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राजनीति
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अमेरिका
विरोध करने के लोकतांत्रिक अधिकार में अड़चन डालती लॉस एंजेलिस पुलिस
लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग(LAPD) ने पीपुल्स समिट की ओर से आयोजित अमेरिका के 9वें वार्षिक शिखर सम्मेलन पर निकलने वाले एक जुलूस को इजाज़त देने से इनकार कर दिया है
पीपुल्स डिस्पैच
02 Jun 2022
peoples summit
पीपुल्स समिट की 31 मई को आयोजित एक प्रेस में यूनियन डी वेकिनोस, ANSWER गठबंधन, इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली और बहुत सारे संगठनों के वक्ता शामिल हुए।

आयोजकों ने प्रेस को दिये बयान में ऐलान किया है कि पीपुल्स समिट के आयोजकों और समर्थकों को विरोध करने के उनके लोकतांत्रिक अधिकार से वंचित करते हुए लॉस एंजिल्स पुलिस विभाग (LAPD) ने अमेरिका के 9वें वार्षिक शिखर सम्मेलन पर निकलने वाले एक जुलूस को इजाज़त देने से इनकार कर दिया है। पीपुल्स समिट के आयोजकों ने 10 जून को अपने उस जुलूस के लिए 25 फ़रवरी की शुरुआत में ही इजाज़त देने के लिए आवेदन कर दिया था। उनका कहना है कि एलएपीडी महीनों से इसे रोके हुआ है और उनका कहना है कि गुप्त सेवा और संघीय सरकार इस देरी के लिए ज़िम्मेदार है।

अमेरिकी संविधान के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विरोध का अधिकार सुरक्षित है। पीपुल्स समिट के आयोजक अब भी इस इजाज़त के लिए लड़ रहे हैं, और नतीजे की परवाह किये बिना इस जुलूस को निकाले जाने की योजना है।

पीपुल्स समिट की ओर से आयोजित 31 मई की प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान एंसर कोएलिशन के एस्टेवन हर्नांडेज़ ने कहा,"हम इसे अपनी संवैधानिक रूप से संरक्षित मुक्त भाषण गतिविधि के अलोकतांत्रिक उल्लंघन के रूप में देखते हैं। इजाज़त का जो कुछ हो... हम अगले हफ़्ते जुलूस ज़रूर निकालेंगे।"

पीपुल्स समिट का यह आयोजन अमेरिका के आधिपत्य वाले अमेरिकी शिखर सम्मेलन का मुक़ाबला करने के लिए किया जा रहा है। अमेरिकी शिखर सम्मेलन "एक स्थायी, लचीला और न्यायसंगत भविष्य के निर्माण" पर चर्चा करने के लिए पूरे अमेरिकियों के नेतृत्व में आयोजित करने का दावा करता है। 1994 में मियामी में आयोजित इसके स्थापना शिखर सम्मेलन के बाद से यह दूसरी बार है कि इस शिखर सम्मेलन की मेजबानी अमेरिका में की जायेगी। इस आयोजन की कामयाबी को सुनिश्चित करने को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन की साख ज़बरदस्त रूप से दांव पर लगी हुई है, लेकिन बाइडेन को शुरू से ही भारी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

अमेरिकियों का यह शिखर सम्मेलन अमेरिका से बहुत ज़्यादा प्रभावित है और पहले से ही उन दो देशों-वेनेज़ुएला और निकारागुआ को बाहर करने का फ़ैसला किया जा चुका है, जिन्हें लेकर अमेरिका का रवैया शत्रुतापूर्ण है और अभी तक क्यूबा की भागीदारी को लेकर फ़ैसला नहीं हो पाया है। इस पूरे गोलार्ध के नेताओं ने इन देशों को बाहर रखने का जवाब इस शिखर सम्मेलन का पूरी तरह से बहिष्कार किये जाने की धमकी के साथ दिया है। मैक्सिको के राष्ट्रपति, एंड्रेस मैनुअल लोपेज़ ओब्रेडोर (AMLO) ने कहा "अमेरिका के सभी देशों के बिना कोई भी शिखर सम्मेलन 'अमेरिका का' कैसे हो सकता है ?", अगर अमेरिका इन देशों को बाहर रखे जाने के अपने फ़ैसले को वापस नहीं लेता,तो ओब्रेडोर ने बहिष्कार का विकल्प चुना है।

पीपुल्स समिट प्रेस कॉन्फ़्रेंस के दौरान इंटरनेशनल पीपुल्स असेंबली के मनोलो डी लॉस सैंटोस ने कहा, "बाइडेन का यह शिखर सम्मेलन पहले ही नाकाम इसलिए हो चुका है, क्योंकि उन्होंने वास्तविक लोकतंत्र का पालन करने से इनकार कर दिया है ... हम बेआवाज़ नहीं हैं, हमारे पास आवाज़ें हैं और हम उन्हें अपने पीपुल्स समिट में उठाने जा रहे हैं।”

यह पीपुल्स समिट अमेरिका में अमेरिकी वर्चस्व के पहले से मौजूद एजेंडे का मुक़ाबला करेगा। जैसा कि चिरला के कार्यकारी निदेशक एंजेलिका सालास ने कहा,

“पीपुल्स समिट अप्रवासियों, महिलाओं और श्रमिकों के अधिकार, लोकतांत्रिक मानदंडों का पुनर्निर्माण और संरक्षण, परिवारों की सुरक्षा जैसे उन तमाम मुद्दों को उठायेगा, जो मुद्दे हमारे लोगों के लिए अहम हैं, लेकिन छोटे-छोटे देशों के उस अन्य राष्ट्रपति शिखर सम्मेलन से बाहर रह गये हैं। हम पश्चिमी गोलार्ध की एक अलग नज़रिये को सभी के लिए शांति, स्वतंत्रता और समृद्धि के स्थान के रूप में पेश करेंगे, जिसमें कोई देश, कोई आस्था, कोई जाति और कोई लिंग नहीं है।”

अमेरिका ने पीपुल्स समिट में भाग लेने वाले क्यूबा के सिविल सोसाइटी के 23 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल को भी वीजा देने से इनकार कर दिया है। इस बहिष्कार में शामिल मनोलो डी लॉस सैंटोस ने कहा, "अमेरिकी सरकार की नीति क्यूबा के लोगों के प्रति ही नहीं , बल्कि संयुक्त राज्य के उन लोगों के प्रति भी बेरहम है, जिन्हें न सिर्फ़ इस द्वीप पर रह रहे लोगों के साथ रिश्ते रखने, बल्कि उनसे सीधे बात करने और संवाद करने में सक्षम होने के अधिकार से भी वंचित किया जा रहा है।"

साभार : पीपुल्स डिस्पैच 

United States of America
Andres Manuel Lopez Obrador
ANSWER coalition
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Los Angeles Police Department
Manolo De Los Santos
People's Summit for Democracy
Summit of the Americas
US imperialism in Latin America

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