

कुछ सालों से ए टी कॉलोनी के निवासी दीवार को हटाए जाने की मांग कर रहे थे। उन्होंने सुरक्षा को लेकर डिस्ट्रिक्ट कलेक्टर और निगम कमिश्नर को ज्ञापन भी सौंपा था। लेकिन उनकी मांगों पर ध्यान नहीं दिया गया और आज 17 लोगों ने अपनी जान गवां दी।

दलित शोषण मुक्ति मंच से जुड़े तमिलनाडु अस्पृश्यता ऊन्मूलन मोर्चा (TNUEF) के महासचिव सेमुवेल राज ने न्यूज़क्लिक को बताया, ''दबे-कुचले तबकों के प्रति प्रशासन के भेदभाव भरे रवैये के चलते यह भयावह दुर्घटना हुई है। समुदाय की ओर से लगातार गुहार लगाई गई, लेकिन किसी ने ध्यान नहीं दिया। घर के मालिक पर 'एससी-एसटी एट्रोसिटी एक्ट' के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए,क्योंकि दीवार सुरक्षा के लिए नहीं,बल्कि दलितों को अलग करने के लिए बनाई गई थी।''

TNUEF ने एक ट्रांसफॉर्मर,मध्यान्ह भोजन स्कीम से संबंधित एक जर्जर बिल्डिंग और एक खस्ताहाल आंगनबाड़ी की इमारत को भी हटाए जाने की मांग की है। ताकि आगे ऐसी कोई घटना न हो।

प्रदर्शनकारियों को 'बलपूर्वक' हटाया गया

सोमवार को एटी कॉलोनी के लोगों ने मकान मालिक की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मेत्तुपलायम-ऊटी रोड को ब्लॉक कर दिया। ऊपर से प्रशासन ने दुर्घटना के शिकार लोगों के शवों को तुरंत दफनाने का आदेश दे दिया, जिसका लोगों ने भारी विरोध किया। प्रशासन के इस जल्दबाजी भरे रवैये ने आरोपी के प्रभाव के बारे में भी सवाल खड़े कर दिए।

सेमुवेल ने बताया, '' प्रशासन की तरफ से शवों को तुरंत दफनाने के लिए कहा गया। एक परिवार के सभी सदस्य दुर्घटना में मारे गए, इसलिए उनके शवों को लेने वाला कोई नहीं था।''

सूत्रों ने बताया कि पुलिस और प्रशासन पर बर्बर बलप्रयोग के ज़रिए प्रदर्शनकारियों को हटाने का आरोप है। वर्दी और सादे कपड़ों में कई पुलिस वालों ने गरीब दलितों पर हमले किए। वो भी उस दिन, जब उन्होंने अपने करीबियों को खोया था। कई पुलिस वाले प्रदर्शनकारियों पर लात-घूंसे बरसाते और उन्हें घसीटते नज़र आए।

इस बीच डीएमके नेता एम के स्टालिन ने पुलिसिया कार्रवाई और प्रशासन के लेट-लतीफी भरे रवैये की निंदा की है, जिसके चलते इतनी मौतें हुईं। स्टालिन ने पुलिस पर तुरंत कार्रवाई की मांग की है और प्रशासन पर 'हितों के चलते' पक्षपातपूर्ण रवैये का आरोप लगाया है। डीएमके नेता ने कहा कि अब सरकार को इलाके में नए घर बनाने चाहिए।

जांच की मांग

बाद में TNUEF नेताओं ने कलेक्टर से मुलाकात कर घटना की विस्तृत जांच की मांग की। भले ही सरकार ने अभी तक घटना पर बयान जारी न किया हो, लेकिन ज़्यादातर विपक्षी पार्टियों ने मौतों पर दुख जताते हुए न्याय की मांग की है। एआईएडीएमके ने अभी तक घटना पर टिप्पणी नहीं की। इसके चलते नागरिक समाज से पार्टी की बड़ी आलोचना भी हुई है।

अंग्रेजी में लिखा मूल आलेख आप नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक कर पढ़ सकते हैं।

‘Untouchability Wall’ Blamed for 17 Deaths in Coimbatore Dalit Settlement

untouchability
TN caste cell
AT colony
TN dalit deaths

Related Stories

घृणा और हिंसा को हराना है...


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License