NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
लव जिहाद की अगली कड़ी "लैंड जिहाद " ?
उनके घर के बहार कुछ लोग खड़े हो गए और नारे देने लगे . उनका कहना था कि वो किसी भी हिन्दू बहुल इलाके में एक मुस्लिम परिवार को नहीं रहने देंगे .
ऋतांश आज़ाद
21 Dec 2017
लैंड जिहाद
Image Courtesy: scroll.in

साम्प्रदायिकता की जड़ें उत्तर प्रदेश में लगातार गहरी होती जा रही हैं, इसका एक और उदाहरण मेरठ में सामने आया है. मेरठ में एक मुस्लिम परिवार के हिन्दू बहुल इलाके में घर लेने को “लैंड जिहाद” कहकर उन्हें वहाँ से निकलने पर मजबूर कर दिया गया. मेरठ के चाह्सोर इलाके में उस्मान नामक एक शख्स एक हिन्दू जौहरी संजय रस्तोगी से एक घर खरीदा जिसकी आखरी किश्त 8 दिसंबर को दी गयी थी . जिस दिन उस्मान और उनका परिवार अपने नए घर में प्रवेश किया , उनके घर के बहार कुछ लोग खड़े हो गए और नारे देने लगे . उनका कहना था कि वो किसी भी हिन्दू बहुल इलाके में एक मुस्लिम परिवार को नहीं रहने देंगे .

मीडिया से बात करते हुए उस्मान का कहना था जब वह घर पहुँचे , तो कुछ लोग उनके घर के सामने आ गये और उन्हें कहने लगे कि रस्तोगी उन्हें घर नहीं बेच सकते क्योंकि रस्तोगी इन लोगों के कर्ज़दार हैं .जब वो अपनी बात उन्हें समझाने लगे तो वहां और लोग इकटठा हो गए और नारे बाज़ी करने लगे और ये कहने लगे कि ये सम्पत्ति मुस्लिम परिवार को नहीं दी जा सकती .

ये सभी लोग बीजेपी की युवा ईकाई भारतीय जनता युवा मोर्चा से जुड़े हुए हैं और उनका कहना है कि मुस्लिम सुनियोजित तरीके से हिन्दू बहुल इलाके में घर ले रहे हैं, जिससे कुछ ही समय में वो उसे मुस्लिम बहुल इलाका बना सके. इस तथाकथित समस्या को ये “लैंड जिहाद” का नाम दे रहे रहे हैं और इनका कहना है कि ये समस्या बहुत पुरानी है पर लोगों ने इसे अभी समझना शुरू किया है .

भारतीय जनता युवा मोर्चा और कॉलोनी के बाकि लोगों के इस हंगामे के बाद उस्मान और घर के पूर्व मालिक रस्तोगी ने डील ख़तम कर दी है . उस्मान का कहना है कि “उन्हें कोई परेशानी नहीं चाहिए” और इसीलिए वो घर छोड़कर जा रहे हैं .पुलिस का कहना है कि वो इस पूरे घटनाक्रम के बाद वहाँ पहुँचे पर दोनों पक्षों के बीच मामला पहले ही सुलझाया जा चुका था .

उत्तर प्रदेश में लगातार अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार माहौल बनाया जा रहा है .पिछले दिनों एक हिंदूवादी संगठन हिन्दू जागरण मंच ने मिशनरी स्कूलों को क्रिसमस न मनाने की धमकी दी थी , क्योंकि उनके हिसाब से वहाँ छात्रों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था . इससे पहले 5 दिसंबर को एक इसाई महिला कमला और उसके कुछ साथियों पर घर में पूजा करते वक्त हिंदूवादी संगठनों ने हमला किया और बाद में उन्हें धर्मपरिवर्तन करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया .

1982 में हुए मेरठ के दंगों के बाद शहर के दोनों समाज अलग अलग इलाकों में रहने लगे थे ,पर “लैंड जिहाद” का शगूफा नया लगता है . ये भी सच है कि मुसलमानों को हिन्दू बहुल इलाकों में घर न दिये जाने की घटनाएँ काफी समय से उत्तर भारत में एक समस्या रही है . पर “लैंड जिहाद” के नाम पर घर न दिया जाना और ये कहना कि मुसलमान ये सुनियोजित ढंग से कर रहे हैं , समाज को बांटने का एक नया तरीका मालूम होता है .

