NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
केरल: एचएलएल के निजीकरण के ख़िलाफ़ युवाओं की रैली
रैली को संबोधित करते हुए डीवाईएफ़आई के राष्ट्रीय अध्यक्ष एए रहीम ने कहा कि एचएलएल जैसे सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के निजीकरण से युवाओं को रोजगार की संभावनाओं में अड़चनों का सामना करना पड़ेगा और यह आरक्षण की व्यवस्था को पंगु बना देगा, जो समाज के कमजोर तबकों को सार्वजनिक क्षेत्र में नौकरियां प्रदान कराने के लिए भरोसा देता है।
अभिवाद
25 Mar 2022
kerala

तिरुवनंतपुरम: मंगलवार को 1,500 से अधिक की संख्या में युवाओं ने हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड (एचएलएल) तिरुवनंतपुरम में एक रैली निकाली, जिसमें केंद्र सरकार से इस केन्द्रीय सार्वजनिक उपक्रम को निजी हाथों में सौंपने के अपने फैसले को वापस लेने की मांग की गई। डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ़ इंडिया (डीवाईएफआई) के द्वारा आयोजित इस ‘लॉन्ग मार्च’ को पूजाप्पुरा में स्थित एचएलएल के मुख्यालय से शुरू करते हुए राज्य की राजधानी से होते हुए पेरूरकडा की उत्पादन ईकाई तक निकालने में 12 किमी की दूरी तय की। 

रैली को संबोधित करते हुए, डीवाईएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष और अप्रैल में आगामी राज्य सभा के लिए होने वाली रिक्तियों के लिए वामपंथी उम्मीदवार, एए रहीम ने कहा कि केंद्र सरकार की विनिवेश को लेकर हड़बड़ी युवाओं के लिए एक गंभीर खतरा बन गई है। उन्होंने आगे कहा कि एचएलएल जैसे सार्वजनिक उपक्रमों के निजीकरण से युवाओं के लिए रोजगार की संभावनाएं बाधित हो जायेंगी और यह आरक्षण व्यवस्था को पंगु बना देगा, जो समाज के कमजोर वर्गों को सार्वजनिक क्षेत्र की नौकरियों के लिए आश्वासन प्रदान करता है।

चित्र साभार: देशाभिमानी 

केरल सरकार, ट्रेड यूनियनों और आम जनता के कड़े विरोध के बावजूद जहाँ एचएलएल के विनिवेश के काम को आगे बढ़ाया जा रहा है, वहीँ इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य को खुली निविदा में हिस्सा लेने और इसे राज्य के सार्वजनिक उपक्रम के तौर पर बनाये रखने के विकल्प से भी मरहूम कर दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम लिखे एक पत्र में, केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने केंद्र के इस कदम को ‘सहकारी संघवाद के सिद्धांत के विपरीत’ करार दिया है।

इससे पहले, राज्य सरकार ने केंद्र से एचएलएल के विनिवेश के अपने फैसले को वापस लेने का अनुरोध किया था। जब केंद्र सरकार ने राज्य सरकार के विरोध के बावजूद इस मामले में आगे की कार्यवाई करने का फैसला लिया तो केरल ने खुली निविदा में भाग लेने में अपनी रूचि व्यक्त की। लेकिन केंद्र की ओर से इस बारे में प्रतिक्रिया आशाजनक नहीं रही है। निवेश एवं सार्वजिक संपत्ति प्रबंधन विभाग ने प्रारंभिक सूचना ज्ञापन एवं रूचि की अभिव्यक्ति के अनुसरण में सरकार/सरकारी सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के लिए रणनीतिक विनिवेश प्रकिया में भाग लेने की संभावना को ही ख़ारिज कर दिया है। 

