NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कर्नाटक की जनता ने इस ड्रामे के लिए तो मतदान नहीं किया था!
सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक के 10 बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष से मिलने की अनुमति दी। कहा, आज ही लें फैसला।
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
11 Jul 2019
एचडी कुमारस्वामी
Image Courtesy: The Hindu

कर्नाटक में चल रहा सियासी नाटक खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। अब इंतजार बस इतना है कि कर्नाटक में सत्ता परिवर्तन कब और कैसे होता है। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कांग्रेस-जद (एस) के दस बागी विधायकों को विधानसभा अध्यक्ष से शाम छह बजे मुलाकात करने और इस्तीफा देने के अपने निर्णय से अवगत कराने की अनुमति प्रदान कर दी है।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कर्नाटक विधानसभा के अध्यक्ष से कहा कि वह इन विधायकों के इस्तीफे के बारे में आज ही निर्णय लें। पीठ ने कहा कि अध्यक्ष द्वारा लिये गये फैसले से शुक्रवार को अवगत कराया जाये जब न्यायालय इस मामले में आगे विचार करेगा।

शीर्ष अदालत ने राज्य के पुलिस महानिदेशक को निर्देश दिया कि इन बागी विधायकों के मुंबई से बेंगलुरू पहुंचने पर इन्हें हवाईअड्डे से विधानसभा तक सुरक्षा प्रदान की जाये। इससे पहले, मामले की सुनवाई शुरू होते ही पीठ ने स्पष्ट किया कि वह सिर्फ उन 10 विधायकों के मामले में आदेश पारित कर रही है जो हमारे सामने हैं, अन्य के लिये नहीं।

कर्नाटक विधानसभा के 13 सदस्यों- कांग्रेस के 10 और जद(एस) के तीन- ने छह जुलाई को सदन की सदस्यता से अपने-अपने त्यागपत्र विधानसभा अध्यक्ष के कार्यालय को सौंपे थे। इसके साथ ही राज्य में कांग्रेस-जद (एस) गठबंधन सरकार के लिये राजनीतिक संकट पैदा हो गया था।

याचिका दायर करने वाले विधायक
 
शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले विधायकों में प्रताप गौडा पाटिल, बी सी पाटिल, बी बसवराज, रमेश जारकिहोली, ए शिवराम हब्बर, एस टी सोमशेखर, महेश कुमातल्ली, के गोपालैया, नारायण गौडा, अडगुर एच विश्वनाथ शामिल हैं।

इन विधायकों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि कर्नाटक विधानसभा में विचित्र स्थिति है जहां 15 विधायक इस्तीफा देना चाहते हैं लेकिन अध्यक्ष उनके इस्तीफे स्वीकार नहीं कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि छह जुलाई को जब कुछ बागी विधायक अपने त्यागपत्र देने गये तो अध्यक्ष पिछले दरवाजे से अपने कार्यालय से बाहर चले गये। उन्होंने कहा कि एक बागी विधायक से उस समय धक्कामुक्की की गयी जब उसने बुधवार को अध्यक्ष के कार्यालय तक पहुंचने का प्रयास किया।

रोहतगी ने कहा कि राज्य विधानसभा का सत्र 12 जुलाई से शुरू हो रहा है लेकिन उससे पहले ही सत्तारूढ़ गठबंधन ने इन बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के लिये अध्यक्ष के समक्ष आवेदन दायर किया है।

उन्होंने कहा, ‘सदन में बहुमत सिद्ध करने का आदेश देने की बजाये बागी विधायकों को अयोग्य घोषित करने के प्रयास किये जा रहे हैं। हम इस्तीफा देकर जनता के बीच जाकर फिर से चुनाव कराना चाहते हैं।’

रोहतगी ने जब यह कहा कि 15 विधायक पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं तो पीठ ने कहा, ‘हम सिर्फ उन्हीं 10 विधायकों के मामले का संज्ञान लेंगे जो हमारे सामने हैं।’ जब रोहतगी ने एक जुलाई से अभी तक के घटनाक्रम का जिक्र किया तो पीठ ने टिप्पणी की, ‘हमें किसी बात से आश्चर्य नहीं होता है।’

रोहतगी ने मई, 2018 की घटना का जिक्र किया जब कर्नाटक में विधानसभा चुनाव के बाद सरकार के गठन का मामला शीर्ष अदालत पहुंचा था। उन्होंने कहा कि पिछले साल की तरह ही इस बार भी न्यायालय अध्यक्ष को सदन में शक्ति परीक्षण कराने का आदेश दे सकता है। उन्होंने कहा कि बेंगलुरू और मुंबई, जहां बागी विधायक टिके हैं, पूरी तरह से हंगामे की स्थिति है।

उन्होंने कहा कि इन घटनाओं को देखते हुये बागी विधायकों के लिये मुंबई से बेंगलुरू जाने पर पूरी तरह पुलिस सुरक्षा की आवश्यकता है।