इतिहास के कुछ पन्ने पलटने पर शायद इस प्रकरण को बहतर तरीके से समझा जा सकता है .2002 के गुजरात दंगों के बाद हज़ारों मुसलमान अहमदाबाद के दंगा प्रभावित क्षेत्रों जैसे नरोदापाटिया, असवारा से जुहापुरा आ गए थे .इसके बाद अहमदाबाद का जुहापुरामु करीब 4 लाख लोगों साथ देश का दूसरा सबसे बड़ा मुस्लिम बहुल इलाका बन गया .जहाँ सरकार के विकास कार्य के कोई सबूत दिखाई नहीं पड़ते . लग रहा है समाज को बांटने का यही “गुजरात मॉडल” उत्तर प्रदेश में अपनाये जाने का “लैंड जिहाद” एक बहाना है.

विश्व हिन्दू परिषद् के नेता प्रवीण तोगड़िया ने 2014 में अहमदाबाद में एक बयान दिया था जिसमें वो यही कह रहे थे कि हिन्दू इलाके में मुसलामन एक साजिश के तहत आते हैं , जिससे उस इलाके को वह मुस्लिम बहुल बनाकर कब्ज़ा कर लें . इसके बाद उन्होंने मुसलमानों को भगाने की तरकीबें बतायी जिसपर विवाद खड़ा हो गया था . मेरठ में हुई घटना और “लैंड जिहाद” का शाजूफा यहीं से लिया गया लगता है . लग रहा है तथाकथित “लैंड जिहाद” के नाम पर मेरठ में हुई घटना उसी दिशा निर्देश का पालन है . 

land jihad
meerut
UttarPradesh
Communalism

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

मोदी@8: भाजपा की 'कल्याण' और 'सेवा' की बात

तिरछी नज़र: ये कहां आ गए हम! यूं ही सिर फिराते फिराते

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?

क्यों अराजकता की ओर बढ़ता नज़र आ रहा है कश्मीर?

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?

मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?


बाकी खबरें

  • hafte ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    बीमार लालू फिर निशाने पर क्यों, दो दलित प्रोफेसरों पर हिन्दुत्व का कोप
    21 May 2022
    पूर्व रेलमंत्री लालू प्रसाद और उनके परिवार के दर्जन भर से अधिक ठिकानों पर सीबीआई छापेमारी का राजनीतिक निहितार्थ क्य है? दिल्ली के दो लोगों ने अपनी धार्मिक भावना को ठेस लगने की शिकायत की और दिल्ली…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    ज्ञानवापी पर फेसबुक पर टिप्पणी के मामले में डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल को ज़मानत मिली
    21 May 2022
    अदालत ने लाल को 50,000 रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही जमानत राशि जमा करने पर राहत दी।
  • सोनिया यादव
    यूपी: बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के बीच करोड़ों की दवाएं बेकार, कौन है ज़िम्मेदार?
    21 May 2022
    प्रदेश के उप मुख्यमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री ब्रजेश पाठक खुद औचक निरीक्षण कर राज्य की चिकित्सा व्यवस्था की पोल खोल रहे हैं। हाल ही में मंत्री जी एक सरकारी दवा गोदाम पहुंचें, जहां उन्होंने 16.40 करोड़…
  • असद रिज़वी
    उत्तर प्रदेश राज्यसभा चुनाव का समीकरण
    21 May 2022
    भारत निर्वाचन आयोग राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा  करते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश समेत 15 राज्यों की 57 राज्यसभा सीटों के लिए 10 जून को मतदान होना है। मतदान 10 जून को…
  • सुभाष गाताडे
    अलविदा शहीद ए आज़म भगतसिंह! स्वागत डॉ हेडगेवार !
    21 May 2022
    ‘धार्मिक अंधविश्वास और कट्टरपन हमारी प्रगति में बहुत बड़े बाधक हैं। वे हमारे रास्ते के रोड़े साबित हुए हैं। और उनसे हमें हर हाल में छुटकारा पा लेना चाहिए। जो चीज़ आजाद विचारों को बर्दाश्त नहीं कर सकती,…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License