पीएम के नाम लिखे अपने पत्र में सीएम विजयन ने इस बात की ओर ध्यान दिलाया कि राज्य सरकार के पास ऐसे मामलों में अपने दम पर फैसला लेने के लिए संविधान प्रदत्त अधिकार हासिल हैं। उन्होंने लिखा कि यह कहीं पर भी निर्दिष्ट नहीं किया गया है कि राज्य सरकार/ राज्य सार्वजनिक उपक्रम एचएलएल की निविदा प्रक्रिया में हिस्सा लेने के लिए पात्र नहीं हैं। विजयन ने पीएम से यह भी ध्यान में रखने का आग्रह किया कि राज्य सरकार के द्वारा ही एचएलएल की भू-संपत्ति का अधिग्रहण किया गया था और एक विशिष्ट परियोजना को स्थापित करने के लिए राज्य द्वारा इसे केंद्र को सौंपा गया था। केंद्र को लिखे अपने पत्र में सीएम विजयन ने लिखा है कि, इसलिए केरल में हिंदुस्तान लाइफकेयर लिमिटेड की भूमि एवं संपत्ति को रखने का ‘पहला हक’ राज्य सरकार को दिया जाना चाहिए। 

राज्य सभा में भी इस मुद्दे को सांसद जॉन ब्रिटास के द्वारा उठाया गया था। पत्रकार से माकपा सांसद बने ब्रिटास ने मांग की कि राज्य को पारस्परिक तौर पर सहमत शर्तों के आधार पर एचएलएल को अधिग्रहित करने की अनुमति दी जानी चाहिए। ब्रिटास ने कहा कि स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत एचएलएल ही ऐसा एकमात्र सार्वजनिक क्षेत्र का उपक्रम है जिसने कोविड-19 महामारी से लड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

उन्होंने कहा, “यह इसे सार्वजनिक क्षेत्र में बनाये रखने की जरूरत को दर्शाता है क्योंकि सरकार को स्वास्थ्य संबंधी मामलों में समय-असमय इस प्रकार के सहारे की जरूरत पड़ती रहती है। इसी के साथ यह भी गौरतलब है कि एचएलएल लाइफकेयर पिछले तीन वर्षों से मुनाफा कमा रही है और यह कि केरल सरकार ने बेहद प्राइम लोकेशन पर करीब 19 एकड़ जमीन मुफ्त में सौंपकर एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। राज्य में एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड की ईकाइयों को स्थापित करने के लिए अब इससे कई सौ करोड़ रूपये अर्जित किये जा सकते हैं।”

चित्र साभार: देशाभिमानी 

स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के तहत, हिंदुस्तान लेटेक्स लिमिटेड की स्थापना 1969 में राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम की जरूरतों को पूरा करने के लिए सस्ती दरों पर प्राकृतिक रबर लेटेक्स कंडोम के निर्माण के लिए की गई थी। राज्य में प्रचुर मात्रा में रबड़ की उपलब्धता को देखते हुए, केरल के राजधानी शहर के पेरूकडा में इसकी पहली उत्पदान इकाई को स्थापित किया गया था। राज्य सरकार ने इस परियोजना के लिए भूमि अधिग्रहण कर इसे केंद्र सरकार को सौंप दिया था।

बाद में, पीएसयू ने अपने परिचालन को विभिन्न स्वास्थ्य उत्पादों एवं सेवाओं तक विस्तारित कर लिया। बाद के दौर में कंपनी ने अपना नाम बदलकर हिंदुस्तान लाइफकेयर कर लिया था। 2009 से अब इसके पास सात उत्पादन ईकाइयां हैं, जिनमें से चार केरल में हैं। उच्च गुणवत्ता वाले अस्पताल के उत्पादों, दवाइयों, आयुर्वेदिक, टीकों, व्यक्तिगत स्वच्छता के उत्पादों और नैदानिक किट इत्यादि के उत्पादन में अपनी प्रतिष्ठा को स्थापित करने के साथ एचएलएल प्रमुख स्वास्थ्य संकटों के समय भरोसेमंद सरकारी उद्यमों में से एक तौर पर उभरी है। इसके साथ-साथ कंपनी हिन्दलैब्स, लाइफ स्प्रिंग मैटरनिटी एंड चाइल्डकेयर हॉस्पिटल और गोवा एंटीबायोटिक्स एंड फर्मास्यूटिकल्स लिमिटेड (जीएपीएल) सहित सात सहायक कंपनियों का भी संचालन करती है।

