NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
खतरनाकः BHU अस्पताल में बेहोशी के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल, BJP विधायक के पिता की कंपनी करती थी सप्लाई
इलाज में इस गैस के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
सबरंग इंडिया
05 Oct 2017
BHU hospital

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्राओं के खिलाफ किए गए कार्रवाई के बाद एक फिर सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय के एक अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था। इलाज में इस गैस के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। जिस कंपनी द्वारा गैस का सप्लाई किया जाता था उस कंपनी के डायरेक्टर बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता हैं।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र तथा उत्त प्रदेश सरकार की संयुक्त जांच दल बीएचयू के अस्पताल में तीन दिन के भीतर समान्य से ज्यादा मौतों की जांच में इंडस्ट्रियल गैस के इस्तेमाल की बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 6 जून से 8जून के बीच बीएचयू के अस्पताल में कम से कम 14 लोगों की मौत हुई जो अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती हुए थे। इन मरीजों की मौत के बाद ही अदालत ने मामले की जांच का आदेश दिया।

अखबार के अनुसार उसके पास मौजूद जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-चिकित्सकीय नाइट्रस आक्साइड का इस्तेमाल अस्पताल में किया जा रहा था। ये गैस उस श्रेणी में नहीं है जिनका इस्तेमाल चिकित्सा के लिए किया जाता है। इस रिपोर्ट के उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है।

साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अस्पताल में गैस की आपूर्ति करने वाली इलाहाबाद की प्राइवेट कंपनी परेरहट इंडस्ट्रियल एंटरप्राइजेज के पास मेडिकल गैस बनाने या बेचने का लाइसेंस नहीं है। कंपनी के डायरेक्टर अशोक कुमार बाजपेयी इलाहाबाद से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता हैं। उनके पास कंपनी के 1.21 करोड़ रुपये के शेयर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद के असिस्टेंट ड्रग इंस्पेक्टर केजी गुप्ता ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि इलाहाबाद के नैनी स्थित कंपनी को उत्तर प्रदेेश फूड सेफ्टी विभाग ने कंपनी की तरफ से किसी भी प्रकार का गैस उत्पादन करने कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी ने भी माना है कि उनकी कंपनी के पास गैस बनाने और बेचने का किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं। 

Courtesy: सबरंग इंडिया,
Original published date:
05 Oct 2017

बाकी खबरें

  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते
    29 May 2022
    उधर अमरीका में और इधर भारत में भी ऐसी घटनाएं होने का और बार बार होने का कारण एक ही है। वही कि लोगों का सिर फिरा दिया गया है। सिर फिरा दिया जाता है और फिर एक रंग, एक वर्ण या एक धर्म अपने को दूसरे से…
  • प्रेम कुमार
    बच्चे नहीं, शिक्षकों का मूल्यांकन करें तो पता चलेगा शिक्षा का स्तर
    29 May 2022
    शिक्षाविदों का यह भी मानना है कि आज शिक्षक और छात्र दोनों दबाव में हैं। दोनों पर पढ़ाने और पढ़ने का दबाव है। ऐसे में ज्ञान हासिल करने का मूल लक्ष्य भटकता नज़र आ रहा है और केवल अंक जुटाने की होड़ दिख…
  • राज कुमार
    कैसे पता लगाएं वेबसाइट भरोसेमंद है या फ़र्ज़ी?
    29 May 2022
    आप दिनभर अलग-अलग ज़रूरतों के लिए अनेक वेबसाइट पर जाते होंगे। ऐसे में सवाल उठता है कि कैसे पता लगाएं कि वेबसाइट भरोसेमंद है या नहीं। यहां हम आपको कुछ तरीके बता रहें हैं जो इस मामले में आपकी मदद कर…
  • सोनिया यादव
    फ़िल्म: एक भारतीयता की पहचान वाले तथाकथित पैमानों पर ज़रूरी सवाल उठाती 'अनेक' 
    29 May 2022
    डायरेक्टर अनुभव सिन्हा और एक्टर आयुष्मान खुराना की लेटेस्ट फिल्म अनेक आज की राजनीति पर सवाल करने के साथ ही नॉर्थ ईस्ट क्षेत्र के राजनीतिक संघर्ष और भारतीय होने के बावजूद ‘’भारतीय नहीं होने’’ के संकट…
  • राजेश कुमार
    किताब: यह कविता को बचाने का वक़्त है
    29 May 2022
    अजय सिंह की सारी कविताएं एक अलग मिज़ाज की हैं। फॉर्म से लेकर कंटेंट के स्तर पर कविता की पारंपरिक ज़मीन को जगह–जगह तोड़ती नज़र आती हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License