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मध्य प्रदेश : काबू में नहीं आ रहे अपराध, नई कांग्रेस सरकार के साथ बीजेपी भी कठघरे में
चित्रकूट से अपहृत बच्चों की हत्या और प्रदेश में अपराधियों पर अंकुश नहीं लगने से सरकार की कार्यशैली कठघरे में है, लेकिन बीजेपी की भूमिका पर भी सवाल उठ रहे हैं।
राजु कुमार
25 Feb 2019
प्रियांश और श्रेयांश
Image Courtesy: Latestly

मध्यप्रदेश के सतना जिले के चित्रकूट से अपहृत जुड़वा बच्चों की हत्या की घटना से पूरा प्रदेश स्तब्ध रह गया। घटना के बाद पूरा चित्रकूट सड़कों पर उतर आया। मध्यप्रदेश में अपहरण, फिरौती और हत्या की इस घटना से लोगों का दिल दहल गया। प्रदेश में बढ़ते अपराध और भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के वायदे के साथ आई नई सरकार में अपराधियों पर कोई अंकुश दिखाई नहीं पड़ता। प्रदेश में एक के बाद एक कई बड़ी घटनाओं ने प्रदेश सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया है।

पिछले 12 फरवरी को चित्रकूट के सद्गुरु पब्लिक स्कूल से दिन-दहाड़े कट्टे की नोक पर 6 वर्षीय जुड़वा बच्चों प्रियांश और श्रेयांश का अपहरण हो गया था। 14 फरवरी को अपराधियों ने बच्चों के पिता तेल कारोबारी ब्रजेश रावत से 2 करोड़ रुपये की फिरौती मांगी। इसके दो दिन पहले ही इंदौर में भी एक किराना व्यापारी के बच्चे का अपहरण हुआ था, लेकिन पुलिस की तत्परता से अपहरणकर्ताओं के चुंगल से बच्चा बच गया और अपराधी पकड़े गए। चित्रकूट मामले में ऐसा नहीं हो पाया। बताया जा रहा है कि जुड़वा बच्चों को छुड़ाने के लिए पुलिस का बड़ा अमला 3-4 दिन तक काफी सक्रिय रहा, जिसकी वजह अपहरणकर्ता बच्चे को यूपी और एमपी के चित्रकूट में ही रखे रहे और जैसे ही मौका मिला, वे उन्हें लेकर बांदा भाग गए। राहगीरों से फोन लेकर रावत को अपराधी फोन करते रहे। 20 फरवरी को परिजनों ने 20 लाख रुपये भी अपराधियों को दे दिए। अपहरणकर्ताओं में से एक बच्चों को ट्यूशन पढ़ाता था। बच्चों द्वारा पहचान लिए जाने के डर से अपराधियों ने दोनों बच्चों के हाथ-पांव बांधकर यमुना नदी में फेंककर हत्या कर दी। एक राहगीर से जब फोन लेकर अपराधियों ने परिजनों को धमकी दी थी, तो शक होने पर उस राहगीर ने अपराधी की बाइक का नंबर यूपी पुलिस को दे दिया। उस बाइक पर रामराज्य लिखा हुआ था। उस आधार पर पुलिस आरोपियों तक पहुंच गई, लेकिन तब तक वे बच्चों की हत्या कर चुके थे। आरोपियों के कब्जे में मिले कार पर भाजपा का झंडा है। इससे अनुमान है कि इस कार से बच्चों को इधर-उधर करने में अपराधियों को आसानी हुई होगी। पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। अपराध को लीड कर रहा आरोपी पद्मकांत शुक्ला खुद को संघ नेता का रिश्तेदार बताता रहा है। कुछ आरोपी इंजीनियरिंग के छात्र बताए जा रहे हैं।

