NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
लैटिन अमेरिका और कैरिबियन में साल 2020 के पहले तीन तिमाहियों में काम के घंटों में सबसे अधिक कमी
इस क्षेत्र में नौ बड़े अर्थव्यवस्थाओं पर आधारितआईएलओ के अध्ययन ने इस तथ्य पर प्रकाश डाला कि COVID-19 के कारण 34 मिलियन से अधिक लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा।
पीपल्स डिस्पैच
01 Oct 2020
लैटिन अमेरिका

बुधवार 30 सितंबर को जारी अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार लैटिन अमेरिका के नौ देशों में लगभग 34 मिलियन कर्मचारियों ने अपनी नौकरी गंवा दी जो इस क्षेत्र में कुल आर्थिक रूप से सक्रिय जनसंख्या का 80 प्रतिशत हिस्सा है। हालांकि कुछ नौकरियों के नुकसान अस्थायी हैं और लॉकडाउन के प्रभावों के ख़त्म होने के बाद फिर से शुरु होने की उम्मीद है। अब COVID-19 से पहले की नौकरी की स्थिति के वापस आने में लंबा समय लगेगा।

इस रिपोर्ट में इस तथ्य पर भी प्रकाश डाला गया है कि पहली तीन तिमाहियों में काम के घंटों के नुकसान के मामले में लैटिन अमेरिका और कैरेबियन देश 21 प्रतिशत नौकरी गंवाने के साथ दुनिया के अन्य क्षेत्रों की तुलना में शीर्ष पर है। ये आंकड़ा विश्व के औसत आंकड़े 11.7 प्रतिशत से लगभग दोगुना है।

रिपोर्ट का शीर्षक "लेबर ओवरव्यू इन द टाइम ऑफ COVID-19 : इम्पैक्ट्स ऑन द लेबर मार्केट एंड इनकम इन लैटिन अमेरिका एंड द कैरेबियन" है जो ब्राजील,अर्जेंटीना, चिली, कोलंबिया, कोस्टा रिका, मैक्सिको, पेरू,पराग्वे और उरुग्वे से एकत्र किए गए आंकड़ों पर आधारित है।

साल 2020 की पहली तीन तिमाहियों के रिपोर्ट के अनुसार श्रम आय में 19 प्रतिशत से अधिक की कमी आई। रिपोर्ट में कहा गया है कि सबसे ख़राब तिमाही दूसरी तिमाही थी जब कुल काम के 33.5 प्रतिशत से ज़्यादा का नुकसान हुआ था। दूसरी तिमाही में इन नौ देशों की औसत बेरोज़गारी दर 11.5 प्रतिशत थी जो पिछली तिमाही की तुलना में 2 प्रतिशत अधिक थी।

रिपोर्ट जारी करने के अवसर पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आईएलओ के अधिकारियों ने कहा है कि, "कम योग्यता वाले युवाओं, महिलाओं और वयस्कों जैसे कुछ कर्मचारियों के समूहों के लिए औपचारिक काम की कमी अधिक ज़ाहिर हो जाएगी।" रिपोर्ट बताती है कि वर्तमान आर्थिक संकुचन ने महिला श्रमिकों को सबसे कमज़ोर स्थिति में पहुंचा दिया है। इसके दीर्घकालिक प्रभाव से कार्यबल में लिंग अंतर की वृद्धि और आय में अंतर बढ़ेगा।

इस रिपोर्ट में कहा गया है कि यद्यपि तीसरी तिमाही में काम पर लौटने के साथ फिर से हासिल होने के प्रारंभिक संकेत मिले हैं लेकिन आय-स्तर और नौकरी की दरों को COVID-19 से पहले कि स्थिति में वापस लौटने में बहुत लंबा समय लगेगा।

Latin America
carribean
lowest working hours
labor force

Related Stories

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

लैटिन अमेरिका को क्यों एक नई विश्व व्यवस्था की ज़रूरत है?

"एएलबीए मूल रूप से साम्राज्यवाद विरोधी है": सच्चा लोरेंटी

चीन और लैटिन अमेरिका के गहरे होते संबंधों पर बनी है अमेरिका की नज़र

अमेरिकी सरकार के साथ बैठक के बाद मादुरो का विपक्ष के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का ऐलान

कोलंबिया में चुनाव : बदलाव की संभावना और चुनावी गारंटी की कमी

2.2 करोड़ अफ़ग़ानियों को भीषण भुखमरी में धकेला अमेरिका ने, चिले में वाम की ऐतिहासिक जीत

लैटिन अमेरिका दर्शा रहा है कि दक्षिणपंथी उभार स्थायी नहीं है

फिदेल कास्त्रो: लैटिन अमेरिका सहित समूची दुनिया में क्रांतिकारी शक्तियों के प्रतीक पुरुष


बाकी खबरें

  • Tapi
    विवेक शर्मा
    गुजरात: पार-नर्मदा-तापी लिंक प्रोजेक्ट के नाम पर आदिवासियों को उजाड़ने की तैयारी!
    18 May 2022
    गुजरात के आदिवासी समाज के लोग वर्तमान सरकार से जल, जंगल और ज़मीन बचाने की लड़ाई लड़ने को सड़कों पर उतरने को मजबूर हो चुके हैं।
  • श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    श्रृंगार गौरी के दर्शन-पूजन मामले को सुनियोजित रूप से ज्ञानवापी मस्जिद-मंदिर के विवाद में बदला गयाः सीपीएम
    18 May 2022
    उत्तर प्रदेश सीपीआई-एम का कहना है कि सभी सेकुलर ताकतों को ऐसी परिस्थिति में खुलकर आरएसएस, भाजपा, विहिप आदि के इस एजेंडे के खिलाफ तथा साथ ही योगी-मोदी सरकार की विफलताओं एवं जन समस्याओं जैसे महंगाई, …
  • buld
    काशिफ़ काकवी
    मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव
    18 May 2022
    टकराव की यह घटना तब हुई, जब एक भीड़ ने एक मस्जिद को आग लगा दी, और इससे कुछ घंटे पहले ही कई शताब्दी पुरानी दरगाह की दीवार पर हनुमान की मूर्ति स्थापित कर दी गई थी।
  • russia
    शारिब अहमद खान
    उथल-पुथल: राजनीतिक और आर्थिक अस्थिरता से जूझता विश्व  
    18 May 2022
    चाहे वह रूस-यूक्रेन के बीच चल रहा युद्ध हो या श्रीलंका में चल रहा संकट, पाकिस्तान में चल रही राजनीतिक अस्थिरता हो या फिर अफ्रीकी देशों में हो रहा सैन्य तख़्तापलट, वैश्विक स्तर पर हर ओर अस्थिरता बढ़ती…
  • Aisa
    असद रिज़वी
    लखनऊ: प्रोफ़ेसर और दलित चिंतक रविकांत के साथ आए कई छात्र संगठन, विवि गेट पर प्रदर्शन
    18 May 2022
    छात्रों ने मांग की है कि प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन पर लिखी गई एफ़आईआर को रद्द किया जाये और आरोपी छात्र संगठन एबीवीपी पर क़ानूनी और अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाये।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License