NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
क्या इस जीत के जशन में हार की आहट है ?
नगर पालिका की 198 सीटों में सिर्फ 18% वोटों के साथ बीजेपी 68 सीटों पर जीती , वहीं  नगर पंचायतों में उन्हें 438 सीटों में से सिर्फ 12% वोटों के साथ 100 सीटों  पर जीत मिली  
ऋतांश आज़ाद
02 Dec 2017
up civic polls

उत्तर प्रदेश नगर निकाय चुनावों में बीजेपी की जीत उतनी बड़ी नहीं है जितना उसे दर्शाया जा रहा है . कल सुबह जबसे चुनावों के परिणाम आने लगे तब से  मुख्यधारा की मीडिया इसे बीजेपी की बड़ी सफलता बताने में जुट गयी . कुछ मीडिया चैनलों ने यहाँ तक कहा कि इन नतीजों से ये ज़ाहिर है कि देश भर में अब भी बीजेपी की लहर है , और इससे ये स्थापित हो जाता है कि गुजरात में होने वाले चुनावों में भी बीजेपी की जीत निश्चित है. इसी बात को उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी दोहराया और कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा कि 'विकास के गुजरात मॉडल की आलोचना करने वालों के लिए बेहतर होगा कि वे अमेठी निकाय चुनाव में हार से सीखें और हवा में तीर चलाने के बजाय जमीन पर आकर कुछ काम करें.'  पर यहाँ उत्तर प्रदेश के मुख्य मंत्री  शायद ये भूल गए कि गोरखपुर के वार्ड में जहाँ वो खुद वोटर हैं वहाँ से बीजेपी को करारी हार मिली है .पर बात सिर्फ इतनी सी नहीं है .

ये सच है कि  इन  नगर निकाय के नगर निगम चुनावों में बीजेपी को 46% वोटों के साथ 16 में से 14 सीटों पर जीत हासिल हुई है और पहली नज़र में ये एक बड़ी जीत दिखाई पड़ती है . पर अगर हम नगर निकाय के ही नगर पालिका और नगर पंचायत के चुनाव नतीजों पर नज़र डालें तो बीजेपी की जीत की चमक कुछ कम दिखाई पड़ती है . नगर पालिका की 198 सीटों में सिर्फ 18% वोटों के साथ बीजेपी 68 सीटों पर जीती , वहीं  नगर पंचायतों में उन्हें 438 सीटों में से सिर्फ 12% वोटों के साथ 100 सीटों पर जीत मिली .

Up civic polls

गौर करने वाली बात ये है कि नगर पालिका और नगर पंचायतों दोनों में निर्दलीय उम्मीदवार  ने  64% और 71% वोटों के साथ बीजेपी से ज्यादा सीटें जीती हैं . तो सवाल ये है कि फिर किस बिनाह पर ये बीजेपी की एक बड़ी जीत है ? ये सच है कि बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी उभर कर आयी है, पर ये वो लहर कतयी नहीं है जो 2014 के लोक सभा और 2017 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावो में देखने को मिली  थी . तो ये कहना कि इस  जीत की वजह से गुजरात की सत्ता भी आसानी से हासिल होगी , साफ़ तौर पर जल्दबाज़ी है . समाजवादी पार्टी की ग्रामीण इलाकों में वापसी और बसपा का उत्तर प्रदेश में पुनर्जन्म ये दर्शा रहा है कि अगर विपक्षी पार्टियाँ उत्तर प्रदेश में एक हो जाती तो नतीजे कुछ और होते .

इन नतीजों से साफ़ है कि जहाँ उत्तर प्रदेश के शहरों में बीजेपी अब भी लोकप्रिय है वहीं  गाँवों और कस्बों में बीजेपी की चमक कम होती जा रही है . उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार की किसान विरोधी नीतियाँ , जीएसटी और नोटबंदी का आम जनता पर विपरीत असर , इस घटती लोकप्रियता की वजह लगाती है . इसी तरह 2015 में बीजेपी के गढ़ गुजरात के नगर निकाय चुनावों में जहाँ बीजेपी शहरी ईलाकों में जीती वहीं  ग्रामीण शेत्रों में पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ा था और ये तब था जब नोटबंदी और जीसटी को लागू नहीं किया गया था .

कॉर्पोरेट मीडिया चाहे निकाय चुनाव के परिणामों को बीजेपी के लिए एक बड़ी उपलब्धि बता रही हो पर इस जीत के जश्न में हार की आहट सुनाई दे रही है . देखना होगा 'अच्छे दिनों ' का ये खोखला प्रचार  बीजेपी की जीत को कब तक कायम  रख  पायेगा . 

UP civic elections
BJP
Yogi Adityanath
Panchayat

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • राजु कुमार
    मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी
    09 May 2022
    सिवनी की घटना से मध्यप्रदेश का पूरा आदिवासी क्षेत्र आक्रोशित है। आज कई आदिवासी संगठनों ने संयुक्त रूप से सिवनी बंद का आह्वान किया था, जो पूरी तरह सफल रहा। सिवनी से लगे गांवों के आदिवासी भी इस बंद में…
  • भाषा
    श्रीलंका में कर्फ्यू, प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफ़ा दिया
    09 May 2022
    श्रीलंकाई अधिकारियों द्वारा सोमवार को पूरे देश में कर्फ्यू लगाये जाने के बीच प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे ने इस्तीफा दे दिया।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी मस्जिद सर्वे: कोर्ट कमिश्नर बदलने के मामले में मंगलवार को फ़ैसला
    09 May 2022
    वाराणसी के सिविल जज (सीनियर डिविजन) रवि कुमार दिवाकर की अदालत ने कहा है कि सर्वे की टीम के कमिश्नर को बदलने की मांग वाली याचिका पर फ़ैसला मंगलवार को सुनाया जाएगा।
  • प्रभात पटनायक
    युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण
    09 May 2022
    दुनियाभर के गेहूं के कुल निर्यात में 30 फीसद हिस्सा रूस और यूक्रेन मिलकर मुहैया कराते हैं। विशेष रूप से अफ्रीका के अनेक देश उनकी खाद्यान्न आपूर्ति पर ही ज्यादातर निर्भर हैं।
  • असद रिज़वी
    यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन
    09 May 2022
    यूपी पुलिस पर नागरिक समाज का आरोप है कि वह अपराधियों से अधिक, पीड़ित और उसके परिवार पर खामोश रहने के लिए दबाव बना रही है। “धमकाना , वसूली, झूठे मुकदमों में फंसा देने की धमकी जैसे अब आम बात हो गई है।”
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License