NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या अब दिल्ली के मज़दूरों को मिल सकेगा न्यूनतम वेतन?
दिल्ली में श्रम विभाग सभी जिलों में पांच-पांच लोगों की 10 स्पेशल टीम बनाएगा जो अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी करेंगी और यह सुनिश्चित करेंगी कि मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिले।
मुकुंद झा
07 Dec 2018
workers

दिल्ली की आम आदमी पार्टी सरकार ने न्यूनतम मज़दूरी को लेकर मजदूरों के एक लंबे अदालती संघर्ष के बाद दिए गए सुप्रीम कोर्ट के 31 अक्टूबर के आदेश को लागू करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार ने तय न्यूनतम वेतनमान को 1 नवंबर 2018 से फिर से लागू कर दिया था।
आमतौर पर हमने देखा है कि सरकारें न्यूनतम वेतन की घोषणा तो कर देती हैं परन्तु जमीन पर यह कभी लागू नहीं होता है। दिल्ली सरकार के इस कदम के बाद दिल्ली के मजदूरों में एक उम्मीद जगी है कि उन्हें अब उनका हक मिला सकेगा। आम आदमी पार्टी (आप) सरकार ने  मजदूरों को बढ़ा हुआ वेतन मिले, इसके लिए 10 दिसंबर से ‘ऑपरेशन मिनिमम वेज’ शुरू करने का निर्णय किया है।
मंगलवार को इसको लेकर दिल्ली के श्रम मंत्री गोपाल राय ने मीडिया से बात की। उनके मुताबिक श्रम विभाग सभी जिलो में पांच-पांच लोगों की 10 स्पेशल टीम बनाएगा जो दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी करेगी और यह सुनिश्चित करेगी कि मजदूरों को न्यूनतम वेतन मिले। इस छापेमारी के लिए सरकार श्रम विभाग के सभी जिलों में प्रवर्तन दल तैयार करेगी, जिसमें सहायक श्रम आयुक्त, श्रम अधिकारी, निरीक्षण अधिकारी, कंपनी निरीक्षक और श्रम निरीक्षक शामिल होंगे जो  औचक निरीक्षण करेंगी |
श्रम मंत्री  ने  कहा, "ये टीमें विभिन्न कंपनियों, कारखानों, कार्यशालाओं और अन्य औद्योगिक व्यवस्थाओं का निरीक्षण करेगी और सुनिश्चित करेगी कि सरकार ने कौशल के आधार पर विभिन्न श्रेणियों के मजदूरों की जो मजदूरी तय की है, वह उन्हें मिल रही है या नहीं। 

मज़दूरों के लिए हेल्पलाइन 

दिल्ली सरकार ने न्यूनतम मजदूरी अधिनियम के अनुसार भुगतान नहीं होने पर मजदूरों के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। ये नंबर है 155214, इस पर कॉल करके मज़दूर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। 

न्यूनतम वेतनमान

अभी दिल्ली में सरकार के फैसले के बाद से न्यूनतम वेतन अकुशल मज़दूरों के लिए 14 हजार रुपये, अर्द्ध कुशल मज़दूरों के लिए 15,400 रुपये और कुशल मज़दूरों के लिए 16,962 रुपये प्रतिमाह तय हैं। 
हालांकि ये कड़वा सच है कि इन फैसलों के इतने समय बाद भी दिल्ली के मज़दूर आज भी इससे बहुत कम प्रति माह में काम करने को मज़बूर हैं जो सरकार के दावों की पोल खोलता है।
यह न्यूनतम वेतन मिल रहा है या नहीं सरकार इसी देखेगी और इसके उल्लंघन पर नियोक्ता पर न्यूनतम मजदूरी अधिनियम, 2017 के अनुसार सख्त कार्रवाई होगी। इसके मुताबिक न्यूनतम मजदूरी का भुगतान न करने पर 50,000 रुपये का जुर्माना या तीन साल  की जेल या दोनों ही हो सकती हैं। इसके अलावा सरकारी विभागों में जो ठेकेदार मिनिमम वेज नहीं देंगे, उन्हें ब्लैकलिस्टेट कर दिया  जाएगा|
बढ़े हुए न्यूनतम वेतन में भी गुज़ारा नहीं
दिल्ली के मजदूर संगठन सीटू, ऐक्टू और इंटक सहित अन्य तमाम मज़दूर यूनियनों की मांग रही है कि ये जो बढ़ा हुआ वेतन है वो भी बहुत ही  कम है। इसे बढ़ाकर कम से कम 18 हज़ार किया जाना चाहिए। श्रम मंत्री ने भी माना है कि मिनिमम वेज बढ़कर 14 हजार हो गया है लेकिम इसमें भी गुजर-बसर करना बहुत मुश्किल है। सरकार को नई कमेटी ने नए मिनिमम वेज को लेकर भी अपनी रिपोर्ट दी है, जिस पर आम लोगों, ट्रेड यूनियन और संस्थानों की राय मांगी गई है। जिसके बाद सरकार इस पर निर्णय करेगी परन्तु अभी दिल्ली में सभी सरकारी, प्राइवेट संस्थानों में यही बढ़ा हुआ न्यूनतम वेतन देना होगा।

