NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कर्नाटक: सुप्रीम कोर्ट ने स्पीकर के फ़ैसले को कायम रखा, लेकिन उपचुनाव लड़ने की इजाज़त
कर्नाटक के अयोग्य ठहराए गए 17 विधायकों के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बीच का रास्ता निकाला है, हालांकि इसका फायदा विधायकों को ही मिला है। इसके साथ ही विधायिका और न्यायपालिका के अधिकारों को लेकर एक बार फिर बहस तेज़ हो गई है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Nov 2019
कर्नाटक

सुप्रीम कोर्ट ने कर्नाटक विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष द्वारा 17 विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने के फैसले को बुधवार को बरकरार रखा लेकिन साथ ही विधायकों को पांच दिसंबर को उपचुनाव लड़ने की अनुमति भी दे दी।
उच्चतम न्यायालय ने विधानसभा अध्यक्ष के फैसले का वह हिस्सा हटा दिया जिसमें कहा गया था कि ये विधायक 15वीं कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल पूरा होने तक अयोग्य ही रहेंगे।

शीर्ष अदालत ने अपने फैसले में अयोग्य ठहराए गए विधायकों के लिए कर्नाटक में पांच दिसंबर को होने जा रहे उपचुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त किया।

अदालत के फैसले से इन विधायकों की बड़ी मदद हुई है। लेकिन इसके साथ ही एक बार फिर विधायिका और न्यायपालिका के अधिकारों को लेकर बहस तेज़ हो गई है।

न्यायमूर्ति एन. वी. रमण, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति कृष्ण मुरारी की पीठ ने कहा कि उपचुनाव जीतने पर ये विधायक मंत्री बन सकते हैं या सार्वजनिक कार्यालय का प्रभार संभाल सकते हैं।
न्यायालय ने इन विधायकों के उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल किए बिना सीधे शीर्ष अदालत का रुख करने के कदम पर नाखुशी भी जाहिर की।

वहीं शीर्ष अदालत ने कहा कि उसका फैसला मामले के तथ्यों और परिस्थितियों पर आधारित है और यह अध्यक्ष के विधायकों को अयोग्य ठहराए जाने संबंधी अधिकार में हस्तक्षेप नहीं करता।

पीठ ने इन अयोग्य घोषित विधायकों की याचिकाओं पर 25 अक्टूबर को सुनवाई पूरी की थी।

कर्नाटक विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने विधानसभा में एच. डी. कुमारस्वामी सरकार के विश्वास प्रस्ताव से पहले ही 17 बागी विधायकों को अयोग्य घोषित कर दिया था।

विधानसभा में विश्वास मत्र प्राप्त करने में विफल रहने पर कुमारस्वामी की सरकार ने इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद, भाजपा के बी. एस. येदियुरप्पा के नेतृत्व में राज्य में नयी सरकार का गठन हुआ।

इन विधायकों को अयोग्य घोषित किये जाने की वजह से 17 में से 15 सीटों के लिये पांच दिसंबर को उपचुनाव हो रहे हैं। अयोग्य घोषित किये गये विधायक इन उपचुनाव में नामांकन पत्र दाखिल करना चाहते हैं। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 18 नवम्बर है।

इन विधायकों ने हाल में शीर्ष अदालत में एक आवेदन दायर कर 15 सीटों के लिये होने वाले उपचुनाव की तारीख स्थगित करने का निर्वाचन आयोग को निर्देश देने का अनुरोध किया था। इन विधायकों का कहना था कि उनकी याचिकाओं पर न्यायालय का निर्णय आने तक निर्वाचन आयोग को इन सीटों पर चुनाव नहीं कराने चाहिए।

अयोग्य घोषित विधायकों की दलील थी कि सदन की सदस्यता से त्यागपत्र देना उनका अधिकार है और अध्यक्ष का निर्णय दुर्भावनापूर्ण है और इसमें प्रतिशोध झलकता है। इन विधायकों में से अनेक ने सदन की सदस्यता से इस्तीफा देते हुये अध्यक्ष को पत्र लिखे थे।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

karnatak elections
Supreme Court
karnataka by poll elections
karnataka MPs

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव
    30 May 2022
    जापान हाल में रूस के ख़िलाफ़ प्रतिबंध लगाने वाले अग्रणी देशों में शामिल था। इस तरह जापान अपनी ताकत का प्रदर्शन कर रहा है।
  • उपेंद्र स्वामी
    दुनिया भर की: कोलंबिया में पहली बार वामपंथी राष्ट्रपति बनने की संभावना
    30 May 2022
    पूर्व में बाग़ी रहे नेता गुस्तावो पेट्रो पहले दौर में अच्छी बढ़त के साथ सबसे आगे रहे हैं। अब सबसे ज़्यादा वोट पाने वाले शीर्ष दो उम्मीदवारों में 19 जून को निर्णायक भिड़ंत होगी।
  • विजय विनीत
    ज्ञानवापी केसः वाराणसी ज़िला अदालत में शोर-शराबे के बीच हुई बहस, सुनवाई 4 जुलाई तक टली
    30 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद के वरिष्ठ अधिवक्ता अभयनाथ यादव ने कोर्ट में यह भी दलील पेश की है कि हमारे फव्वारे को ये लोग शिवलिंग क्यों कह रहे हैं। अगर वह असली शिवलिंग है तो फिर बताएं कि 250 सालों से जिस जगह पूजा…
  • सोनिया यादव
    आर्यन खान मामले में मीडिया ट्रायल का ज़िम्मेदार कौन?
    30 May 2022
    बहुत सारे लोगों का मानना था कि राजनीति और सांप्रदायिक पूर्वाग्रह के चलते आर्यन को निशाना बनाया गया, ताकि असल मुद्दों से लोगों का ध्यान हटा रहे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल : मनरेगा के श्रमिकों को छह महीने से नहीं मिला वेतन
    30 May 2022
    हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा ज़िले में मनरेगा मज़दूरों को पिछले छह महीने से वेतन नहीं मिल पाया है। पूरे  ज़िले में यही स्थिति है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License