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Kerala: Youths Rally Against HLL Privatisation, Uphold State’s First Right to Bid

Hindustan Lifecare Limited
DYFI
AA Rahim
PSU
Ministry of Health & Family Welfare
Hindustan Latex Limited
Pinarayi Vijayan
National Family Planning Program
Government of Kerala
federalism

Related Stories

केरल उप-चुनाव: एलडीएफ़ की नज़र 100वीं सीट पर, यूडीएफ़ के लिए चुनौती 

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

केरल: RSS और PFI की दुश्मनी के चलते पिछले 6 महीने में 5 लोगों ने गंवाई जान

अदालत ने ईसाई महिला, डीवाईएफआई के मुस्लिम नेता के अंतरधार्मिक विवाह में हस्तक्षेप से किया इनकार

सांप्रदायिक ताकतों से लड़ने के लिए आंबेडकर के संघर्षों से प्रेरणा लें : विजयन

सीपीआईएम पार्टी कांग्रेस में स्टालिन ने कहा, 'एंटी फ़ेडरल दृष्टिकोण का विरोध करने के लिए दक्षिणी राज्यों का साथ आना ज़रूरी'

सीताराम येचुरी फिर से चुने गए माकपा के महासचिव

केजरीवाल का पाखंड: अनुच्छेद 370 हटाए जाने का समर्थन किया, अब एमसीडी चुनाव पर हायतौबा मचा रहे हैं

नोएडा : प्राइवेट कोचिंग सेंटर पर ठगी का आरोप, सीटू-डीवाईएफ़आई ने किया प्रदर्शन

केरल : वीज़िंजम में 320 मछुआरे परिवारों का पुनर्वास किया गया


बाकी खबरें

  • लव पुरी
    क्या यही समय है असली कश्मीर फाइल को सबके सामने लाने का?
    04 Apr 2022
    कश्मीर के संदर्भ से जुडी हुई कई बारीकियों को समझना पिछले तीस वर्षों की उथल-पुथल को समझने का सही तरीका है।
  • लाल बहादुर सिंह
    मुद्दा: क्या विपक्ष सत्तारूढ़ दल का वैचारिक-राजनीतिक पर्दाफ़ाश करते हुए काउंटर नैरेटिव खड़ा कर पाएगा
    04 Apr 2022
    आज यक्ष-प्रश्न यही है कि विधानसभा चुनाव में उभरी अपनी कमजोरियों से उबरते हुए क्या विपक्ष जनता की बेहतरी और बदलाव की आकांक्षा को स्वर दे पाएगा और अगले राउंड में बाजी पलट पायेगा?
  • अनिल अंशुमन
    बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध
    04 Apr 2022
    भाकपा माले विधायकों को सदन से मार्शल आउट कराये जाने तथा राज्य में गिरती कानून व्यवस्था और बढ़ते अपराधों के विरोध में 3 अप्रैल को माले ने राज्यव्यापी प्रतिवाद अभियान चलाया
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में एक हज़ार से भी कम नए मामले, 13 मरीज़ों की मौत
    04 Apr 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या घटकर 0.03 फ़ीसदी यानी 12 हज़ार 597 हो गयी है।
  • भाषा
    श्रीलंका के कैबिनेट मंत्रियों ने तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दिया
    04 Apr 2022
    राजनीतिक विशेषज्ञों ने कहा कि विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट से सरकार द्वारा कथित रूप से ‘‘गलत तरीके से निपटे जाने’’ को लेकर मंत्रियों पर जनता का भारी दबाव था।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License