नई कमेटी बनाकर नया वेतनमान तय होगा

दिल्ली सरकार नए न्यूनतम वेतन को लेकर अपनी रिपोर्ट 31 जनवरी, 2019 तक उच्चतम न्यायालय को सौंपेगी क्योंकि उच्चतम न्यायलय ने अपने 31 अक्टूबर के अंतरिम आदेश में यह कहा था कि वेतन बढ़ोतरी का आदेश केवल 3 माह के लिए था। इस दौरान सरकार को न्यूनतम वेतन को पुन: तय करने के लिए एक नई कमेटी का गठन करना था जिसमें मजदूर संगठनों के साथ ही नियोक्ता की भी भगीदारी करनी थी। इस नई कमेटी  को भोजन  और कपड़े को लेकर बाजार दर  का अध्ययन कर एक नया न्यूनतम वेतनमान का प्रस्ताव तैयार करना है। सरकार ने इसे अपनी  वेबसाइट पर डाल दिया है और इस पर आम लोगों, बिजनेस हाउसेस समेत सभी से सुझाव और आपत्तियां मांगी गईं हैं।  12 जनवरी तक इस पर लोग अपनी राय दे सकते हैं।
इस नई कमेटी में 15 सदस्य मजदूर संगठनों के होंगे जबकि 15 सदस्य इंडस्ट्री से होंगे। 5 सदस्य अधिकारी होंगे। बोर्ड जो भी रिपोर्ट तैयार करेगा, उसे कैबिनेट में रखा जाएगा। कैबिनेट की मंजूरी के बाद नए न्यूनतम वेतन की सूचना 31 जनवरी को सुप्रीम कोर्ट दी जाएगी और सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद फिर नए न्यूनतम वेतन का  नोटिफिकेशन जारी किया जाएगा।
दिल्ली के ट्रेड यूनियनों की मांग है कि यहां न्यूनतम वेतन कम से कम 18 हज़ार होना चाहिए। मज़दूर नेताओं का कहना है कि सरकार का कहना है कि वो न्यूनतम वेतन को लागू कराने का प्रयास कर रही है  परन्तु दूसरी तरफ  दिल्ली में श्रम आयुक्तों के पास न्यूनतम वेतन के कई केस लंबे समय से लटके हुए हैं। उस पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। ऐसे अब कुछ अच्छा होगा इस पर भी संदेह है।
 

minimum wage
Workers
Delhi
Arvind Kejriwal
gopal ray
Labour Laws
CITU
AICCTU
Supreme Court

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

मुंडका अग्निकांड: 'दोषी मालिक, अधिकारियों को सजा दो'

मुंडका अग्निकांड: ट्रेड यूनियनों का दिल्ली में प्रदर्शन, CM केजरीवाल से की मुआवज़ा बढ़ाने की मांग

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

झारखंड-बिहार : महंगाई के ख़िलाफ़ सभी वाम दलों ने शुरू किया अभियान

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

धनशोधन क़ानून के तहत ईडी ने दिल्ली के मंत्री सत्येंद्र जैन को गिरफ़्तार किया


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License