NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
नज़रिया
भारत
राजनीति
क्या प्रधानमंत्री मोदी के लिए चुनाव आयोग में कोई शाखा खुली है
आप सभी 18 अप्रैल के चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो देखिए। यह वीडियो आयोग के पतन का दस्तावेज़(document of decline) है।
रवीश कुमार
19 Apr 2019
election 2019

आप सभी 18 अप्रैल के चुनाव आयोग की प्रेस कांफ्रेंस का वीडियो देखिए। यह वीडियो आयोग के पतन का दस्तावेज़(document of decline) है। जिस वक्त आयोग का सूरज डूबता नज़र आ रहा था उसी वक्त एक आयुक्त के हाथ की उंगलियों में पन्ना और माणिक की अंगुठियां चमक रही थीं। दफ्तर में बैठा अचानक न्यूज़ एजेंसी के ज़रिए आ रहे लाइव फीड को देखने लगा था। सिर्फ दो सवालों के जवाब में आयुक्तों के जवाब और उनकी निगाहें देख लीजिए। प्रधानमंत्री के हेलिकाप्टर की तलाशी और बालाकोट के नाम पर वोट मांगने पर क्या कार्रवाई हुई है, इनके जवाब को सुनिए, आपको साफ हो जाएगा कि चुनाव आयोग का सूर्य धुंधला हो गया है।

पन्ना और माणिक से लैस एक आयुक्त की दोनों अंगुठियां आंखों में खटकने लगीं तो किसी को फोन करने लगा कि हरे रंग का पन्ना और हल्के लाल रंग का माणिक कब पहनते हैं। जवाब मिला कि बुद्धि और सूर्य कमज़ोर हो तो उसे प्रबल करने के लिए पहनते हैं। मैं सोच में पड़ गया कि यह व्यक्ति संविधान की प्रक्रियाओं से आयुक्त बना है या फिर ज्योतिष के संयोग से। अगर इसके करियर में सिर्फ ज्योतिष के संयोग का योगदान है तो हम उम्मीद क्यों कर रहे हैं कि आयुक्त जी संवैधानिक मर्यादाओं के लिए इतिहास में अपना नाम दर्ज कराना चाहते हैं।

9 अप्रैल को महाराष्ट्र के लातूर की चुनावी रैली में दिए गए प्रधानमंत्री मोदी के बयान पर आयोग अभी तक कोई एक्शन नहीं ले पाया है। उस रैली में प्रधानंत्री ने कहा था कि पहली बार वोट करने वाले मतदाता क्या आपना वोट पुलवामा के शहीदों और बालाकोट एयरस्ट्राइक में शामिल वीर जवानों को समर्पित नहीं कर सकते। इस बयान पर आयोग अभी तक कार्रवाई नहीं कर सका। महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी से जवाब मांगा था। पत्रकारों ने पूछा कि उस पर क्या कार्रवाई हुई तो जवाब मिला कि प्रधानमंत्री के भाषण का सिर्फ एक पैराग्राफ आया था। पूरे भाषण की प्रमाणिक कापी मांगी गई थी जो आ गई है। उसकी जांच की जा रही है।

स्कूल की आदतें जीवन भर नहीं छूटती हैं। होमवर्क नहीं करने पर होमवर्क काफी घर छूट गई है का जवाब चुनाव आयुक्त के जवाब में झलक रहा था। जिस वक्त आयुक्त गिना रहे थे कि इतने लाख शिकायतों का निपटारा कर दिया गया है, उसी वक्त इस बात का जवाब नहीं दे पा रहे थे कि प्रधानमंत्री के भाषण पर एक्शन लेने में 9 दिन क्यों लगे। जबकि सेना के इस्तमाल पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मुख़्तार अब्बास नक़वी को आयोग ने चेतावनी दे दी है। ज़ाहिर है सेना का इस्तमाल वैधानिक नहीं है तो फिर प्रधानमंत्री के मामले में क्या आयोग के पन्ना पुखराज पहनने वाले आयुक्तों को डर लग रहा है? अगर इतना ही डर लग रहा है तो वे मूंगा और नीलम भी पहन लें और अपने पद से इस्तीफा दे दें। इतना याद रखना चाहिए कि इतिहास पन्ने पलटता है। वे न सिर्फ इतिहास बल्कि अपने वर्तमान से मुख़ातिब हैं। अपने दोस्तों, परिवारों से मुख़ातिब हैं।

