NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कृषि उत्पादों की गिरती कीमतों से किसानों को भारी नुक्सान
दालों से गेहूँ तक और गेहूँ से मसालों तक, सर्दियों में सभी प्रकार की बोई जाने वाले रबी फसल की भरमार से कीमतों में गिरावाट आ रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
15 Jan 2018
Farmers

गेहूँ, तूर दाल, चना दाल, मसूर दाल, ज्वार, बाजरा, मक्का, जीरा, हल्दी, धनिया और सरसों की कीमतें गिर गई हैं या अगले कुछ दिनों में गिरने की संभावना है।

यहाँ तक कि महँगा फल अनार भी पिछले एक दशक में सबसे कम कीमत पर बिक रहा है। तूर दाल (दालें) – जिसे अरुहार के रूप में भी जाना जाता है – उसकी कीमतें समर्थन मूल्य से 20% कम हो गयी है।

अब तक यह अच्छी तरह से ज्ञात हो गया है कि कैसे उत्तर प्रदेश के किसानों ने सस्ते मूल्यों से नाराज होकर लखनऊ की सड़कों पर आलू का फैंक दिए, जो भारत के लगभग 30% आलू का उत्पादन करता है।

हालांकि भारत में कृषि संकट कई वर्षों से चल रहा है, लेकिन पिछले कुछ सालों में इसकी स्थिति और नाज़ुक हो गयी है।

इस वर्ष सभी प्रकार के कृषि उत्पाद की कीमतें उत्पादन में बढ़ोत्तरी के कारण गिर रही हैं। बढ़ती लागत को देखते हुए किसानों के लिए यह विशेष रूप से बड़ा कठिन समय हैं।

पिछले कुछ सालों से किसानों के लिए कृषि की लागतों में बढ़ोत्तरी हो रही है, लेकिन सरकार द्वारा प्रस्तावित न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) उपयुक्त नहीं है - भले ही वर्तमान मोदी सरकार इस वादे पर सत्ता में आई कि वह एमएस स्वामिनाथन समिति द्वारा अनुशंसित लागत के ऊपर 50% एमएसपी देगी।  

2016 में नोटबंदी के चलते किसानों को विशेष रूप से एक भयानक झटका लगा था जिससे वे भारी क़र्ज़ तले दब गए।

पिछले साल देश भर में किसानों के विद्रोहों का देखा गया, फसल और क़र्ज़ छूट के लिए, लाभकारी कीमतों की माँग करते हुए नवंबर में दिल्ली में ऐतिहासिक किसान मुक्ति संसद का आयोजन भी किया गया।

इकोनॉमिक टाइम्स (ईटी) की एक हालिया रिपोर्ट में देश के विभिन्न हिस्सों में प्रमुख वस्तुओं की गिरती कीमतों पर प्रकाश डाला गया।

रिपोर्ट में कहा गया है कि किसान रबी फसल या शीतकालीन फसल में घाटे का सामना कर रहे हैं - जो कि मंडियों में आने शुरू हो गई हैं। लेकिन दआल उगाने वाले किसान सबसे खराब स्थिति में हैं।

ई.टी. के अनुसार, इंदौर मंडी में, बाजार में आने वाली नई चना फसल का मूल्य 4,400 रुपये क्विंटल है जो एमएसपी से 12 फीसदी कम है। मसूर का दाल 4,250 रुपये प्रति क्विंटल है और एमएसपी से 15 फीसदी कम है।

महाराष्ट्र में लातूर में एपीएमसी (कृषि उत्पाद मार्केट कमेटी) में, तूर दाल की कीमत करीब 5,450 रुपये प्रति क्विंटल रखी जो एमएसपी से करीब 20 फीसदी कम है।

चना के आगमन के साथ इनकी कीमतों में आगे और गिरने की संभावना है, रिपोर्ट में  कहा गया है।

ई.टी. ने बिमल कोठारी, वाइस प्रेसीडेंट, इंडियन पल्सेस एंड ग्रेन एसोसिएशन (आईपीजीए) का हवाला देते हुए कहा कि: " केवल सरकार द्वारा 1-1.5 मिलियन टन की खरीद से ही केवल तूर और चना की कीमतों का समर्थन कर सकती है।"

गेहूँ भी ज्यादा बेहतर नहीं है। कोटा में गेहूँ की कीमत एमएसपी से 7-10% कम 1,650 रूपए क्विंटल थी।

ई.टी. के मुताबिक, मार्च में गेहूँ का स्टॉक मुफ़्त बाजार में 30 लाख टन होगा जोकि पिछले पांच साल की तुलना ज्यादा है जो औसत 1 लाख टन होता था। मार्च में भारतीय खाद्य निगम के पास 14 मिलियन टन होगा गेंहू होगा। USDA (संयुक्त राज्य कृषि विभाग) के अनुसार गेहूँ की कीमतों में गिरावट रहेगी क्योंकि वैश्विक स्तर पर उत्पादन 10 साल के उच्च स्तर पर रहने की सम्भावना है।