विधानसभा अध्यक्ष आदेश के खिलाफ न्यायालय पहुंचे

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कांग्रेस-जद (एस) के 10 बागी विधायकों के मामले में आज दिन में ही निर्णय लेने के शीर्ष अदालत के आदेश के खिलाफ गुरुवार को उच्चतम न्यायालय में एक आवेदन दायर किया।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ के समक्ष विधानसभा अध्यक्ष की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने इस मामले का उल्लेख किया और कहा कि अध्यक्ष के आवेदन पर शुक्रवार को मुख्य मामले के साथ ही विचार किया जाये। पीठ ने सिंघवी से कहा कि वह पहले ही सवेरे इस मामले में एक आदेश दे चुकी है और अब यह अध्यक्ष को अपनी कार्य योजना के बारे में फैसला लेना है।

पीठ ने सिंघवी से कहा कि कुमार के आवेदन पर शुक्रवार को विचार किया जायेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता देवदत्त कामत ने बताया कि इस आवेदन में अध्यक्ष ने कहा है कि नियम उन्हें बागी विधायकों की अयोग्यता के लिये दायर आवेदन पर निर्णय लेने की अनुमति देते हैं।  उन्होंने कहा कि सवेरे दिये गए आदेश से सिर्फ यह संकेत मिलता है कि अध्यक्ष को तत्परता से दिन भर में 10 बागी विधायकों के इस्तीफों के बारे में निर्णय लेना है।

इस्तीफे नहीं लेंगे वापस: बागी विधायक

कर्नाटक के बागी विधायकों ने बृहस्पतिवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देश के अनुरूप वे राज्य के विधानसभाध्यक्ष से मुलाकात करेंगे लेकिन अपने इस्तीफे वापस नहीं लेंगे।
    
बागी विधायक बी बसावराज ने यह पूछे जाने पर कि क्या कर्नाटक विधानसभा से उनके इस्तीफा देने के निर्णय के पीछे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का हाथ है, बसावराज ने कहा, ‘हमारे निर्णय के पीछे भाजपा नहीं है। इसका भाजपा से कोई लेना देना नहीं है।’

बुधवार को कर्नाटक के वरिष्ठ मंत्री डी के शिवकुमार को पुलिस ने तब होटल में प्रवेश करने से रोक दिया था जब उन्होंने बागी विधायकों से मुलाकात की जिद की। शिवकुमार को बाद में बेंगलुरू वापस भेज दिया गया था। 

यदि बागी विधायकों के इस्तीफे स्वीकार हो जाते हैं तो दक्षिणी राज्य में सत्तारूढ़ गठबंधन के बहुमत खोने का खतरा है। गठबंधन में विधानसभाध्यक्ष को छोड़ कर कुल विधायकों की संख्या 116 (कांग्रेस..78, जदएस..37 और बसपा एक) है। कर्नाटक विधानसभा का मानसून सत्र शुक्रवार से शुरू होना है।

मैं इस्तीफा क्यों दूं : कुमारस्वामी

कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस- जद (एस) गठबंधन 16 विधायकों के इस्तीफे के बाद सरकार पर खतरे के बादल मंडराने के बावजूद मुख्यमंत्री एच.डी. कुमारस्वामी इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। कुमारस्वामी ने उनके इस्तीफे की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए पत्रकारों से कहा, ‘मैं इस्तीफा क्यों दूं? मुझे इस्तीफा देने की क्या जरूरत है?’

उन्होंने 2009-10 के उस वाकये की याद दिलायी, जब कुछ मंत्रियों सहित 18 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।

कांग्रेस के दो और विधायकों के बुधवार को इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं से भी बातचीत की। अभी तक 16 विधायक इस्तीफे सौंप चुके हैं।

इन सबके बीच जनता कहां?

कर्नाटक में कुमारस्वामी सरकार पहले दिन से ही अस्थिर नजर आ रही थी। इसकी कारण जेडीएस और कांग्रेस की ओर से केवल सत्ता के लिए दोस्ती कायम करना था। इस दोस्ती का एकमात्र उद्देश्य भाजपा को सत्ता से बाहर रखना था। यह दोस्ती अवसरवाद की राजनीति का परिचायक ही थी, क्योंकि भाजपा, कांग्रेस और जद-एस एक-दूसरे के खिलाफ चुनाव लड़े थे।

आपको बता दें कि सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते भाजपा को कर्नाटक में सरकार बनाने का मौका मिला था लेकिन बहुमत साबित न कर पाने के कारण येदियुरप्पा को इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद से ही कांग्रेस और जेडीएस ने गठबंधन कर सरकार बनाई थी। 

तब से लेकर अब तक कर्नाटक में सरकार को लेकर उठापठक जारी है। सरकार गिराने और बनाने के लिए नैतिकता के सारे पैमानों को ताक पर रख दिया गया। हालांकि इस उठापठक का नतीजा क्या होगा यह पता नहीं है लेकिन हमारे नीति-नियंता यह समझें तो बेहतर होगा कि कर्नाटक की जनता ने इस सियासी ड्रामें के लिए मतदान नहीं किया था

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ) 

karnataka
Congress
karnataka congress
UPA
NDA
BJP
Narendra modi
2019 elections
hd kumaraswamy
JDS

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License