NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
इज़रायली सेना द्वारा 15 वर्षीय किशोर की हत्या "अंतरराष्ट्रीय क़ानून का घोर उल्लंघन" है : संयुक्त राष्ट्र
अवैध इज़रायली बस्ती में निर्माण के ख़िलाफ़ क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में प्रदर्शन के दौरान 4 दिसंबर को इज़रायल के सैनिकों ने अली अबू आलिया की हत्या कर दी थी।
पीपल्स डिस्पैच
18 Dec 2020
इज़रायल

गुरुवार 17 दिसंबर को जारी एक बयान में यूनाइटेड नेशन ह्यूमन राइट्स ऑफिस फॉर द हाई कमिश्नर ने कब्जे वाले वेस्ट बैंक में विरोध प्रदर्शन के दौरान 4 दिसंबर को इज़रायली सैनिकों द्वारा 15 साल के एक लड़के अली अबू आलिया की हत्या करने को लेकर निंदा की। कमिशन ने इसे "अंतर्राष्ट्रीय क़ानून का घोर उल्लंघन” बताया है।

इजरायली रक्षा बलों (आईडीएफ) ने लड़के को उस समय गोली मार दी थी जब वह खड़ा होकर उस प्रदर्शन को देख रहा था जो कि वेस्ट बैंक के कब्जे वाले सामिया के पास उसके गांव अल-मुगायिर के पास एक अवैध बस्ती चौकी के निर्माण का विरोध करने के लिए आयोजित किया गया था। आईडीएफ ने लड़के को गोली मार दी थी। हालांकि इसने गोली के इस्तेमाल से इनकार करते हुए कहा कि लड़का उस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा था जो सड़क को अवरुद्ध कर रहा था। हालांकि, प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया है कि इजरायली सैनिकों ने गांव में प्रवेश किया और प्रदर्शनकारियों पर आंसू गैस के गोले दागे, स्टन ग्रेनेड का इस्तेमाल किया और गोलियां चलाई जिससे अली की मौत हो गई।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार कार्यालय ने बयान में कहा कि प्रदर्शनकारियों और मारे गए लड़के की तरफ से उनकी जान को कोई खतरा न होने के बाद भी इजरायली सैनिकों ने "जानबूझकर घातक बल" का इस्तेमाल अवैध रूप से किया। संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञों ने इस घटना की एक स्वतंत्र और निष्पक्ष नागरिक जांच और दोषी को जवाबदेह ठहराने की मांग की।

संयुक्त राष्ट्र के विशेषज्ञ एग्नेस कैलमार्ड और माइकल लिन ने कहा कि इजरायल फिलिस्तीनी बच्चों के साथ दुर्व्यवहार करता रहा है। केवल 2020 में अलग-अलग घटनाओं में इजरायली बलों द्वारा कम से कम छह फिलिस्तीनी लड़कों को मार दिया गया है और 1,000 से अधिक घायल हुए हैं। उन्होंने इस तरह के अत्याचारों पर गहरी चिंता व्यक्त की और तर्क दिया कि, "इजरायली सुरक्षा बलों द्वारा इतने सारे बच्चों की हत्याओं के लिए निम्न स्तर की कानूनी जवाबदेही किसी देश के लिए घृणित है जो यह घोषणा करता है कि वह कानून के शासन से संचालित होता है"।

अली की हत्या ने यूरोपीय संघ, यूनिसेफ और कई अन्य संगठनों के साथ साथ विश्व भर में नाराजगी पैदा कर दी है।सभी मौजूदा अंतरराष्ट्रीय कानूनों के उल्लंघन करते हुए इज़रायल द्वारा फिलिस्तीनी भूमि पर कब्जे और इसके क्षेत्र के अंदर बस्तियों के निर्माण के मुद्दे को भी इसने उठाया है।

international criminal law
Israel
United nations
Palestine
occupied west bank
israel and palestine

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

जलवायु परिवर्तन : हम मुनाफ़े के लिए ज़िंदगी कुर्बान कर रहे हैं

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

क्या यूक्रेन मामले में CSTO की एंट्री कराएगा रूस? क्या हैं संभावनाएँ?

पुतिन को ‘दुष्ट' ठहराने के पश्चिमी दुराग्रह से किसी का भला नहीं होगा


बाकी खबरें

  • अनिंदा डे
    मैक्रों की जीत ‘जोशीली’ नहीं रही, क्योंकि धुर-दक्षिणपंथियों ने की थी मज़बूत मोर्चाबंदी
    28 Apr 2022
    मरीन ले पेन को 2017 के चुनावों में मिले मतों में तीन मिलियन मत और जुड़ गए हैं, जो  दर्शाता है कि दूसरे विश्व युद्ध के बाद धुर-दक्षिणपंथी फिर से सत्ता के कितने क़रीब आ गए थे।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    दिल्ली : नौकरी से निकाले गए कोरोना योद्धाओं ने किया प्रदर्शन, सरकार से कहा अपने बरसाये फूल वापस ले और उनकी नौकरी वापस दे
    28 Apr 2022
    महामारी के भयंकर प्रकोप के दौरान स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक सर्कुलर जारी कर 100 दिन की 'कोविड ड्यूटी' पूरा करने वाले कर्मचारियों को 'पक्की नौकरी' की बात कही थी। आज के प्रदर्शन में मौजूद सभी कर्मचारियों…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज 3 हज़ार से भी ज्यादा नए मामले सामने आए 
    28 Apr 2022
    देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 3,303 नए मामले सामने आए हैं | देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 16 हज़ार 980 हो गयी है।
  • aaj hi baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    न्यायिक हस्तक्षेप से रुड़की में धर्म संसद रद्द और जिग्नेश मेवानी पर केस दर केस
    28 Apr 2022
    न्यायपालिका संविधान और लोकतंत्र के पक्ष में जरूरी हस्तक्षेप करे तो लोकतंत्र पर मंडराते गंभीर खतरों से देश और उसके संविधान को बचाना कठिन नही है. माननीय सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कथित धर्म-संसदो के…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र: एक कवि का बयान
    28 Apr 2022
    आजकल भारत की राजनीति में तीन ही विषय महत्वपूर्ण हैं, या कहें कि महत्वपूर्ण बना दिए गए हैं- जुलूस, लाउडस्पीकर और बुलडोज़र। रात-दिन इन्हीं की चर्चा है, प्राइम टाइम बहस है। इन तीनों पर ही मुकुल सरल ने…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License