NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
खरीफ फसलों के लिए एमएसपी बढ़ी, लेकिन लागत के डेढ़ गुने वायदे से कम
एनआईटीआई के उपाध्यक्ष राजीव कुमार ने कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशें नीति कार्यान्वयन के लिए "अव्यवहारिक" थीं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
05 Jul 2018
Translated by महेश कुमार
farmers

 

4 जुलाई को केंद्रीय मंत्रिमंडल ने इस साल विभिन्न खरीफ फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) बढ़ाने के लिए बजट 2018 के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। सरकार ने पहले फसलों के एमएसपी को उत्पादन लागत के ढाई गुना बढ़ाने का वायदा किया था, लेकिन एमएसपी की गणना में इस्तेमाल किया गया फॉर्मूला एमएस स्वामीनाथन आयोग या किसानों के राष्ट्रीय आयोग द्वारा प्रदान किए गए फोर्मुले के अनुरूप नहीं था या माँग के रूप में खेती समुदायों के अनुरुप नहीं था।

2006 में सरकार को जमा की गयी आयोग की रिपोर्ट ने सिफारिश की थी कि एमएसपी किसानों की लागत और उस पर कम से कम 50 प्रतिशत लाभ होना चाहिए। सी 2 के रूप में दर्शाए गए लागत में पेड आउट लागत (ए 2), पारिवारिक श्रम (एफएल) के मूल्यवान मूल्य, स्वामित्व वाली पूँजीगत संपत्ति के मूल्य पर ब्याज़, लीज्ड-इन भूमि के लिए भुगतान किया गया किराया और स्वामित्व का किराये का मूल्य शामिल है। इसके विपरीत, सरकार के सूत्र का उपयोग लागत की गणना करने के लिए किया जाता है जो केवल ए 2 और एफएल के योग को मानता है।

यही कि, एमएसपी की गणना सी 2+50 [प्रतिशत लाभ के रूप में करने के बजाय, सरकार ने एमएसपी (ए 2 + एफएल) + 50 प्रतिशत क़ो एक दशक से अधिक समय तक उपयोग किया, कृषि समुदाय देश भर में इस त्रुटि के विरुद्ध आंदोलन करता रहा है और सरकार से एमएसपी आधारित + सी 2 फॉर्मूला की माँग करता रहा है। हालांकि, लोगों की माँग को खारिज करने का सरकारी कदम आश्चर्यचकित नहीं था क्योंकि इसका थिंक टैंक – नीति आयोग - कई बार सी 2 फॉर्मूला का विरोध कर चुका है। उदाहरण के लिए इस साल फरवरी में, एनआईटीआई आयोग के सदस्य रमेश चंद ने सुझाव दिया कि सरकार सी 2 लागत का उपयोग नहीं करेगी क्योंकि इसमें भूमि का किराया या मूल्य शामिल है। रमेश चंद ने इकोनॉमिक टाइम्स को बताया: "मेरे विचार में, सरकार एमएसपी के विचार के लिए 50 प्रतिशत का मार्जिन देने के लिए ए 2 प्लस एफएल लेगी। इसके लिए तर्क यह है कि सी 2 में शामिल भूमि का किराये का मूल्य 88 प्रतिशत  किसानों द्वारा नहीं किया जाता है। "हाल ही में, एनआईटीआई के उपाध्यक्ष राजीव कुमार इससे भी आगे बढ़कर कहा कि स्वामीनाथन आयोग की सिफारिश नीति कार्यान्वयन के लिए "अव्यवहारिक है "।

एमएसपी की गणना में स्वामित्व वाली पूँजीगत संपत्ति के मूल्य पर किराये मूल्य या ब्याज का बहिष्कार छोटे, सीमांत और किरायेदार किसानों के हिस्से पर प्रत्यक्ष भेदभाव है जो देश के कुल किसानों में से 86 प्रतिशत से अधिक का गठन करते हैं। टिप्पणीकारों ने ए 2 प्लस एफएल फॉर्मूला की आलोचना की है, यह अनुमान लगाते हुए कि किसानों को फसलों की खेती करने के लिए प्रेरित किया जाएगा जहां सी 2 लागत वसूल नहीं की जाएगी।

रिपोर्ट के अनुसार, धान के लिए एमएसपी 250 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ायी गयी है।

कपास (मध्यम दर्जा) की एमएसपी 4,020 रुपये से 5,150 रुपये कर दी गयी है।

दालों में, तूर की एमएसपी 4.13 प्रतिशत यानि 5,450 रुपये से बढ़कर 5,675 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी, मूंग  25.11 कि बढ़त के साथ 5,575 रुपये से बढ़कर 6,575 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है और इउड़द की एमएसपी 3.7 प्रतिशत बढ़ी जो 5,400 रुपये से बढ़कर 5,600 रुपये प्रति क्विंटल हो गयी है।

farmers
MSP
minimum support price
kharif crop
farmer crises

Related Stories

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना

अगर फ़्लाइट, कैब और ट्रेन का किराया डायनामिक हो सकता है, तो फिर खेती की एमएसपी डायनामिक क्यों नहीं हो सकती?

किसानों, स्थानीय लोगों ने डीएमके पर कावेरी डेल्टा में अवैध रेत खनन की अनदेखी करने का लगाया आरोप

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

आख़िर किसानों की जायज़ मांगों के आगे झुकी शिवराज सरकार

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

सार्वजनिक संपदा को बचाने के लिए पूर्वांचल में दूसरे दिन भी सड़क पर उतरे श्रमिक और बैंक-बीमा कर्मचारी


बाकी खबरें

  • अफ़ज़ल इमाम
    पीके से कांग्रेस की डील क्यों हुई फ़ेल?
    30 Apr 2022
    दिलचस्प बात यह है पीके से कांग्रेस की बातचीत टूटने को लेकर गोदी मीडिया में काफ़ी हायतौबा मची हुई है। यह बताने की कोशिश की जा रही है कि कांग्रेस ने पीके को अपने साथ न लेकर बहुत बड़ी ग़लती कर दी है।
  • भरत डोगरा
    क्यों आर्थिक विकास योजनाओं के बजट में कटौती कर रही है केंद्र सरकार, किस पर पड़ेगा असर? 
    30 Apr 2022
    योजनाबद्ध आर्थिक विकास के बजट में कटौती जारी है क्योंकि अर्थव्यवस्था और समाज के लिए मौजूद दीर्घकालिक लक्ष्यों को अभी के लिए मुल्तवी कर दिया गया है।
  • अनिल जैन
    उमर खालिद पर क्यों आग बबूला हो रही है अदालत?
    30 Apr 2022
    अमरावती के जिस कार्यक्रम में उमर खालिद का भाषण हुआ था, वहां उनका परिचय एक इन्कलाबी और क्रांतिकारी खयालों वाले छात्र नेता के रूप में दिया गया था। उच्च अदालत ने इन दोनों शब्दों (इन्कलाबी और क्रांतिकारी…
  • सीमा शर्मा
    ‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान
    30 Apr 2022
    जलवायु वैज्ञानिकों की ओर से किये जा रहे एक ताज़े विश्लेषण में गर्मी की लहरों को जलवायु परिवर्तन से सीधे तौर पर जोड़कर देखा जा रहा है, जबकि इससे यह संकेत मिल रहा है कि जलवायु परिवर्तन ने भारत में…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में लगातार तीसरे दिन कोरोना के 3 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 
    30 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,688 नए मामले सामने आए हैं | इसमें 43 फ़ीसदी से ज़्यादा यानी 1,607 मामले अकेले दिल्ली से सामने आए हैं | 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License