NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मध्यप्रदेश: एक और आश्रयगृह बना बलात्कार गृह!
मूक-बधिर छात्राओं ने दुष्कर्म और छेड़छाड़ की शिकायत 6 महीने पहले की थी, लेकिन उस पर इतने समय तक कोई कार्यवाही नहीं हुई जो सरकार और व्यवस्था का महिलाओं के प्रति सुरक्षा के दावों की पोल खोलता हैI
मुकुंद झा
11 Aug 2018
rape incidents in MP
Image Courtesy : The Hindu

आज पूरे देश में कहीं भी देखें यौन हिंसा और बालिकाओं से यौनाचार की खबर सामने में आ रही है, जो किसी भी सभ्य समाज के लिए कलंक की तरह हैI ‘लेकिन आज कल तो सरकार के संरक्षण में बालिकाओं का यौन-शोषण हो रहा’ ये टिप्पणी  सुप्रीम कोर्ट ने बिहार बालिका सुधारगृह में बच्चियों से हुए बलात्कार पर सुनवाई के दौरान दीI यह किसी भी सरकार के और व्यवस्था के विफलता की कहानी बताता हैI

सुधारगृह में बलात्कार और यौनाचार की यह दुखद कहानी बिहार से शुरू हुई थी, फिर यूपी में भी इस तरह की घटनाएँ सामने आयीं, तो फिर मध्यप्रदेश कैसे पीछे रहता हैI वहाँ तो वैसे भी जब से भाजपा की सरकार बनी है तब से बलात्कार और यौन हिंसा की घटनाओं में 536% की वृद्धि हुई हैI

कल्पना कीजिए शारीरिक रूप से कमज़ोर बच्चे जो बोल और सुन नहीं सकते, उनके लिए बने एक छात्रावास में वे रहतीं हैं, इस उम्मीद में कि वहाँ उन्हें बाहरी जीवन के दौरान होने वाली तकलीफों को कम कर सकेंI लेकिन उसी छात्रावास में पिछले कई महीनों से मूक -बधिर छात्राओं से दुष्कर्म हो रहा थाI इसकी शिकायत 6 महीने पहले ही  सामाजिक न्याय विभाग के आला अधिकारियों से की गयी थीI फिर भी ऐसे भयावह मामले में इतने महीनों तक कोई कार्यवाही न हो, तो क्यों न माना जाए कि इस पूरे कुकर्म में अपराधी के साथ वहाँ का पूरा प्रशासनिक मिला हुआ है? 

भोपाल के  मूक-बधिर छात्राओं से दुष्कर्म व छेड़छाड़ के इस मामले में छात्रावास संचालक अश्विनी शर्मा को  गुरुवार को गिरफ्तार कर लिया  गयाI यहाँ ध्यान रखने वाली बात यह है कि इस मामले की  शिकायत छात्रावास की छात्राओं ने 6 महीने पहले सामाजिक न्याय विभाग को की गई थी। यदि उसी समय विभाग के अधिकारियों ने शिकायत पर ध्यान दिया होता तो हो सकता है कि इस 6 महीने के बीच जिन के साथ दुष्कर्म हुआ हो वो बच जातींI साथी ही  इसके आरोपी भी अब तक पुलिस की गिरफ्त में होता। अभी आरोपी दो दिन के लिए न्यायिक हिरासत में हैI

अब इस मामले की जाँच एसआईटी को सौंप दी गयी है और वो इस मामले की छानबीन कर रही हैI इस मामले को लेकर प्रेस से बात करते हुए आईजी जयदीप प्रसाद ने कहा कि 20 वर्षीय एक युवती ने सामाजिक न्याय विभाग को 6 महीने पहले ही शिकायत की थी और विभाग का कहना है कि इस मामले की जाँच और कार्यवाही करने की ज़िम्मेदारी सहायक संचालक संध्या शर्मा को सौंपी गयी थी, परन्तु इसमें कोई कार्यवाही नहीं हुईI इस मामले में उनसे भी पूछताछ की जाएगीI अभी वो उज्जैन में पदस्थ हैंI छात्रावास को सील कर दिया हैI

इस बीच वहाँ के स्थानीय अख़बार में संध्या शर्मा का एक बयान आया है जो पुलिस की अबतक की पूरी जाँच को पलट देता हैI अबतक इस पूरे मामले के लिए संध्या शर्मा को दोषी बनाया जा रहा थाI अख़बार में छपे इस बयान के अनुसार उन्होंने कहा कि “वो  कभी भोपाल में पदस्थ नहीं रही। उन्हें  विभाग ने ऐसे किसी मामले की कभी कोई जाँच नहीं सौंपी है, न ही उन्हें इस मामले की कोई जानकारी है”। 

अब बड़ा प्रश्न यह उठता है कि इस शिकायत को किसने इतने समय तक दबाया और किसने छात्रओं का शोषण होता रहने दिया? उसके खिलाफ कार्यवाही होन भी महत्वपूर्ण हैI

ऐसे ही भ्रष्ट नौकरशाहों के सरपरस्ती में ऐसे कुकर्मियों का आत्मबल में बढ़ता जा रहा हैI बिहार और यूपी में भी यही देखने को मिला कि किस तरह से अधिकारियों के साथ मिलीभगत से सुधारगृह को बलात्कारगृह में परिवर्तित कर दिया गयाI

बिहार के मुज़फ्फरपुर की घटना को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती से टिप्पणी देते हुए कहा कि, “ऐसा लग रहा है कि यह पूरी वीभत्स घटना जो घटी है वो राज्य प्रायोजित हैI”

NCRB के डेटा का हवाला देते हुए कहा कि हर 6 घन्टे में बलात्कार की वारदात हो रही है और रोज़ चार महिलाओं के साथ बलत्कार होता हैI आँकड़ों के मुताबिक 2016 में भारत में 38,947 बलात्कार हुए थे I

कोर्ट ने अपनी सुनवाई में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कही कि इन सभी संस्थाओं को सरकार से इतने भारी फंड दिए जाते थे, तो इस बारे में जानकारी क्यों नहीं जुटीई गई कि वे इसका क्या कर रहे हैं?

अभी मध्यप्रदेश की जिस संस्था पर आरोप लगे हैं उसे भी सरकार एक अच्छी खासी रकम देती थीI

यौन अपराधों के प्रति, खासतौर से अगर यह अपराध आर्थिक रूप से कमज़ोर लोगों पर किये जाएँ, सरकार, प्रशासन और यहाँ तक कि समाज भी आँखें मूँद लेता हैI इन तमाम मामलों से एक बात स्पष्ट है कि इस तबके के प्रति उदासीनता उन्हें एक बेहद दर्दनाक ज़िन्दगी जीने के लिए मजबूर कर रही हैI

rapes in MP
rapes in shelter home
Bihar
Bihar Shelter Home Rape case
MP Hostel Rape Case
बिहार
मध्य प्रदेश

Related Stories

बिहार: पांच लोगों की हत्या या आत्महत्या? क़र्ज़ में डूबा था परिवार

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बिहारः नदी के कटाव के डर से मानसून से पहले ही घर तोड़कर भागने लगे गांव के लोग

मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 

बिहार : दृष्टिबाधित ग़रीब विधवा महिला का भी राशन कार्ड रद्द किया गया

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका

बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’

बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License