चुनाव आयोग ने ओडिशा के आब्ज़र्वर मोहम्मद मोहसिन को निलंबित कर दिया। प्रधानमंत्री मोदी के हेलिकाप्टर की तलाशी के कारण आयोग ने जिन नियमों का हवाला देते हुए निलंबित किया उनका कहीं कोई वजूद नज़र नहीं आता है। आयोग चुनाव ड्यूटी पर तैनात अफसरों को जो गाइडलाइन देता है उसी को उठाकर पढ़ ले और बता दे कि क्या उसमें कहीं लिखा है कि एस पी जी सुरक्षित व्यक्ति के हेलिकाप्टर की जांच नहीं करनी है। किस पन्ने पर लिखा है बता दे। ज़ाहिर है नहीं लिखा है। जब सवाल उठा तो आयोग को सारी बातों के साथ प्रेस कांफ्रेंस में आना चाहिए था मगर न तो इसका सीधा जवाब दे पाए कि किसकी शिकायत पर कार्रवाई की और न ही इसका कि किस नियम के तहत मोहम्मद मोहसिन को सस्पेंड किया। कभी कहा फील्ड अफसर कभी कहा डी ओ कभी कहा सी ई ओ, कभी कहा मजिस्ट्रेट। आप खुद भी वो वीडियो देखें जिसे मैंने प्राइम टाइम में दिखाया है, आपको चुनाव आयोग के पतन का चेहरा दिख जाएगा।

10 अप्रैल 2014 के आदेश का हवाला दिया जा रहा है। इस आदेश को आप भी पढ़ें। इसमें यह तो लिखा है कि एस पी जी सुरक्षित व्यक्ति सरकारी वाहनों का इस्तमाल नहीं कर सकता है मगर प्रधानमंत्री व अन्य राजनीतिक शख्सियतों को छूट है कि वे सरकारी वाहनों का इस्तमाल कर सकते हैं. क्योंकि इन्हें आतंकी और चरमपंथी गतिविधियों से ख़तरा होता है और उच्च स्तरीय सुरक्षा की ज़रूरत होती है. जिनकी सुरक्षा संसद या विधानसभा के बनाए संवैधानिक प्रावधानों से होती है.

लेकिन इस आदेश में यह कहीं नहीं लिखा है कि चुनाव अधिकारी उनके हेलिकाप्टर की तलाशी नहीं ले सकता है। यह ज़रूर लिखा है कि “अगर कभी इस बात को लेकर ज़रा भी संदेह हो कि एसपीजी एक्ट या अन्य विशेष प्रावधानों के तहत अथॉरिटी ने सुरक्षा का मूल्यांकन बढ़ा चढ़ा कर इस तरह से किया है कि उन वाहनों से किसी पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में चुनावी हितों को प्रभावित किया जा सके तो आयोग इस मामले को संबंधित सरकार की नज़र में लाएगा ताकि उचित कदम उठाया जा सके।”

यानी हेलिकाप्टर की तलाशी ली जा सकती है तभी तो आप देख पाएंगे कि हेलिकाप्टर का इस्तमाल चुनाव को प्रभावित करने के लिए हो रहा है या नहीं। ज़ाहिर है मोहम्मद मोहसिन ने ठीक काम किया था। प्रधानमंत्री रहते हुए मनमोहन सिंह के वाहन की भी तलाशी ली गई थी। यही नहीं जब पत्रकारों ने पूछा कि किस आदेश के तहत सस्पेंड किया गया है उनकी कापी चाहिए तो आयुक्त जी जवाब दे रहे थे कि हम चेक करेंगे। हम पता करेंगे। उन्होंने यह भी कहा कि एक अफसर जांच कर रहा है तो क्या जांच से पहले मोहम्मद मोहसिन को निलंबित करना चाहिए था?

14 जुलाई 1999 का एक और आदेश है। चुनाव आयोग ने इसमें कहीं नहीं लिखा है कि तलाशी से किसी सरकारी विमान या हेलिकाप्टर को छूट दी गई है। 10 अप्रैल 2014 के आदेश में भी यह बात नहीं है कि प्रधानमंत्री के हेलिकाप्टर की तलाशी नहीं ली जा सकती। चुनाव ड्यूटी पर तैनात अफसरों को जो किताब दी जाती है उसमें भी नहीं लिखा है।

चुनाव आयोग ने अपने बचाव में 22 मार्च 2019 के आदेश का हवाला दिया है जिसे हमारे सहयोगी अरविंद गुनाशेखर ने पढ़ा है और अपनी रिपोर्ट में दिखाया भी है। यह आदेश कमर्शियल एयरपोर्ट पर उन लोगों की जांच नहीं होगी जिन्हें एस पी जी सुरक्षा के कारण छूट मिली है। मगर प्रधानमंत्री के हेलिकाप्टर की तलाशी ओडिशा के संबलपुर में हुई जहां कोई एयरपोर्ट ही नहीं है।

