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भारत
राजनीति
खतरनाकः BHU अस्पताल में बेहोशी के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल, BJP विधायक के पिता की कंपनी करती थी सप्लाई
इलाज में इस गैस के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है।
सबरंग इंडिया
05 Oct 2017
BHU hospital

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय छात्राओं के खिलाफ किए गए कार्रवाई के बाद एक फिर सुर्खियों में है। विश्वविद्यालय के एक अस्पताल में ऑपरेशन के लिए मरीजों को बेहोश करने के लिए इंडस्ट्रियल गैस का इस्तेमाल किया जाता था। इलाज में इस गैस के इस्तेमाल की अनुमति नहीं है। अस्पताल में मरीजों की मौत के बाद इलाहाबाद हाईकोर्ट ने जांच के आदेश दिए थे। जिस कंपनी द्वारा गैस का सप्लाई किया जाता था उस कंपनी के डायरेक्टर बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता हैं।

अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक केंद्र तथा उत्त प्रदेश सरकार की संयुक्त जांच दल बीएचयू के अस्पताल में तीन दिन के भीतर समान्य से ज्यादा मौतों की जांच में इंडस्ट्रियल गैस के इस्तेमाल की बात सामने आई है। रिपोर्ट के अनुसार 6 जून से 8जून के बीच बीएचयू के अस्पताल में कम से कम 14 लोगों की मौत हुई जो अस्पताल में ऑपरेशन के लिए भर्ती हुए थे। इन मरीजों की मौत के बाद ही अदालत ने मामले की जांच का आदेश दिया।

अखबार के अनुसार उसके पास मौजूद जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि गैर-चिकित्सकीय नाइट्रस आक्साइड का इस्तेमाल अस्पताल में किया जा रहा था। ये गैस उस श्रेणी में नहीं है जिनका इस्तेमाल चिकित्सा के लिए किया जाता है। इस रिपोर्ट के उत्तर प्रदेश फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने तैयार किया है।

साथ ही रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अस्पताल में गैस की आपूर्ति करने वाली इलाहाबाद की प्राइवेट कंपनी परेरहट इंडस्ट्रियल एंटरप्राइजेज के पास मेडिकल गैस बनाने या बेचने का लाइसेंस नहीं है। कंपनी के डायरेक्टर अशोक कुमार बाजपेयी इलाहाबाद से बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी के पिता हैं। उनके पास कंपनी के 1.21 करोड़ रुपये के शेयर हैं।

रिपोर्ट के मुताबिक इलाहाबाद के असिस्टेंट ड्रग इंस्पेक्टर केजी गुप्ता ने एक आरटीआई के जवाब में कहा है कि इलाहाबाद के नैनी स्थित कंपनी को उत्तर प्रदेेश फूड सेफ्टी विभाग ने कंपनी की तरफ से किसी भी प्रकार का गैस उत्पादन करने कोई लाइसेंस नहीं दिया गया है। बीजेपी विधायक हर्षवर्धन बाजपेयी ने भी माना है कि उनकी कंपनी के पास गैस बनाने और बेचने का किसी प्रकार का लाइसेंस नहीं। 

Courtesy: सबरंग इंडिया,
Original published date:
05 Oct 2017

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CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License