NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या बीजेपी सच में गायों के मुद्दे पर संवेदनशील है ?
खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश के गाय अभ्यारण्य में न तो काम करने के लिए पर्याप्त लोग हैं और न ही इसे चलाने के लिए पैसा।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Jul 2018
cows
image courtesy:hindustan times

मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक मध्य प्रदेश में बने देश के पहले अभ्यारण्य में अब नयी गायों के लिए जगह नहीं है। खबर के मुताबिक मध्य प्रदेश के इस गाय अभ्यारण्य में न तो काम करने के लिए पर्याप्त लोग हैं और न ही इसे चलाने के लिए पैसा। सितम्बर में खोले गए इस कामधेनू गौ अभ्यारण्य की हालत इतनी खस्ता है कि फरवरी से इसमें गायों के प्रवेश पर ही निषेध लगा दिया गया है। ऐसा इसीलिए किया गया है क्योंकि यहाँ संसाधनों की कमी है। 
 
बताया जा रहा है कि इस अभ्यारण्य के 24 शेड में 6,000 गायों को रखा जाना था। लेकिन यहाँ अभी सिर्फ 4,120 गायें  मौजूद हैं। अभ्यारण्य को त्यागी गयी और आवारा गायों की सेवा करने के अलावा गौ मूत्र और गोबर द्वारा कीटनाशक बनाने के लिए बनाया गया था। लेकिन ये बातें अभी से दूर की कौड़ी लगने लगीं हैं। इसकी देखभाल पशु पालन विभाग के ज़िम्मे है और बताया जा रहा है कि इसका कुल खर्च 10 करोड़ रुपये का है। लेकिन मीडिया रिपोर्टों के हिसाब से  अभ्यारण्य को इसका आधा पैसा मिल रहा है और उसमें से 4 करोड़ रुपये चारे में ही खर्च हो जाते हैं। 
 
425 हैक्टेयर में फैले इस अभ्यारण्य की देखभाल के लिए गौ संरक्षण बोर्ड ने 22 करोड़ रुपये का प्रस्ताव वित्त विभाग के सामने रखा था। लेकिन विभाग ने इसे ठुकरा  दिया इसके बाद 14 करोड़ रुपये का प्रस्ताव रखा गया ,लेकिन इसे भी ठुकरा दिया गया। यहाँ उन्हीं गायों को रखा जाता है जो दूध नहीं  देती , क्योंकि उन्हीं गायों को लोग त्यागते हैं। यही वजह है कि यह अभ्यारण्य दूध बेचकर और किसी और तरीके से पैसे नहीं कमा पा रहा है। इसी वजह से यह पूरी तरह सरकारी चंदे पर निर्भर है।
 
ये सभी मुद्दे मुख्यमंत्री शिवराज चौहान के सामने रखे जा चुके हैं। लेकिन अब तक सिर्फ आश्वासन ही मिले हैं। मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक सरकार इसकी देखभाल के लिए किसी NGO का सहारा लेने का मन बना रही है। यहाँ सवाल ये उठता है कि गौ रक्षा को इतना बड़ा मुद्दा बनाने वाली सरकार , गौ सेवा के नाम पर इतनी उदासीन क्यों है ? 
 
बता दें कि 28 जुलाई को ही राजस्थान सरकार ने बीकानेर में भी इसी तरह का गाय अभ्यारण्य बनाने का एलान किया है। बताया जा रहा है, कि 220 हेक्टेयर में बनने वाले इस अभ्यारण्य में 10,000 साँड़ों को रखा जायेगा। इसके लिए एक निजी ट्रस्ट के साथ MOU पर दस्तखत किये जा चुके हैं। राजस्थान वही राज्य है जहाँ देश में पहली बार एक गाय मंत्री बने और जहाँ गौ रक्षा के लिए बाक़ायदा पुलिस चौकियाँ हैं। लेकिन गौ रक्षा का दम्भ भरते इसी राजस्थान की राजधानी जयपुर में अगस्त 2016 में एक गौशाला की 500 गायें मरी हुई पायीं गयी थीं। बताया गया कि नगर निगम से वहाँ के कर्मचारियों को कई महीने से पैसे नहीं मिले थे। इस वजह से वे हड़ताल पर थे। इसी दौरान बारिश की वजह से गाये गले तक गोबर और चारे में धंस गयीं , जिस वजह से उनकी मौत हो गयी। इसके अलावा हड़ताल की वजह से उन्हें चारा और पानी भी नहीं मिल रहा था। हमें यहाँ यह भी याद रखना होगा कि राजस्थान में 2016 से 12 लिंचिंग के मामले सामने आये हैं। इसमें ज़्यादातर गाय के नाम पर हत्या के मामले हैं। सरकार पर इन मामलों में आरोपियों को बचाने के आरोप लगते रहे हैं। 
 