सरसों के लिए आने वाले दिनों में कीमतों में तेजी से गिरावट का अंदेशा है। वर्तमान में अलवर बाजार में कीमत 4,000 रुपये प्रति क्विंटल है जो एमएसपी से 1% कम थी।

"तत्काल, हम कीमतों में गिरावट नहीं देखते हैं, लेकिन अगले 20 दिनों में, सरसों की कीमतों में सुधार होगा। मदर डेयरी में खाद्य तेल के बिजनेस हेड संजीव गिरी ने कहा, थोक में, सरसों के तेल की कीमतों में 4-5 रुपये प्रति लीटर की सुधार देखने को मिलेगा।

धनिया और हल्दी की कीमत भी गिर रही है और इसके और भी गिरने का अंदेशा है क्योंकि गुजरात और तेलंगाना में फसल काटने का वक्त आ रहा है।

जीरा और हल्दी पिछले हफ्ते में 6% गिरा है जबकि धनिया दो सप्ताह में 10% गिर गया है, रिपोर्ट में कहा गया है।

रिपोर्ट में कहा गया है कि कर्नाटक, महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में ज्यादातर बाजारों में ज्वार और बाजरा जैसी फसलों की कीमतें एमएसपी से भी कम हैं।

वर्तमान में बाजार में पहुँचने वाली खरीफ की फसल मक्का की कीमतें एमएसपी की तुलना में 15-20 फीसदी कम है और दो महीने के बाद रबी की मक्का की कीमतों में कटौती की जा सकती है। सब्जियों की कीमतें, हर सर्दियों की तरह, नीचे हैं।

जबकि प्याज अपेक्षाकृत बेहतर चल रहा है, पर रिपोर्ट में कहा गया है कि अप्रैल में प्याज की कीमतों के गिरने के आशंका है क्योंकि किसानों ने बड़ी मात्रा में फसल लगाई है।

कृषि मंत्री राधा मोहन सिंह ने ई.टी. को बताया कि एक “गंभीर मुद्दा” अब "एमएसपी दर पर किसानों से उत्पाद खरीदना के है" इस पर ध्यान देना होगा। उन्होंने कहा कि खाद्य मंत्रालय राज्यों के साथ इस पर काम कर रहा है ताकि उच्च खरीद सुनिश्चित हो सके।

farmer
farmers crises
demonetisation
नोटबंदी
MSP
prices

Related Stories

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?

कार्टून क्लिक: किसानों की दुर्दशा बताने को क्या अब भी फ़िल्म की ज़रूरत है!

ब्लैक राइस की खेती से तबाह चंदौली के किसानों के ज़ख़्म पर बार-बार क्यों नमक छिड़क रहे मोदी?

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

क्यों है 28-29 मार्च को पूरे देश में हड़ताल?

28-29 मार्च को आम हड़ताल क्यों करने जा रहा है पूरा भारत ?


बाकी खबरें

  • Modi
    अनिल जैन
    PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?
    01 Jun 2022
    प्रधानमंत्री ने तमाम विपक्षी दलों को अपने, अपनी पार्टी और देश के दुश्मन के तौर पर प्रचारित किया और उन्हें खत्म करने का खुला ऐलान किया है। वे हर जगह डबल इंजन की सरकार का ऐसा प्रचार करते हैं, जैसे…
  • covid
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में 2,745 नए मामले, 6 लोगों की मौत
    01 Jun 2022
    महाराष्ट्र में एक बार फिर कोरोना के मामलों में तेजी से वृद्धि देखी जा रही है। महाराष्ट्र में आज तीन महीने बाद कोरोना के 700 से ज्यादा 711 नए मामले दर्ज़ किए गए हैं।
  • संदीपन तालुकदार
    चीन अपने स्पेस स्टेशन में तीन अंतरिक्ष यात्रियों को भेजने की योजना बना रहा है
    01 Jun 2022
    अप्रैल 2021 में पहला मिशन भेजे जाने के बाद, यह तीसरा मिशन होगा।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी : मेरठ के 186 स्वास्थ्य कर्मचारियों की बिना नोटिस के छंटनी, दी व्यापक विरोध की चेतावनी
    01 Jun 2022
    प्रदर्शन कर रहे स्वास्थ्य कर्मचारियों ने बिना नोटिस के उन्हें निकाले जाने पर सरकार की निंदा की है।
  • EU
    पीपल्स डिस्पैच
    रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ
    01 Jun 2022
    ये प्रतिबंध जल्द ही उस दो-तिहाई रूसी कच्चे तेल के आयात को प्रभावित करेंगे, जो समुद्र के रास्ते ले जाये जाते हैं। हंगरी के विरोध के बाद, जो बाक़ी बचे एक तिहाई भाग ड्रुज़बा पाइपलाइन से आपूर्ति की जाती…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License