घटना पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव जसविन्दर सिह ने न्यूज़क्लिक को बताया, ‘‘प्रदेश में घटित आपराधिक घटनाओं को पुलिस गंभीरता से नहीं ले रही है। इस घटना में पुलिस की नाकामी अक्षम्य है। प्रदेश की विपक्षी पार्टी भाजपा पहले से ही अपराधियों को संरक्षण देती रही है, जिसकी वजह से पकड़े जा रहे आरोपियों के लिंक भाजपा, आर.एस.एस. और उससे जुड़े संगठनों के साथ दिख रहे हैं। भाजपा को घड़ियाली आंसू बहाने और प्रदेश सरकार पर सवाल खड़ा करने का अधिकार नहीं है। लेकिन प्रदेश सरकार यदि अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा पा रही है, तो यह प्रदेश की जनता की उम्मीदों पर कुठाराघात होगा।”

उल्लेखनीय है कि भाजपा भी लगातार लॉ एंड ऑर्डर के मसले पर प्रदेश सरकार को घेर रही है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव और पूर्व मंत्री नरोत्तम मिश्रा ज्यादा मुखर हैं। पिछले दिनों संपन्न विधानसभा सत्र में भी नरोत्तम मिश्रा ने इस मसले को उठाया था। उन्होंने कहा था कि प्रदेश में अपहरण उद्योग पनप रहा है। ऐसा लग रहा है कि प्रदेश में अपहरण उद्योग प्रारंभ हो गया है। अनुपूरक बजट पर चर्चा करते समय प्रदेश में बढ़ते अपराध पर कई सदस्यों ने सवाल उठाए। नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के एक सवाल के जवाब में बताया गया कि 11 नवंबर से 22 जनवरी के बीच प्रदेश में कुल 12325 अपराध हुए, इसमें 332 हत्या, 213 लूट, 6310 महिलाओं पर अत्याचार, 3 डकैती  और 5467 चोरी के मामले थे। महिला अत्याचार के सबसे ज्यादा 445 मामले भोपाल जिले में दर्ज हुए। आरिफ मसूद के एक सवाल के जवाब में यह सामने आया कि 1 जनवरी 2018 से 31 दिसंबर 2018 के बीच भोपाल जिले में महिलाओं के साथ 664 अपराध गंभीर अपराध हुए, इनमें 152 बलात्कार, 185 छेड़छाड़, 327 अपहरण के थे।

इन घटनाओं से पता चलता है कि प्रदेश में अपराधों पर नियंत्रण नहीं हो पाया है। दूसरी ओर अपराध को लेकर बार-बार सवाल उठाने वाली भाजपा पर भी इन अपराधों को लेकर माकपा सचिव सवाल खड़ा करते हैं। वे कहते हैं, ‘‘हाल में घटित कई बड़े अपराधिक मामलों में पकड़े गए आरोपी के तार भाजपा के साथ जुड़े हैं। जनवरी में मंदसौर नगर पालिका के अध्यक्ष भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की हत्या हो गई। प्रहलाद बंधवार का नजदीकी मनीष बैरागी को पुलिस ने इस हत्याकांड का आरोपी बताया। बैरागी भाजपा से जुड़ा हुआ था। कुछ दिन बाद ही बड़वानी में भाजपा नेता बलवाड़ी मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे का शव खेत में मिला। इसमें भी आरोपी भाजपा से जुड़े हुए निकले। रतलाम में हुई हत्या में आर.एस.एस. कार्यकर्ता हिम्मत पाटीदार का नाम सामने आया, जिसने खुद की हत्या की साजिश रची थी।’’

मध्यप्रदेश में पहले भी बच्चों एवं महिलाओं के खिलाफ आपराधिक घटनाएं ज्यादा हो रही थी, जिसे लेकर कांग्रेस और सामाजिक संगठन भी सवाल उठाते रहे हैं। लेकिन वर्तमान में अपराधों पर अंकुश नहीं लगने और अपराधियों को पकड़ने में पुलिस की लापरवाही के कारण नई सरकार भी कठघरे में है।

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