NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मध्य प्रदेश : ख़तरनाक है हत्याओं पर राजनीति
मध्य प्रदेश में हाल में हुई तीन हाई प्रोफाइल हत्याओं को राजनीतिक रंग दिए जाने से प्रदेश की राजनीतिक सहिष्णुता खत्म हो सकती है।
राजु कुमार
22 Jan 2019
इंदौर में प्रदर्शन

मध्य प्रदेश में पिछले एक हफ्ते में तीन हाई प्रोफाइल हत्याओं को लेकर विपक्षी दल भाजपा ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया। भाजपा इन हत्याओं को राजनीतिक रंग देने में लगी है। जबकि कांग्रेस के कुछ नेता भी प्रतिक्रिया में इन हत्याओं को भाजपा की अंदरूनी रंजिश बता रही है। प्रदेश में इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप पहली बार लगाए जा रहे हैं। प्रदेश में राजनीतिक प्रतिशोध को लेकर अपराध बहुत कम हुए हैं और उन मामलों को बड़े पैमाने पर राजनीतिक रंग देने का प्रयास कभी नहीं हुआ।

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि कांग्रेस परिवर्तन की बात करती है, क्या यही परिवर्तन है, हत्याओं का दौर शुरू हो गया है। मंदसौर हत्याकांड में भाजपा से जुड़े कार्यकर्ता की गिरफ्तारी पर कांग्रेस प्रतिक्रिया दे रही है कि ये हत्याएं भाजपा के भीतर की रंजिश है। मुख्यमंत्री कमलनाथ का कहना है कि पिछले 15 सालों में प्रदेश में अपराध तेजी से बढ़ा है, ऐसे में कांग्रेस की एक महीने की सरकार पर भाजपा आरोप न लगाए। इस तरह के आरोप-प्रत्यारोप के बीच मध्य प्रदेश में बढ़ते अपराध का मुद्दा गुम हो जाने का डर है।

पिछले 16 जनवरी को इंदौर के बिल्डर व केबल संचालक संदीप अग्रवाल की हत्या अपराधियों ने कर दी। थाने से लगभग 150 मीटर की दूरी पर घटी इस घटना से इंदौर सहित पूरा प्रदेश स्तब्ध हो गया। एक सुनियोजित साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया। पुलिस इसे कारोबारी विवाद बता रही है। इसे लेकर भाजपा ने कानून-व्यवस्था के सवाल उठाए। अगले ही दिन मंदसौर नगर पालिका के अध्यक्ष भाजपा नेता प्रहलाद बंधवार की हत्या हो गई। इस हत्या के बाद भाजपा और आक्रामक हो गई। शिवराज सिंह चौहान और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राकेश सिंह ने आरोप लगाए कि अपराधियों को कांग्रेस सरकार द्वारा राजनैतिक संरक्षण मिलने से अपराधियों के हौसले बढ़े हैं। इस हत्याकांड को पुलिस ने चंद घंटों में ही सुलझा लेने का दावा किया। प्रहलाद बंधवार के नजदीकी मनीष बैरागी को पुलिस ने इस हत्याकांड का आरोपी बताया। बैरागी भी भाजपा से जुड़ा हुआ था। उसका नाम आने पर कुछ भाजपा के नेताओं ने इससे इनकार किया, लेकिन कुछ ने स्वीकार किया कि वह साधारण कार्यकर्ता था। इस हत्या के पीछे भी जमीन एवं पैसे के लेन-देन का विवाद बताया जा रहा है। इस हत्या के बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने कानून व्यवस्था को लेकर मुख्यमंत्री को पत्र लिखा। इस पर जवाब देते हुए मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा को इस पर राजनीति नहीं करने की सलाह दी।

इन घटनाओं के तीन दिन बाद ही 20 जनवरी को प्रदेश के गृह मंत्री बाला बच्चन के जिले बड़वानी में भाजपा नेता का शव खेत में मिला। भाजपा के बलवाड़ी मंडल अध्यक्ष मनोज ठाकरे सुबह की सैर पर निकले थे। उनका पत्थर से सिर कुचला हुआ शव खेत में मिला। इसी दिन बड़वानी में ही दो सर्राफा व्यापारियों के साथ लूट हो गई। इसमें 30 किलो चांदी, 20 ग्राम सोना और कुछ नकदी की लूट हो गई। इसी दिन गुना जिले के मवन पिपरिया निवासी परमाल कुशवाहा की गोली मारकर हत्या कर दी गई। भाजपा इसे पार्टी के स्थानीय नेता बता रही है और वह स्थानीय कांग्रेस पर हत्याकांड का आरोप लगा रही है।

भाजपा इन अपराधों को लेकर कांग्रेस को कठघरे में खड़ा कर रही है। और बयान दे रही है कि यदि इस पर अंकुश नहीं लगा, तो भाजपा कार्यकर्ता चुप नहीं बैठेंगे। दूसरी ओर गृह मंत्री बाला बच्चन बयान दे रहे हैं कि बड़वानी की घटना भी मंदसौर के समान लग रही है। मुख्यमंत्री कह रहे हैं कि जिन्होंने अपने 15 साल के शासन काल में प्रदेश को अपराध प्रदेश बनाए रखा, वे एक माह की वर्तमान सरकार को कोस रहे हैं।

इस पूरे मामले को लेकर सीपीआई (एम) के वरिष्ठ नेता बादल सरोज का कहना है कि जिस तरीके से भाजपा इस मामले को दिखाना चाहती है, वह गलत है। भाजपा के शासनकाल में अपराधी बेखौफ थे और राजनीतिक संरक्षण भी था। पुलिस की नियुक्ति भी उसी आधार पर होती थी। इसलिए इसे राजनीतिक रंग देने और बयानबाजी करने के बजाय अपराध पर अंकुश लगाने के लिए कानून-व्यवस्था को ज्यादा बेहतर करने की जरूरत है, जिसकी पहल वर्तमान सरकार की ओर से अभी तक नहीं की गई है। मध्य प्रदेश को अपराध से मुक्त करने के लिए सतही प्रयासों के बजाय ठोस कार्रवाई करने और बिना राजनीतिक दबाव या बयानबाजी के अपराधियों को पकड़ने के जरूरत है।

दोनों पार्टियों की इस तरह के बयानबाजी से प्रदेश की राजनीतिक सहिष्णुता खतरे में दिखाई देने लगा है। भाजपा के कार्यकाल में यदि अपराध होते थे, तो उस आधार पर वर्तमान में हो रहे अपराधों की गंभीरता खत्म नहीं हो जाती। लेकिन जिस तरह से बयानबाजी की जा रही है, वह अपराधियों को पकड़वाने या पकड़ने के बजाय राजनीतिक ज्यादा है। यद्यपि कमलनाथ यह कहते हैं कि चाहे भाजपा के आपसी अंतर्कलह के विवाद हो या अन्य कारण, सरकार अपने कर्तव्यों का पूरा पालन करेगी। यद्यपि सरकार को भी चाहिए कि अपनी गंभीरता दिखाते हुए विपक्ष द्वारा की जा रही उच्च स्तरीय जांच की मांग को मंजूर कर विश्वास दिलाए कि वह वास्तव में अपराध और अपराधियों पर अंकुश लगाना चाहती है।

Madhya Pradesh
Congress
BJP
kamalnath
Shivraj Singh Chauhan
party-politics
murder

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License