NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
सोशल मीडिया
भारत
राजनीति
‘‘खाने का कोई धर्म नहीं होता है, खाना खुद ही एक धर्म है’’  
जोमैटो ने ग्राहक की धार्मिक कट्टरता के आगे झुकने से किया इनकार। सोशल मीडिया पर तारीफ़

 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
31 Jul 2019
zomato india
फोटो साभार: India Today

दिल्ली : भोजन आपूर्ति करने वाली कंपनी जोमैटो ने अपने एक ग्राहक के धार्मिक भेदभाव वाले रवैए का जिस तरह से मुकाबला किया है उसको सोशल मीडिया पर खूब समर्थन मिल रहा है।

कंपनी ने अपने नेटवर्क पर भोजन पैकेट पहुंचाने वाले एक लड़के के धर्म को लेकर ग्राहक की शिकायत को सुनने से इनकार कर दिया। कंपनी के पक्ष में खड़े लोगों में जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला और पूर्व मुख्य निर्वाचन आयुक्त एस वाई कुरैशी जैसी हस्तियों के भी नाम हैं।

मध्य प्रदेश के जबलपुर के रहने वाले अमित शुक्ला ने जोमैटो से खाना मंगाया। जब शुक्ला ने देखा कि खाना पहुंचाने आया मुस्लिम है,तो उसने जोमैटो से अलग डिलिवरी ब्वॉय भेजने को कहा।

शुक्ला ने मंगलवार की रात ट्वीट किया, ‘‘अभी-अभी मैंने जोमैटो से एक ऑर्डर रद्द किया। उन्होंने मेरा खाना गैर-हिन्दू व्यक्ति के हाथ भेजा और कहा कि वे इसे न तो बदल सकते हैं और न ही आर्डर रद्द करने पर पैसा वापस कर सकते हैं। मैंने कहा कि आप मुझे खाना लेने के लिये बाध्य नहीं कर सकते हैं। मुझे पैसा वापस नहीं चाहिये, बस ऑर्डर रद्द करो।’’

उसने जोमैटो के कस्टमर केयर से की गयी बातचीत का स्क्रीनशॉट भी लगाया और कहा कि वह अपने वकील से इस बारे में परामर्श करेगा।

जोमैटो ने इस ट्वीट के जवाब में लिखा, ‘‘खाने का कोई धर्म नहीं होता है। खाना खुद ही एक धर्म है।’’

 

Customer cancels Zomato order over a non hindu rider delivering food to him. Zomato wins the heart of people by giving an epic reply to the man.#Zomato #ZomatoIndia pic.twitter.com/hBBjty6BdI

— Story Of The Hour (@StoryOfTheHour) July 31, 2019

कंपनी इस रुख पर टिकी रही और डिलिवरी ब्वॉय बदलने से मना कर दिया।

जोमैटो के संस्थापक दीपेंद्र गोयल ने भी ट्वीट किया, ‘‘हमें भारत के विचार और अपने शानदार उपभोक्ताओं एवं भागीदारों की विविधता पर गौरव है। अपने मूल्यों के कारण यदि हमारे कारोबार को कुछ नुकसान भी होता है तो हमें उसका अफसोस नहीं।’’

उमर अब्दुल्ला ने जोमैटो की तारीफ करते हुए लिखा, ‘‘सम्मान। मुझे आपका एप पसंद है। धन्यवाद जो आप लोगों ने इस एप का संचालन करने वाली कंपनी को पसंद करने का कारण दिया।’’

एस.वाई.कुरैशी ने भी लिखा, ‘‘सलाम दीपेंद्र गोयल। आप भारत की वास्तविक तस्वीर हैं। हमें आपके ऊपर गर्व है।’’

सूत्रों के अनुसार, गोयल ने कंपनी के सिद्धांतों और मूल्यों पर टिके रहने के लिये संबंधित टीम की सराहना की।

 

आपको बता दें कि पिछले साल 2018 में ऐसा ही एक मामला कैब प्रोवाइडर कंपनी ओला के साथ पेश आया था। अभिषेक मिश्रा नामक एक यूजर ने ओला कैब को इसलिए कैंसल कर दिया था क्योंकि कैब का ड्राइवर मुस्लिम समुदाय से था। इसके बाद अभिषेक ने कैंसल की गई कैब से जुड़ा स्क्रीनशॉट ट्विटर पर डालते हुए लिखा था कि वह अपने पैसे 'जिहादियों' को नहीं देना चाहते।’ अभिषेक का ट्वीट वायरल होने के बाद ओला ने जवाब देते हुए लिखा था, 'हमारे देश की तरह ओला भी एक सेक्युलर प्लैटफॉर्म है। हम अपने ड्राइवर्स और कस्टमर्स में जाति, धर्म, लिंग या पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करते हैं। हम अपने सभी ग्राहकों और ड्राइवर्स से आग्रह करते हैं कि वे एक-दूसरे से सम्मान के साथ व्यवहार करें।'

इसके अलावा भी इस बीच ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं। देखने में आ रहा है कि पिछले कुछ समय से समाज में कट्टरता बेहद बढ़ती जा रही है और धर्म-जाति के नाम पर राजनीति और तेज़ हो गई है और इस सबका ही नतीजा है कि हालात पसंद-नापसंद से आगे बढ़कर मॉब लिंचिंग तक पहुंच गए हैं।

(भाषा के इनपुट के साथ)

zomato india
Communalism
Hindutva
right wing politics

Related Stories

सांप्रदायिक घटनाओं में हालिया उछाल के पीछे कौन?

कोरोना वायरस : राजस्थान के कोटा में घरों के अंदर थूकने वाली घटना को ग़लत सांप्रदायिक रंग दिया गया

झारखंड : छात्रा का विवादित कमेंट, कोर्ट की सज़ा और हिन्दू संगठनों की चेतावनी!  

चाँदनी चौक : अमनपसंद अवाम ने सांप्रदायिक तत्वों के मंसूबे नाकाम किए


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License