NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
शिक्षा
भारत
मास फ़ेलियर: डीयू छात्रों का प्रदर्शन जारी
छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर 4 अप्रैल 2019 को कला विश्वविद्यालय से लेकर कुलपति कार्यालय तक विरोध मार्च आयोजित करने का निर्णय लिया है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
30 Mar 2019
मास फ़ेलियर: डीयू छात्रों का प्रदर्शन जारी

डीयू के गणित और भौतिकी विभाग के छात्रों ने कई छात्र संगठनों के साथ आर्ट्स फ़ैकल्टी के गेट पर "डीयू में मूवमेंट अगेंस्ट मास फ़ेलियर" के बैनर तले "मास फ़ेलियर और एग्ज़ाम सिस्टम में संकट" पर एक प्रतिरोध सभा की। डूटा(DUTA) के पूर्व अध्यक्षा नंदिता नारायण ने डीयू में स्नातकोत्तर स्तर पर इतनी उच्च विफ़लता दर और असामान्य मूल्यांकन के ख़िलाफ़ आंदोलनकारी छात्रों को अपना समर्थन दिया।
जेएनयूएसयू के महासचिव और एसएफ़आई के राज्यउपाध्यक्ष एजाज़ अहमद राथेर ने भी जेएनयूएसयू की तरफ़ से प्रदर्शन कर रहे छात्रों का के साथ एकजुटता ज़ाहिर की और कहा, "यह कोई नई घटना नहीं जब से मोदी सरकार आई है तब से ही शिक्षा के हर क्षेत्र में हमला हुआ है। कभी जेएनयू, जामिया, एचसीयू तो कभी डीयू सभी को विवादों के केंद्र में रखा गया है। ये एक तरह का साझा अटैक है।"

इसे भी पढ़ें:  डीयू की मनमानी के खिलाफ गणित के छात्र एकजुट, नामांकन वापस लिया


भौतिकी विभाग में, प्रथम वर्ष में 96% छात्र आंतरिक या बाहरी परीक्षा में असफ़ल रहे हैं। मैथ्स में, एक पेपर में 88% फ़ेल हुए हैं, अन्य में 50% और बाक़ी में बहुत कम अंक दिए गए हैं। शिक्षा के अधिकार के लिए ऑल इंडिया फ़ोरम के प्रो विकास गुप्ता और प्रो मधु प्रसाद ने कहा कि यह प्रणाली की विफ़लता है, छात्रों की नहीं।

इसे भी पढ़ें:  डीयू के गणित विभाग के छात्रों के बाद अब भौतिकी विभाग के छात्र भी अंदोलन की राह पर


प्रो करेन गेब्रियल ने इसे एक संस्थागत संकट के रूप में भी इंगित किया जिसे तुरंत हल करने की आवश्यकता है। प्रो. पीके विजयन ने विश्वविद्यालय द्वारा आत्मनिरीक्षण करने का आह्वान किया और केवल कुछ छात्रों को पास करने और एक विशाल बहुमत को विफ़ल करने की उनकी अभिजात्य नीति की आलोचना की जो काफ़ी हद तक हाशिए की पृष्ठभूमि से आती है। 
सभी ने डीयू के छात्रों के प्रति अपनी एकजुटता ज़ाहिर की। छात्रों ने पेपरों की पुनरावृत्ति के लिए अपनी मांगों को दोहराया जिसमें वे ग़लत तरीक़े से विफ़ल रहे हैं, उत्तर पुस्तिकाओं को देखने का अधिकार, पुनर्मूल्यांकन शुल्क को कम से कम 100 रुपये और पूरक परीक्षा का आयोजन 2 महीने के भीतर कराये जाने की मांग छात्रों ने की है। वक्ताओं ने पुलिस के द्वारा छात्रों पर हमला और विरोध प्रदर्शन को कुचलने और प्रशासन द्वारा छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी करने की भी आलोचना की। छात्रों ने अपनी मांगों को लेकर 4 अप्रैल 2019 को कला विश्वविद्यालय से लेकर कुलपति कार्यालय तक विरोध मार्च आयोजित करने का निर्णय लिया है।

Delhi University
Department of Mathematics
SFI
Student Protests
JNUSU

Related Stories

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU में खाने की नहीं सांस्कृतिक विविधता बचाने और जीने की आज़ादी की लड़ाई

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई

रेलवे भर्ती मामला: बर्बर पुलिसया हमलों के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलनकारी छात्रों का प्रदर्शन, पुलिस ने कोचिंग संचालकों पर कसा शिकंजा

रेलवे भर्ती मामला: बिहार से लेकर यूपी तक छात्र युवाओं का गुस्सा फूटा, पुलिस ने दिखाई बर्बरता

अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे गोरखपुर विश्वविद्यालय के शोध छात्र, अचानक सिलेबस बदले जाने से नाराज़

कोलकाता: बाबरी मस्जिद विध्वंस की 29वीं बरसी पर वाम का प्रदर्शन

पश्चिम बंगाल: वामपंथी पार्टियों ने मनाया नवंबर क्रांति दिवस


बाकी खबरें

  • मनोलो डी लॉस सैंटॉस
    क्यूबाई गुटनिरपेक्षता: शांति और समाजवाद की विदेश नीति
    03 Jun 2022
    क्यूबा में ‘गुट-निरपेक्षता’ का अर्थ कभी भी तटस्थता का नहीं रहा है और हमेशा से इसका आशय मानवता को विभाजित करने की कुचेष्टाओं के विरोध में खड़े होने को माना गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट
    03 Jun 2022
    जस्टिस अजय रस्तोगी और बीवी नागरत्ना की पीठ ने फैसला सुनाते हुए कहा कि आर्यसमाज का काम और अधिकार क्षेत्र विवाह प्रमाणपत्र जारी करना नहीं है।
  • सोनिया यादव
    भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल
    03 Jun 2022
    दुनिया भर में धार्मिक स्वतंत्रता पर जारी अमेरिकी विदेश मंत्रालय की रिपोर्ट भारत के संदर्भ में चिंताजनक है। इसमें देश में हाल के दिनों में त्रिपुरा, राजस्थान और जम्मू-कश्मीर में मुस्लिमों के साथ हुई…
  • बी. सिवरामन
    भारत के निर्यात प्रतिबंध को लेकर चल रही राजनीति
    03 Jun 2022
    गेहूं और चीनी के निर्यात पर रोक ने अटकलों को जन्म दिया है कि चावल के निर्यात पर भी अंकुश लगाया जा सकता है।
  • अनीस ज़रगर
    कश्मीर: एक और लक्षित हत्या से बढ़ा पलायन, बदतर हुई स्थिति
    03 Jun 2022
    मई के बाद से कश्मीरी पंडितों को राहत पहुंचाने और उनके पुनर्वास के लिए  प्रधानमंत्री विशेष पैकेज के तहत घाटी में काम करने वाले कम से कम 165 कर्मचारी अपने परिवारों के साथ जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License