NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
कश्मीर को तबाह कर देगा युद्ध
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध होता है तो यहां के लोगों का बहुत बड़ा नुकसान होगा।

ज़ुबैर सोफी
27 Feb 2019
kashmir

मध्य कश्मीर के बडगाम के इलाके नौशाद करलापोरा के कुछ स्थानीय लोगों ने हवाई हमले के नतीजों को लेकर गहरी चिंता ज़ाहिर की।

एक वृद्ध मोहम्मद रमज़ान सोफी 1965 के भारत-पाक युद्ध के चश्मदीद हैं और उनका गांव इस युद्ध से काफी प्रभावित हुआ था।

रमज़ान इस हिंसात्मक युद्ध को याद करते हैं। नौशाद का यह छोटा सा गांव पुराने हवाई अड्डे के पास स्थित है। यह गांव हमेशा दो टॉप रडार टावरों के बीच रहता है जो वायु सेना के रडार स्टेशन (वायु सेना के सिग्नल यूनिट 727 के रूप में जाना जाने वाला) का हिस्सा हैं।

रमज़ान कहते हैं, "इस गांव के सभी घर और गौशालाएं गोला बारूद के स्टोर रूम में बदल दिए गए थे।"

वे कहते हैं, कुछ ही समय में बमबारी में सभी घर नष्ट हो गए और ग्रामीण दूर से ही इस विनाश को देख रहे थे और रो रहे थे और दया की भीख मांग रहे थे।

बमबारी बंद होने के बाद लोग अपने घरों की तरफ भागे जो घने काले धुएं के नीचे ढ़के हुए थे। रमजान याद करते हुए कहते हैं, "सभी घर ज़मीनदोज हो गए थे, एक भी गौशाला को नहीं छोड़ा गया।"

हाल ही में हुए हवाई हमले के बारे में बात करते हुए रमज़ान ने न्यूज़क्लिक से कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध से बड़ी संख्या में नागरिक हताहत होंगे, करोड़ों की संपत्ति राख हो जाएंगी जो दोनों देशों के लिए सबसे बड़ा नुकसान होगा।

उन्होंने आगे कहा कि दुनिया को इन दोनों देशों के बीच तनाव और कश्मीर के हालात के बारे में पता है। वे कहते हैं, "दोनों देशों का दावा है कि वे जम्मू-कश्मीर के लोगों से ‘मोहब्बत’ करते हैं। अगर यह सच है तो शांतिपूर्ण वार्ता के जरिए समाधान निकालना चाहिए। हवाई हमले या किसी भी तरह के हमले से कोई समाधान नहीं निकलेगा।”

आपको बता दें कि भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने पाकिस्तान के बालाकोट में 26 फरवरी को हवाई हमले किए। इस हमले में आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का प्रशिक्षण शिविर तबाह हो गया। सेना ने ये कार्रवाई पुलवामा में जैश-ए-मोहम्मद द्वारा सीआरपीएफ के काफिले पर आत्मघाती हमले के बाद की। इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे।

अधिकारियों ने दावा किया कि नागरिकों को किसी प्रकार का नुकसान न हो इसके लिए हमले का स्थान चुना गया था। उन्होंने आगे कहा कि नष्ट किए गए शिविर का संचालन जैश-ए-मोहम्मद प्रमुख मौलाना मसूद अज़हर का साला मौलाना यूसुफ अज़हर कर रहा था।

कहां है बालाकोट?

बालाकोट पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत में मनेशरा ज़िले का एक क़स्बा है। यह मुज़फ्फराबाद से लगभग 40 किलोमीटर की दूरी पर है। साल 2005 के कश्मीर भूकंप के बाद बालाकोट सुर्खियों में आया। इस भूकंप के कारण शहर लगभग तबाह हो गया था। सऊदी अरब की सहायता से पाकिस्तान सरकार द्वारा इसका पुनर्निर्माण किया गया। वर्ष 2017 में शहर की जनसंख्या जनगणना की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार बालाकोट की जनसंख्या 2.73 लाख थी।

हालिया हवाई हमले पर राय लेने के लिए न्यूज़क्लिक ने पुलिस के कुछ सेवानिवृत्त अधिकारियों से संपर्क किया।

नाम न छापने की शर्त पर कुछ अधिकारियों ने न्यूज़़क्लिक को बताया कि जो लोग सोचते हैं कि युद्ध से दोनों देशों के बीच की समस्याओं को हल किया जा सकता है तो वे बड़ी ग़लतफहमी में हैं। वे कहते हैं, “युद्ध विफलता होगी। जम्मू-कश्मीर के लोग ही पीड़ित होंगे और नुकसान उठाएंगे।” जीत का आनंद कौन उठाएग? वे कहते हैं, दोनों देशों का बड़ा हित कश्मीर में है न कि कश्मीरियों में।

90 के दशक के दौरान कई आतंकवाद विरोधी अभियानों का हिस्सा रहे एक अधिकारी ने कहा, “मैंने 30 साल तक पुलिस में काम किया है और मैंने कश्मीर को बदतर हालात में देखा है। ज़मीनी हक़ीक़त यह है कि नागरिक पीड़ा झेल रहे हैं।”

War
Jammu and Kashmir
balakot
Pakistan
India
Kashmir

Related Stories

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

कश्मीर में हिंसा का नया दौर, शासकीय नीति की विफलता

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

कश्मीरी पंडितों के लिए पीएम जॉब पैकेज में कोई सुरक्षित आवास, पदोन्नति नहीं 

यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License