NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
क्या पैरेडाइस पेपर्स का हाल भी पनामा , बिरला और सहारा पेपर्स की तरह होगा ?
ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई
पृथ्वीराज रूपावत
09 Nov 2017
paradise papers

हाल में पैराडाइज पेपर्स के जरिए भारतीयों द्वारा विदेशों में गुप्त लेनदेन के मामले में हुए खुलासे पर आखिर बीजेपी सरकार क्या करने जा रही है? बिरला भुगतान,सहारा भुगतान तथा पनामा पेपर्स के खुलासे के बाद इस सरकार के रूख से जाहिर होता है कि इस मामले में भी ज्यादा कुछ होने की उम्मीद नहीं है।

पैराडाइज पेपर्स के नाम से वित्तीय दस्तावेजों का बड़े पैमाने पर लीक कुछ बेहद अमीर व्यक्तियों और कंपनियों के वित्तीय मामलों का खुलासा करता है। ये मामला अब सार्वजनिक हो गया है। इसकी पड़ताल 94 मीडिया संगठनों के सहयोग से किया गया। दो कंपनियों यथा- बरमुडा एप्लबी तथा सिंगापुर की एशियाटिक से कथित लेनदेन में 714 भारतीयों के नाम शामिल हैं।180 देशों की सूची में भारत का 19 वां स्थान है।

जैसा कि टैक्स हेवन या गुप्त क्षेत्र कानूनी कर से बचाव की सुविधा के लिए जाना जाता है और बहुराष्ट्रीय कंपनियों का अपने देशों में कर कानूनों का फायदा उठाने में मदद करता है, ये पैराडाइज पेपर्स भारत में नियामक निकायों अर्थात केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदाशलय (ईडी) को विदेश में हुए लेनदेन की वैधता की जांच को सुगम बनाएंगे। अभी तक भाजपा के सांसद रवींद्र किशोर सिन्हा, नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा, कांग्रेस नेता सचिन पायलट,उद्योगपति विजय माल्या जैसे कुछ ऐसे ही नाम हैं जिनका नाम सूचीबद्ध है।

वर्ष 2014 में बीजेपी के सत्ता संभालने के बाद भ्रष्टाचार के मामले में हुए खुलासे में आखिर वास्तव में क्या हुआ है जिसे अवश्य देखा जाना चाहिए।

करीब अठारह महीने पहले अप्रैल 2016 में पनामा पेपर्स नाम से फाइनेंशियल सर्विसेज लॉ फर्म मोसैक फोन्सेका के दस्तावेजों के लीक में विश्व के विभिन्न देशों में करीब पांच सौ भारतीयों द्वारा संस्थाओं को स्थापित करने के मामले का खुलासा हुआ था। इस सूची में फिल्मी सितारों, राजनेताओं और कॉर्पोरेट दिग्गजों के नाम शामिल हैं। अमिताभ बच्चन, ऐश्वर्या राय बच्चन, डीएलएफ प्रमुख के पी सिंह, विनोद अदानी छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह के बेटे अभिषेक सिंह के नाम पनामा पेपर्स में सामने आए। इस स्कैंडल के बाद आइसलैंड के प्रधानमंत्री सिगमंडुर गुनलोग्सो तथा यूक्रेन के प्रधान मंत्री आर्सेनी यत्सेन्युक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया और हाल ही में एक पाकिस्तानी भ्रष्टाचार विरोधी अदालत ने प्रधानमंत्री नवाज शरीफ को भी इस भ्रष्टाचार के मामले में पद से हटा दिया, वहीं भारत में इसी मामले में स्थिति बेहद भिन्न है। यह जानकारी दी गई कि प्रवर्तन निदेशालय ने मई 2017 में 49 व्यक्तियों के खिलाफ जांच शुरू कर दी है। हालांकि इन नामों का ईडी द्वारा खुलासा नहीं किया गया।

वर्ष 2013 में आदित्य बिड़ला ग्रुप पर आईटी डिपार्टमेंट और सीबीआई द्वारा छापे मारे गए जहां से अघोषित भुगतानों के दस्तावेज मिले। कंपनी के एक अधिकारी द्वारा लिखित दस्तावेजों में से एक में "गुजरात के मुख्यमंत्री" को 25 करोड़ रुपए का भुगतान पाया गया।

इसी तरह नवंबर 2014 में सहारा समूह पर आईटी विभाग द्वारा छापे मारे गए। इस छापे में 137 करोड़ रुपए नकद मिले और इस दौरान पाए गए कई दस्तावेजों तथा स्प्रेडशीट में कथित तौर पर प्रमुख भाजपा और कांग्रेस नेताओं को किए गए भुगतान के बारे में जानकारी मिली। पाए गए स्प्रेडशीट्स में से एक में वर्ष 2013-14 में समूह द्वारा प्राप्त किए गए 115 करोड़ रुपए के बारे में विस्तृत विवरण था और इसी अवधि में 113 करोड़ रुपए बांटे गए थे। ये कथित भुगतान गुजरात के मुख्यमंत्री को 40 करोड़ रुपए, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को 10 करोड़ और दिल्ली के मुख्यमंत्री को 1 करोड़ रुपए दिए गए।

ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों के बावजूद इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।तो फिर क्या यही हाल पैराडाइज पेपर्स के साथ भी होगा?

 

paradise papers
panama papers
modi sarkar
BJP
Congress

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • भाषा
    भाजपा की दिल्ली इकाई के प्रवक्ता तेजिंदर बग्गा को पंजाब पुलिस ने गिरफ़्तार किया 
    06 May 2022
    बग्गा ने कुछ समय पहले 'द कश्मीर फाइल्स' फिल्म को लेकर केजरीवाल के खिलाफ ट्वीट कर उनकी आलोचना की थी, जिसके बाद से वह आम आदमी पार्टी (आप) के निशाने पर आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश के कई राज्यों में धीरे-धीरे पैर पसार रहा कोरोना
    06 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,545 नए मामले सामने आए हैं। देश में अब कोरोना संक्रमण के मामलों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 30 लाख 94 हज़ार 938 हो गयी है।
  • भाषा
    मेवानी की सज़ा पर कांग्रेस ने पूछा, क्या गुजरात में दलितों के मुद्दे उठाना अपराध है?
    06 May 2022
    कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने मेवानी की दोषसिद्धि और तीन महीने कैद की सज़ा की आलोचना करते हुए पूछा कि क्या गुजरात और भारत में दलितों के मुद्दों को उठाना, उनके अधिकारों के लिए लड़ना,…
  • एम. के. भद्रकुमार
    रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ
    06 May 2022
    रूस की नए बाज़ारों की खोज से भारत और चीन को सबसे अधिक लाभ होगा। 
  • international news
    न्यूज़क्लिक टीम
    अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमला, गर्भपात अधिकार छीनने की तैयारी, उधर Energy War में घिरी दुनिया
    05 May 2022
    पड़ताल दुनिया भर की में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने अमेरिका में महिलाओं के हक़ पर हमले, गर्भपात अधिकार को छीनने की तैयारी पर न्यूज़क्लिक के प्रधान संपादक प्रबीर पुरकायस्थ से बातचीत की। साथ ही, किस…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License