प्रधानमंत्री के कारण चुनाव आयोग हर दिन अपना भरोसा खो रहा है। राज्यपाल कल्याण सिंह के ख़िलाफ़ कार्रवाई की सिफ़ारिश राष्ट्रपति को भेज कर निश्चिंत हो गया है। राष्ट्रपति ने भी अभी तक कोई एक्शन नहीं लिया है। 2019 के चुनाव में संस्थाओं की हर मंज़िल ढहती नज़र आ रही है। जनता को नहीं दिखता तो क्या ज्योतिष लोगों से ही कहा जाए कि वे आयोग के अधिकारियों को हर तरह के रत्न पहना दें ताकि वे अपना संवैधानिक काम कर सकें। क्या कोई ऐसी अंगूठी है जिसे पहन कर चुनाव आयुक्त की उंगलियां सुंदर भी लगें और वे निर्भय और निष्पक्ष होकर संवैधानिक काम कर सकें। अगर यह नहीं हो सकता है तो एक और काम कीजिए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए अलग से चुनाव आयोग खोल दीजिए जिसका दफ्तर उनके मोबाइल फोन में हो। जय हिन्द।

रवीश कुमार की फ़ेसबुक वॉल से साभार I

ECI
BJP
Narendra modi
PMO
2019 आम चुनाव
General elections2019

Related Stories

PM की इतनी बेअदबी क्यों कर रहे हैं CM? आख़िर कौन है ज़िम्मेदार?

ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक

ख़बरों के आगे-पीछे: केजरीवाल के ‘गुजरात प्लान’ से लेकर रिजर्व बैंक तक

यूपी में संघ-भाजपा की बदलती रणनीति : लोकतांत्रिक ताकतों की बढ़ती चुनौती

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

ख़बरों के आगे-पीछे: क्या अब दोबारा आ गया है LIC बेचने का वक्त?

ख़बरों के आगे-पीछे: भाजपा में नंबर दो की लड़ाई से लेकर दिल्ली के सरकारी बंगलों की राजनीति

बहस: क्यों यादवों को मुसलमानों के पक्ष में डटा रहना चाहिए!

ख़बरों के आगे-पीछे: गुजरात में मोदी के चुनावी प्रचार से लेकर यूपी में मायावती-भाजपा की दोस्ती पर..


बाकी खबरें

  • अजय कुमार
    महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां
    26 May 2022
    विश्व आर्थिक मंच पर पेश की गई ऑक्सफोर्ड इंटरनेशनल रिपोर्ट के मुताबिक महामारी के दौर में फूड फ़ार्मा ऑयल और टेक्नोलॉजी कंपनियों ने जमकर कमाई की।
  • परमजीत सिंह जज
    ‘आप’ के मंत्री को बर्ख़ास्त करने से पंजाब में मचा हड़कंप
    26 May 2022
    पंजाब सरकार के सामने सबसे बड़ी चुनौती पंजाब की गिरती अर्थव्यवस्था को फिर से खड़ा करना है, और भ्रष्टाचार की बड़ी मछलियों को पकड़ना अभी बाक़ी है, लेकिन पार्टी के ताज़ा क़दम ने सनसनी मचा दी है।
  • virus
    न्यूज़क्लिक टीम
    क्या मंकी पॉक्स का इलाज संभव है?
    25 May 2022
    अफ्रीका के बाद यूरोपीय देशों में इन दिनों मंकी पॉक्स का फैलना जारी है, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया में मामले मिलने के बाद कई देशों की सरकार अलर्ट हो गई है। वहीं भारत की सरकार ने भी सख्ती बरतनी शुरु कर दी है…
  • भाषा
    आतंकवाद के वित्तपोषण मामले में कश्मीर के अलगाववादी नेता यासीन मलिक को उम्रक़ैद
    25 May 2022
    विशेष न्यायाधीश प्रवीण सिंह ने गैर-कानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) और भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) के तहत विभिन्न अपराधों के लिए अलग-अलग अवधि की सजा सुनाईं। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    "हसदेव अरण्य स्थानीय मुद्दा नहीं, बल्कि आदिवासियों के अस्तित्व का सवाल"
    25 May 2022
    हसदेव अरण्य के आदिवासी अपने जंगल, जीवन, आजीविका और पहचान को बचाने के लिए एक दशक से कर रहे हैं सघंर्ष, दिल्ली में हुई प्रेस वार्ता।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License