इसी तरह 27 जुलाई को दिल्ली से भी इसी तरह की एक खबर आयी। बताया जा रहा है कि दक्षिण पश्चिम दिल्ली की एक गौशाला में 2 दिनों में 36 गायों की मौत हो गयी। दिल्ली सरकार ने इस मामले में जाँच के आदेश दिए हैं। अभी तक ये पता नहीं चला है कि इनकी गायों की मौत किसी बीमारी से हुई या अन्य किसी कारण से। लेकिन वहाँ मौजूद कर्मचारियों का कहना है कि वहाँ इन दो दिनों में पानी नहीं आ रहा था और पशु चिकित्सकों  को बुलाये जाने के बावजूद भी वहाँ कोई पशु चिकित्सक नहीं आया। याद रहे कि दिल्ली की नगर निगम बीजेपी द्वारा शासित है। 
 
2012 के मवेशी गणना के अनुसार देश में लगभग 53 लाख गाय / बैल/ सांड (गौ-वंश के जीव) बिना किसी स्वामी के हैं। वे शहरों में कूड़े के ढेरों में से कचरा खाकर अपनी भूख मिटाते हैं । गौ रक्षा के नाम पर लोगों को मारने वालों ने या फिर करोड़ों रुपये खर्च करके अभयारण्य बनाने वालों ने क्या कभी इनके बारे में सोचा है? 
 
इसके अलावा और भी कई गंभीर सवाल उठते हैं। जो पार्टी लगातार गौ रक्षा की बातें करती है उनके द्वारा शासित राज्यों और नगर पालिकाओं में गाय की इतनी ख़राब हालत क्यों है ? क्या इसका मतलब गाय का इस्तेमाल सिर्फ राजनीतिक फायदे के लिए किया जा रहा है ? क्या गाय का मुद्दा उठाना सिर्फ हिन्दुओं को मुसलमानो के खिलाफ करने का तरीका है ? 
 

Madhya Pradesh
Shivraj singh
rajasthan government
Vasundhara Raje Government
BJP
cows
cow sanctuary

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    हार्दिक पटेल भाजपा में शामिल, कहा प्रधानमंत्री का छोटा सिपाही बनकर काम करूंगा
    02 Jun 2022
    भाजपा में शामिल होने से पहले ट्वीट किया कि वह प्रधानमंत्री के एक ‘‘सिपाही’’ के तौर पर काम करेंगे और एक ‘‘नए अध्याय’’ का आरंभ करेंगे।
  • अजय कुमार
    क्या जानबूझकर महंगाई पर चर्चा से आम आदमी से जुड़े मुद्दे बाहर रखे जाते हैं?
    02 Jun 2022
    सवाल यही उठता है कि जब देश में 90 प्रतिशत लोगों की मासिक आमदनी 25 हजार से कम है, लेबर फोर्स से देश की 54 करोड़ आबादी बाहर है, तो महंगाई के केवल इस कारण को ज्यादा तवज्जो क्यों दी जाए कि जब 'कम सामान और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 
    02 Jun 2022
    दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के बाद केरल और महाराष्ट्र में कोरोना ने कहर मचाना शुरू कर दिया है। केरल में ढ़ाई महीने और महाराष्ट्र में क़रीब साढ़े तीन महीने बाद कोरोना के एक हज़ार से ज्यादा मामले सामने…
  • एम. के. भद्रकुमार
    बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव
    02 Jun 2022
    एनआईटी ऑप-एड में अमेरिकी राष्ट्रपति के शब्दों का उदास स्वर, उनकी अड़ियल और प्रवृत्तिपूर्ण पिछली टिप्पणियों के ठीक विपरीत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट
    02 Jun 2022
    नर्मदा का पानी पीने से कैंसर का खतरा, घरेलू कार्यों के लिए भी अयोग्य, जांच रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा, मेधा पाटकर बोलीं- नर्मदा का शुद्धिकरण करोड़ो के फंड से नहीं, सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट रोकने से…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License